हेप्पी बर्थडे: कल्कि कोचलिन की तरह प्रेग्‍नेंसी में फिट रहने के लिए ये 2 योगासन जरूर करें

अगर आप भी प्रेग्‍नेंसी में फिट और हेल्‍दी रहना चाहती हैं तो कल्कि कोचलिन की तरह ये 2 योग जरूर करें। आइए उनके बर्थडे के मौके पर जानें कौन से हैं ये योग। 

prenatal yoga poses from Kalki Koechlin main

इसमें कोई शक नहीं है कि प्रत्येक योग मुद्रा के अपने फायदे होते हैं। कुछ पोज़ मूड को बेहतर बनाते है, तो दूसरे योगासन का असर शरीर को रिलैक्‍स और सुखदायक प्रभाव देते है। इसलिए केवल यह माना जाता है कि लोग रेगुलर योग का अभ्‍यास करते हैं, कई महिलाएं इसे प्रेग्‍नेंसी के दौरान भी करती हैं। और ऐसा ही कुछ हमें प्रेग्नेंसी फिटनेस इंस्पिरेशन देते हुए एक्ट्रेस कल्कि कोचलिन भी नजर आई थीं। अपनी प्रेग्नेंसी के दौरान कल्कि ने इंस्टाग्राम अकाउंट पर योग करते हुए तस्वीरें शेयर की थीं। कल्कि उन महिलाओं में से एक रही हैं जिन्हें प्रेग्नेंसी के दौरान भी फिटनेस की चिंता रही है और वो रेगुलर एक्सरसाइज और योग करती रही हैं।

पनी दमदार एक्टिंग से बॉलीवुड में जगह बनाने वाली कल्कि 10 जनवरी को अपना जन्मदिन मनाती हैं। आज उनके बर्थडे के मौके पर हम आपको ऐसे ही 2 योगासन के बारे में बताने जा रहे है जो खुद को फिट रखने के लिए कल्कि प्रेग्‍नेंसी के दौरान करती थीं। तो देर किस बात की आइए जानें कौन से है ये योगासन और इसे कैसे किया जाना चाहिए।

कोचलिन ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर किया था जिसमें उन्हें 'गारलैंड पोज़' या 'मालासन' करते देखा जा सकता है, जो एक ऐसा योगासन है, जो अपने शांत प्रभाव के लिए जाना जाता है, और 'उत्कट कोनासन' या 'देवी मुद्रा' हिप्‍स को मजबूत और लेबर पेन को आसान बनाने में हेल्‍प करता है। जो तस्वीर कल्कि ने शेयर की थी उस तस्वीर में कल्कि रॉ मैंगो आउटफिट में प्यारी लग रही थीं, कल्कि कोचलिन ने इस फोटो को कैप्शन दिया था, "कहीं मालासन और उत्कट कोनासन के बीच"।

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प्रेग्‍नेंसी में योग करना प्रेग्‍नेंट महिलाओं के मन और बॉडी को हेल्‍दी बनाए रखने का आदर्श तरीका है क्योंकि यह उन पोज़ पर फोकस करता है जो ताकत और लचीलापन बढ़ाते हैं। यह गर्भवती महिलाओं को आसान और अधिक आरामदायक डिलीवरी के लिए ब्रिदिंग और रिलैक्‍स तकनीक विकसित करने में भी मदद करता है।

मालासन में, जिसकी अपनी भुजाएं माला बन जाती हैं और सिर आगे झुक जाता है, यह कहा जाता है कि ध्यान भीतर की ओर खींचा जाता है जो मन को शांत करने में हेल्‍प मिलती है। जबकि उत्कट कोनासन में ब्‍लड सर्कुलेशन बढ़ता है जो डिलीवरी पेन को कम करने में हेल्‍प करता है।

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आसन के बारे में कुछ बातें जानें

