जीवन में फिटनेस लाने में कभी देर नहीं होती है और कुछ नया शुरू करने के लिए कोई उम्र नहीं होती। जैसे-जैसे हम बड़े होते जाते हैं, शारीरिक रूप से सक्रिय रहकर डायबिटीज, हार्ट डिजीज और कुछ प्रकार के कैंसर जैसी विभिन्न जानलेवा बीमारियों के जोखिम से बच सकते हैं। शरीर भी धीमी चयापचय का अनुभव करता है, जिससे अतिरिक्त वजन को कम रखना मुश्किल हो जाता है। जबकि शारीरिक और मानसिक रूप से फिट रहना हमारा सर्वोच्च कार्य है।
यदि आप अपनी सेवानिवृत्ति के सुनहरे वर्षों का आनंद ले रहे हैं, तो इसका मतलब है कि आपके पास बहुत समय है। योग के मदद से जोड़ों के तनाव, पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस और अन्य प्रकार के दर्द को दूर रख सकते हैं।
योग हमें मानसिक रूप से सतर्क और चुस्त रखता हैं और हमारे जीवन को अनुशासित रखता हैं। अच्छे स्वास्थ्य, बेहतर इम्यूनिटी, शक्ति और समग्र स्वास्थ्य के लिए इन कोमल आसनों का अभ्यास करें। इन योगासन के बारे में हमें योगा मास्टर, फिलांथ्रोपिस्ट, धार्मिक गुरू और लाइफस्टाइल कोच ग्रैंड मास्टर अक्षर जी बता रहे हैं।
योग नंबर-1: ताड़ासन
- पैर की उंगलियों को छूकर और एड़ियों को आपस में मिलाकर खड़ी हो जाएं।
- फिर अपने पेट को अंदर खीचें और कंधों को नीचे और पीछे आराम दें।
- पैर की मांसपेशियों को सक्रिय रूप से शामिल करते हुए 5-8 सांसें लें।
- बड़ी उम्र की महिलाओं के लिए अपने आसन को लंबा और मजबूत बनाए रखने के लिए यह एक बेहतरीन आसन है।
सलाह
दोनों पैरों पर अपने शरीर के वजन को समान रूप से संतुलित करने का प्रयास करें।
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योग नंबर-2: वृक्षासन
- इस योग की शुरुआत समस्थिति में खड़े होकर शुरुआत करें।
- अपने दाहिने पैर को फर्श से उठाएं और शरीर के वजन को अपने बाएं पैर पर संतुलित करें।
- दाहिने पैर को भीतरी जांघ पर लाने के लिए अपने पैरों को अपनी हथेलियों से सहारा दें।
- इसे अपनी कमर के पास या टखने पर रखें।
- अपने हाथों को ऊपर उठाएं और हथेलियों को मिला लें।
- अपना सिर अपनी बांहों के बीच में रखें।
- दूसरे पैर से भी यही दोहराएं।
सलाह
यदि आपके कंधों, कूल्हों, घुटनों या टखनों में चोट लगी हो तो इस आसन को करने से बचें।अर्थराइटिस से पीड़ित लोगों को इस आसन को नहीं करना चाहिए।
योग नंबर-3: वज्रासन
- इसे करने के लिए घुटने टेक कर बैठ जाएं।
- अपने घुटनों को जोड़े रखें।
- अपने पेल्विक को अपनी एड़ी पर रखें और पैर की उंगलियां बाहर की ओर मुड़ी हुई हों।
- जांघ और काफ मसल्स की मसल्स के ऊपर होंगे।
- अपनी एड़ियों को एक दूसरे के पास रखें।
- पैर की उंगलियों को एक दूसरे के बगल में रखें।
- अपनी हथेलियों को अपने घुटनों पर ऊपर की ओर रखें।
- अपनी पीठ को सीधा रखें।
सलाह
अगर आपके घुटने या टखने में चोट है, तो इस आसन को करने से बचें। अगर आप योग मैट पर कर रही हैं, तो अपने घुटनों को कुशन करने के लिए अपने काफ पर एक तकिया रखें। आप इस आसन को बिस्तर या गद्देदार सतह पर भी कर सकती हैं।
योग के असंख्य लाभ हैं, जैसे किसी भी उम्र में अपना अभ्यास शुरू कर सकती हैं। योग से अल्जाइमर रोग, फीकी याददाश्त, बिगड़ा हुआ संतुलन या किसी भी शारीरिक कमजोरी को ठीक कर सकती हैं। योग किसी भी अवसाद, चिंता और अन्य मानसिक स्वास्थ्य विकारों को दूर करने के लिए उत्साहित रखता है। योग की मदद से पूरे दिन बेहतर जोड़ों और हड्डियों के स्वास्थ्य और एनर्जी के हाई लेवल का आनंद लें। फिटनेस से जुड़ी ऐसी ही और जानकारी पाने के लिए हरजिंदगी से जुड़ी रहें।
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