अर्थराइटिस जिसे हम आम बोल चाल की भाषा में गठिया कहते हैं, इस समस्या में जोड़ों में दर्द और सूजन बना रहता है,यह शरीर के किसी भी जोड़ों को प्रभावित करता है। इससे निपटने के लिए डॉक्टर मेडिसिन तो देते हैं लेकिन आप कुछ योगासन का अभ्यास करके शरीर को फ्लेकसिबल बना सकते हैं,इससे जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है। हम आपको योगा एक्सपर्ट डॉ. नुपूर रोहातगी के बताए कुछ योगासन के बारे में जानकारी दे रहे हैं।
भुजंगासन
भुजंगासन अर्थराइटिस में बेहद प्रभावी माना जाता है। इससे रीढ़ की हड्डी को खिंचाव मिलता है,जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद मिलती है।
कैसे करें भुजंगासन
- सबसे पहले आप फर्श पर या मैट पर पेट के बल लेट जाएं।
- अपनी दोनों हथेलियों को अपने सिर के पास रखें।
- इसके बाद अपने दोनों हाथों को कंधे के बराबर लेकर आएं।
- अपने शरीर का सारा वजन अपनी हथेलियों पर डालें।
- सांस अंदर खींचें और अपने सिर को उठाकर पीठ की तरफ पीछे खीचें।
- जितना हो सकते अपने सिर को पीछे की ओर खीचें और छाती को आगे की तरफ निकालें।
- इस दौरान आप का सिर बिल्कुल सांप के फन की तरह नजर आएगा।
- इस स्थिति में करीब 15 से 30 सेकेंड तक रहें और फिर वापस सामान्य स्थिति में आ जाएं।
मार्जरी आसन
मार्जरी आसन करने से बॉडी में ब्लड का सर्कुलेशन बेहतर होता है। साथ ही फ्लेक्सिबिलिटी के साथ जोड़ों में मजबूती आती है। इसलिए एक्सपर्ट मार्जरी आसन को गठिया के दर्द में फायदेमंद बताते हैं।
मार्जरी आसन कैसे करें
- सबसे पहले शांत वातावरण में मैट बिछाकर बैठ जाएं।
- अब दोनों घुटनों को टेक कर अपने दोनों हाथों को फर्श पर आगे की ओर रखें।
- अपने दोनों हाथों पर भार डालते हुए अपने कूल्हों को ऊपर उठाएं।
- जांघों को ऊपर की ओर सीधा करके पैर के घुटनों पर 90 डिग्री का कोण बनाए।
- इस स्थिति में आप बिल्ली के समान नजर आएंगे।
- अब सिर को पीछे की तरफ झुकाएं ।
- अब टेलबोन को ऊपर उठाएं और सांस छोड़ते हुए सिर को नीचे की ओर झुकाएं।
- अब सिर को फिर से पीछे की तरफ झुकाएं और नीचे की तरफ वापस करें।
- ऐसा कम से कम 10-20 टाइम्स दोहराएं।
- ध्यान रहे इस पूरे प्रक्रिया के दौरान आपके हाथ बिल्कुल सीधे रहने चाहिए।
त्रिकोणासन करने से कमर दर्द में राहत मिलती है,यह मांसपेशियों को मजबूत करने का काम करता है, इसके साथ ही इससे फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है।
त्रिकोणासन
- पैरों को अलग करके सीधे खड़े हो जाएं।
- हाथों को कंधों के समान्तर फैलाएं।
- श्वास अंदर लेते हुए अपने दाएं हाथ को कान से सटा लें, साथ ही बाएं पैर को बाहर की ओ मोड़ें।
- श्वास छोड़ते हुए कमर से बाए ओर झुकें
- ध्यान रखें कि इस दौरान अपने घुटनों को न मोड़ें। साथ ही अपने दाएं हाथ को कान से सटाकर रखें।
- दाएं हाथ को जमीन के समानांतर लाने का प्रयास करें और साथ ही बाएं हाथ से बाएं टखने को छूने की कोशिश करें।
- इस मुद्रा में 10-20 सेकंड तक रहें। फिर सामान्य अवस्था में वापस आ जाएं।
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