  • मालासन में आगे की ओर झुकते हुए स्क्वाट की पॉजिशन में आते है। मालासन की स्क्वेटिंग पोजीशन क्वाड्रिसेप्स, हैमस्ट्रिंग, ग्लूटल और पैरों की मसल्‍स पर काम करती है और पीठ के निचले हिस्से और कोर को मजबूत बनाने में भी हेल्‍प करती है।
  • उत्कट कोनासन हिप्‍स और चेस्‍ट को खोलने का एक शानदार तरीका है, और एक्टिव डिलीवरी के लिए यह निचली बॉडी को मजबूत बनाता है।
  • हालांकि, किसी को भी ऐसी अवस्‍था में दोनों पोज़ का अभ्यास करने से बचना चाहिए, अगर कूल्हों, पैरों या कंधों में कोई चोट हाल ही में लगी है। आइए इन दोनों आसन को करने के तरीके बारे में जानें। (प्रेग्‍नेंसी में एक्‍सरसाइज करना सही है या नहीं, जानिए इससे जुड़े मिथ और फैक्‍ट्स)
prenatal yoga poses from Kalki Koechlin inside

मालासन करने का तरीका

  • यह आसन पैरों, एडि़यों, घुटनों और जांघों को मजबूत तथा लचीला बनाता है और शरीर के अंदर मौजूद गंदगी को दूर करता है। साथ ही यह गर्भाशय संबंधी तकलीफ, अपच,जोड़ों में दर्दऔर जांघों के खिंचाव में भी बहुत लाभदायक होता है।
  • इस योगासन को करने के लिए सबसे पहले दोनों पैरों के बीच करीब दो फीट की दूरी रखते हुए खड़े हो जाएं।
  • ध्‍यान रखें कि दाहिने पैर का पंजा दाईं ओर और बाएं पैर का पंजा बाईं ओर मुड़ा हुआ हो।
  • इस अवस्था में थोड़ा झुकें, मानो आप चेयर पर बैठे हैं।
  • फिर दोनों हाथों से प्रणाम मुद्रा इस तरह रखें कि दोनों कोहनियां कंधे के समानांतर लगें।
  • अब जांघों को फैलाए रखते हुए, धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए अपनी कमर को और नीचे लाएं और बैठने की कोशिश करें।
  • इस अवस्था में सहज सांस के साथ लगभग आधे से 1 मिनट तक रहें।
  • उसके बाद सांस भरते हुए दोबारा चेयर पोज में कुछ सेकेंड रहें, फिर नॉर्मल पॉजिशन में आ जाएं।

उत्कट कोनासन करने का तरीका

  • देवी मुद्रा महिलाओं को प्रजनन क्षमता में सुधार करने में हेल्‍प करती है और प्रेग्‍नेंट महिलाओं के लिए अधिक फायदेमंद है, क्योंकि यह पेल्विक एरिया के लिए काम करती है और बच्चे के जन्म के लिए कूल्हों को खोलने में मदद करती है।
  • इस आसन को करने के लिए सबसे पहले ताड़ासन में खड़े हो जाएं। फिर अपने आपके पैरों को लगभग 3 फीट अलग और समानांतर रखें।
  • फिर अपने पैर की उंगलियों को बाहर करें और अपनी ऊंची एड़ी को अंदर करें, इसलिए आपके पैर 45 डिग्री के कोण पर हैं।
  • उसके बाद कंधे की ऊंचाई पर कोहनियों को मोड़ें और आगे की ओर सभी उंगलियों और हथेलियों को खोलें।
  • अब अपने हाथों को प्रार्थना की स्थिति में रख लें और हिप्‍स और जांघों पर रिलैक्‍स करें।
  • अब, फर्श के समानांतर ठोड़ी के साथ सीधे आगे देखें।
  • इस मुद्रा को 5 से 7 गहरी सांस तक बनाए रखें।
  • फिर वापस ताड़ासन में आ जाएं।

अगर आप भी प्रेग्‍नेंसी में हेल्‍दी और डिलीवरी को आसान बनाना चाहती हैं तो कल्‍कि की तरह ये 2 योगासन जरूर करें।

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