अक्सर खुद को फिट रखने के लिए कार्डियो करना काफी पसंद करते हैं। इसे जल्दी वेट लॉस करने का एक अच्छ तरीका माना जाता है। लेकिन अगर आप भी सिर्फ ट्रेडमिल पर दौड़ने या साइकिल चलाने को ही खुद को फिट रखने का सबसे अच्छा तरीका मानते हैं, तो शायद आप गलती कर रहे हैं। यह सच है कि कार्डियो कैलोरी बर्न करने या फिर हार्ट हेल्थ के लिए फायदेमंद है, पर अगर आप फैट बर्न करने के साथ-साथ अपनी स्ट्रेंथ को बेहतर बनाने यहां तक कि अपनी ओवर ऑल फिटनेस पर ध्यान देना चाहते हैं तो आपको फंक्शनल ट्रेनिंग पर फोकस करना चाहिए।
कार्डियो से अलग, फंक्शनल ट्रेनिंग उन मूवमेंट पर फोकस करती है जो रियल लाइट एक्टिविटीज में हम सभी करते हैं। जैसे सामान उठाना, झुकना, मुड़ना और बैलेंस करना आदि। फंक्शनल ट्रेनिंग से वर्कआउट के दौरान तो कैलोरी बर्न होती ही है, साथ ही साथ इसके बाद भी घंटों तक आपका मेटाबॉलिज्म हाई रहता है, जिससे आप अधिक आसानी से फैट बर्न कर पाते हैं। तो चलिए आज इस लेख में पावरलिफ्टिंग में नेशनल रिकॉर्ड होल्डर और एनीटाइम फिटनेस के फिटनेस ट्रेनर विनय माहौर आपको बता रहे हैं कि फंक्शनल ट्रेनिंग को कार्डियो से अधिक बेहतर क्यों माना जाता है-
करते हैं रियल टाइम मूवमेंट
क्या आपने कभी सोचा है कि असली ज़िंदगी में हम कितनी बार 30 मिनट तक सीधा दौड़ते हैं? शायद ही कभी ऐसा होता हो। रोज़मर्रा की जिन्दगी में हमें कई कामों को करने के लिए ट्विस्ट होना, झुकना, बैग उठाना आदि करना होता है। ऐसे में फंक्शनल ट्रेनिंग करना यकीनन अच्छा है, क्योंकि इस दौरान भी इस तरह की मूवमेंट्स करते हैं। फंक्शनल ट्रेनिंग में स्क्वॉट्स, लंजेस, डेडलिफ्ट्स, प्रेस, और कोर रोटेशन जैसी एक्सरसाइज़ शामिल होती हैं, जो शरीर को रोज़मर्रा के कामों के लिए अधिक स्ट्रॉन्ग बनाने में मदद करती है। जहां कार्डियो ज़्यादातर स्टेमिना पर फोकस करता है, वहीं फंक्शनल ट्रेनिंग पूरे शरीर की स्ट्रेंथ को बढ़ती है।
नहीं लगते बल्की
बहुत से लोगों का यह मानना है कि फंक्शनल ट्रेनिंग ने बॉडी स्ट्रेंथ बढ़ती है, तो इससे शरीर बल्की या हैवी नजर आएगा। जबकि ऐसा नहीं है। आप शरीर तब तक बॉडीबिल्डर की तरह हैवी नजर नहीं आता है, जब तक कि आप इसके लिए विशेष रूप से ट्रेनिंग न लें। फंक्शनल ट्रेनिंग वास्तव में लीन मसल्स को बिल्डअप करती है, जिससे आपकी बॉडी अधिक टोन और फिट नजर आती है। साथ ही, जब आपका मेटाबॉलिज्म हाई होता है, तो आप आराम करते समय भी फैट बर्न करते हैं। फंक्शनल ट्रेनिंग से आपकी बॉडी अधिक टाइटन होती है। वहीं, दूसरी ओर केवल कार्डियो करने से फैट के साथ-साथ मसल्स भी बर्न हो सकती हैं, जिससे टोंड दिखने के बजाय आपकी स्किन लटकी हुई नजर आ सकती है।
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ज़्यादा कैलोरी होती है बर्न
अगर आप कम समय में अधिक कैलोरी बर्न करना चाहती हैं और साथ ही साथ एक टोन बॉडी पाना चाहती हैं तो फ़ंक्शनल ट्रेनिंग करना अधिक अच्छा रहेगा, क्योंकि इससे आपकी अधिक कैलोरी बर्न होती है। दरअसल, कार्डियो एक्सरसाइज सिर्फ तब तक कैलोरी बर्न करती है जब तक आप उसे कर रहे होते हैं, लेकिन फ़ंक्शनल ट्रेनिंग में वज़न उठाने, बॉडीवेट एक्सरसाइज, और हाई-इंटेंसिटी मूवमेंट्स करने से आपकी बॉडी को घंटों तक कैलोरी बर्न करने में मदद करती है।
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