आजकल हम अपने स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रख पाते हैं। हमारा खाने-पीने, सोने-जागने, एक्सरसाइज आदि का समय बिगड़ता जा रहा है। यह खराब जीवनशैली से जुड़ी कई समस्याओं के जोखिम को बढ़ा सकता है। इनमें हाई ब्लड प्रेशर भी शामिल है।
ब्लड प्रेशर मैनेज करता है यह प्राणायाम, रोजाना शाम को 10 मिनट करें
इस प्राणायाम को रोजाना करने से आप हाई ब्लड प्रेशर के साथ गुस्सा, तनाव और चिड़चिड़ाहट को आसानी से कंट्रोल कर सकते हैं। आइए इसके बारे में विस्तार से जानें-
हाई ब्लड प्रेशर एक ऐसी समस्या है, जो रोजाना कई लोगों को प्रभावित करती है। हाई ब्लड प्रेशर में ब्लड प्रेशर 90/140 या इससे ज्यादा हो जाता है। ऐसे में शरीर की धमनियों में ब्लड का प्रेशर बहुत बढ़ जाता है। इस स्थिति के कारण दिल को पूरे शरीर में ब्लड पंप करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है। लंबे समय तक ऐसा होने से दिल को खतरा हो सकता है।
लेकिन आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि डाइट और जीवनशैली में बदलाव से मदद मिल सकती है। आज हम आपको एक ऐसे प्राणायाम के बारे में बता रहे हैं, जिसे हाई बीपी को मैनेज करने के लिए किया जा सकता है। इसकी जानकारी योगा एंड वेलनेस कोच और सर्टिफाइड योगा टीचर संगीता ने शेयर की है।
एक्सपर्ट की राय
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स्वस्थ शरीर पाने के लिए प्राणायाम करना फायदेमंद हो सकता है। आपने कई प्राणायाम के बारे में सुना होगा। लेकिन क्या आपने कभी चंद्रभेदी प्राणायाम के बारे में सुना है? अगर नहीं, तो आर्टिकल को जरूर पढ़ें। आज हम आपको बताएंगे कि चंद्रभेदी प्राणायाम बीपी को मैनेज करने के साथ-साथ आपको और कौन से फायदे दे सकता है।
चंद्रभेदी प्राणायाम हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। ब्लड प्रेशर हाई होने पर कई बार चक्कर, घबराहट, बेचैनी और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं होने लगती हैं। ऐसे में चंद्रभेदी प्राणायाम राहत देता है। चंद्रभेदी बहुत ही आसान और असरदार प्राणायाम है, जिसकी मदद से कुछ ही मिनटों में बॉडी को रिलैक्स और शांत किया जा सकता है।
हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित लोगों को एक्सपर्ट से परामर्श लेकर इसका अभ्यास जरूर करना चाहिए। इसके, 10 मिनट के नियमित अभ्यास से आपको मदद मिल सकती है।
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चंद्रभेदी प्राणायाम
चंद्रभेदी संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है। इसमें 'चंद्र' शब्द का अर्थ चंद्रमा है और 'भेदन' का अर्थ छेदना या प्रवेश करना है। इस प्रकार, चंद्र भेदन को चंद्रभेदी के रूप में जाना जाता है।
चन्द्रभेदी प्राणायाम में बाईं नाक का इस्तेमाल सांस अंदर लेने और दाईं नाक से सांस छोड़ने के लिए किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि सांस लेने से ऊर्जा इड़ा या चंद्र नाड़ी और सांस छोड़ने पर पिंगला या सूर्य नाड़ी के माध्यम से गुजरती है।
यह बहुत ही आसान और प्रभावी सांसों की तकनीक है। चंद्रमा शीतलता का प्रतीक है, इसलिए इस प्राणायाम को करने से शरीर में शीतलता का अनुभव होता है। यह शरीर को ठंडा रखने में मदद करती है। इसमें सांस बाईंं नाड़ी या नाक से ली जाती है और दाहिनी नाड़ी या दाहिनी नाक से छोड़ी जाती है।
चन्द्रभेदी प्राणायाम की विधि
- इसे करने के लिए पीठ को सीधा करके बैठ जाएं।
- अब अंगूठे से नाक को दाईं ओर दबाकर बाईं ओर से लंबी सांस भरें।
- कुछ सेकंड तक इसे रोककर रखें।
- नाक के दाएं ओर से सांस छोड़ें।
- इस प्रक्रिया को कम से कम 10 बार दोहराएं।
चंद्रभेदी प्राणायाम के फायदे
- हाई ब्लड प्रेशर में बहुत मददगार होता है।
- चंद्रभेदी प्राणायाम शरीर की गर्मी को कम करता है।
- यह हार्ट-बर्न की समस्या में उपयोगी है।
- तनाव और अन्य मानसिक समस्याओं को कम करने में मदद करता है।
- इस प्राणायाम के नित्य अभ्यास से मूड अच्छा रहता है।
- शरीर को ताजगी देता है और आलस्य को दूर करता है।
- चंद्र भेदन प्राणायाम बुखार में उपयोगी होता है।
- यह पित्त के प्रवाह को कम करता है।
चंद्रभेदी प्राणायाम में सावधानियां
- सर्दियों में इस प्राणायाम का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
- दिल के रोगों, लो ब्लड प्रेशर या मिर्गी से पीड़ित लोगों को इस प्राणायाम से बचना चाहिए।
- शुरुआत में सांस को रोककर न रखें।
- प्राणायाम खाली पेट करें।
- चंद्र भेदन और सूर्य भेदन एक ही दिन न करें।
- इसके अलावा, अगर आपको किसी भी तरह की सर्दी हो तो इसे नहीं करना चाहिए। इससे आपके शरीर में ठंडक बढ़ जाती है।
इस प्राणायाम से आप भी हाई ब्लड प्रेशर को मैनेज कर सकते हैं। आपको भी हेल्थ से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं और हम अपनी स्टोरीज के जरिए इसका हल करने की कोशिश करेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।