उष्ट्रासन करते समय इन टिप्स को जरूर करें फॉलो

अगर आप अपने योगा सेशन के दौरान उष्ट्रासन का अभ्यास कर रही हैं तो आपको कुछ छोटे-छोटे टिप्स को जरूर फॉलो करना चाहिए।

Ushtrasana Tips

अपने तन व मन को सेहतमंद रखने के लिए हम सभी कई उपाय अपनाते हैं और इसमें योगाभ्यास करना सबसे अच्छा माना जाता है। योगा सेशन के दौरान कई आसनों का अभ्यास किया जाता है, जो ना केवल आपको मानसिक शांति प्रदान करते हैं, बल्कि शरीर को भी स्वस्थ बनाते हैं। साथ ही साथ, योगा के कारण कई तरह की बीमारियों से भी छुटकारा पाया जा सकता है।

उष्ट्रासन भी एक ऐसा ही योगासन है, जो रीढ़ की हड्डी के लचीलेपन को बढ़ाता है। साथ ही साथ, लंबे समय तक बैठे रहने और खराब पोश्चर से होने वाले नुकसानों को कम करने में मदद करता है। इतना ही नहीं, उष्ट्रासन के नियमित अभ्यास से पीठ की मांसपेशियां अधिक मजबूत होती हैं। साथ ही साथ, इस आसन से फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाने में भी मदद मिलती है, जिससे व्यक्ति का रेस्पिरेटरी फंक्शन बेहतर तरीके से काम करता है।

हालांकि, उष्ट्रासन का अभ्यास करते समय कुछ बातों का ध्यान रखा जाना आवश्यक है। तो चलिए आज इस लेख में ब्लॉसम योगा के फाउंडर और योगविशेषज्ञ जितेन्द्र कौशिक आपको कुछ ऐसे ही आसान टिप्स के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें आपको उष्ट्रासन का अभ्यास करते हुए ध्यान में रखना चाहिए-

जरूर करें वार्मअप

अमूमन उष्ट्रासन करने से पहले अपने शरीर को वार्मअप करना बेहद जरूरी है। हालांकि, अधिकतर लोग ऐसा करते नहीं हहै। लेकिन अपनी मसल्स व ज्वॉइंट्स को रेडी करने के लिए सूर्य नमस्कार या लाइट स्ट्रेच किया जा सकता है।

how to do yoga pose

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घुटनों को दें सपोर्ट

उष्ट्रासन का अभ्यास करते हुए घुटनों पर काफी जोर आता है। इसलिए, उन्हें कुशनिंग और अतिरिक्त सपोर्ट प्रदान करने के लिए आप अपने घुटनों के नीचे एक मुड़ा हुआ कंबल या योगा मैट रखें। यह घुटनों पर अतिरिक्त दबाव को कम करने में मदद कर सकता है। जिससे आप इस आसन का अभ्यास अधिक आसानी से कर पाते हैं और इसमें लंबे समय तक होल्ड कर सकते हैं।

ब्रीदिंग हो नॉर्मल

अक्सर यह देखने में आता है कि जब लोग उष्ट्रासन का अभ्यास करते हैं तो उस दौरान ब्रीदिंग को होल्ड कर लेते हैं। लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए। जब आप उष्ट्रासन का अभ्यास कर रही हैं तो इनहेल करते हुए पीछे जाएं और फिर सांसों का क्रम सामान्य बनाए रखें।

yoga pose for fertilities

अगर हो हाई या लो बीपी

जिन लोगों को हाई या लो बीपी की समस्या है, उन्हें उष्ट्रासन करने से बचना चाहिए। इसमें एक्यूट बेंडिंग की जाती है, जिससे आपकी ब्रीदिंग डिस्टर्ब होती है और फिर हार्ट रेट बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि, अगर आप उष्ट्रासन का अभ्यास करना ही चाहते हैं तो ऐसे में विशेषज्ञ की देख-रेख में करें। साथ ही, बहुत देर तक होल्ड करने से भी बचें। सबसे बेहतर होगा कि आप उष्ट्रासन का अभ्यास करते हुए प्रॉप्स की मदद लें।

इन समस्याओं में करें अवॉयड

अगर किसी को बैक की इंजरी हुई है या फिर कमर में बहुत अधिक दर्द हो रहा हो, उन्हें उष्ट्रासन करने से बचना चाहिए। इसके अलावा, फ्रोजन शोल्डर या फिर माइग्रेन होने पर भी उष्ट्रासन नहीं करना चाहिए। अन्यथा आपके सिर का दर्द और भी अधिक बढ़ सकता है।

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करें शशांकासन

जब आप उष्ट्रासन का अभ्यास करते हैं और उसमें लंबे समय तक होल्ड करते हैं तो ऐसे में आपको उष्ट्रासन के बाद शशांकासन या चाइल्ड पोज का अभ्यास अवश्य करना चाहिए। इससे आपकी बैक को रिलैक्स होने का मौका मिलता है। अधिकतर लोग उष्ट्रासन के बाद शशांकासन का अभ्यास करते नहीं है, जबकि यह आपकी बैक के लिए बेहद जरूरी है।

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Image Credit- freepik

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