अक्सर देखा गया है कि कुछ लोगो को अन्य लोगों की तुलना में ज्यादा पसीना आता है और वो भी बदबूदार पसीना। इसी पसीने की बदबू की वजह से आपको सब के सामने शर्मिंदा होना पड़ता है। क्योंकि आपके पसीने की बदबू आप के आस- पास रहने वालों के लिए परेशानी का कारण बन जाता है और आपके अपने आप से दूर भागने लगते है। लेकिन अब आपके अपनो को आपसे दूर भागने की जरूरत नही क्योंकि अब आपके बदबू वाले पसीने की समस्या से निपटेगा स्मार्ट फैब्रिक। मौसम में नमी के चलते या ज्यादा धूप में पसीना आने से शरीर में बदबू आने लगती है। शरीर में मौजूद बैक्टीरिया हाइड्रोजन सल्फाइड बनाने लगते हैं, जिससे बदबू पैदा होती है। कई लोगों के पसीने में पीलापन भी आता है। ऐसे में बदबू वाले पसीने से बचने के लिए आया ये नायाब तरीका।
बदबू से बचने का नायाब तरीका
शोधकर्ताओं की एक टीम ने पसीने की बदबू से बचने के लिए एक नायाब तरीका निकाल लिया है। शोधकर्ताओं ने सूती कपड़े में कुछ प्रयोग किए हैं, जिससे वह पसीने के संपर्क में आते ही एक लेमनी सिट्रोनेला खुशबू देने वाले कपड़े में बदल जाएगा। हाल के वर्षों में वैज्ञानिकों ने स्मार्ट कपड़े विकसित किए हैं, जो प्रकाश, तापमान और यांत्रिक तनाव जैसी उत्तेजनाओं पर प्रतिक्रिया करते हैं। इसमें रंग बदलना या विद्युत संकेत का संचालन करना शामिल हैं। कार्ला सिल्वा, अर्तुर कैवाको पॉलो और उनके सहकर्मी पसीने के संपर्क में आते ही सूती कपड़े से निकलने वाली लेमन ग्रास की खुशबू के निर्माण की दो नई प्रक्रियाओं की तुलना करना चाहते थे। शोधकर्ताओं ने इसमें ओडोरैंट बाइंडिंग प्रोटीन (ओबीपी) को शामिल किया था, जो खुशबू देने वाले अणुओं को एक-साथ बांधता है। ओबीपी के लिए उन्होंने एक प्रोटीन डोमेन संलग्न किया था, जो सूती रेशों को बांधता है। शोधकर्ताओं ने बताया कि ये प्रयोग विभिन्न कपड़ों के लिए उपयोगी साबित हो सकती है।
ज्यादा पसीना आने के कारण
एक्रीन ग्लैंड और एप्रोक्रीन ग्लैंड शरीर में दो पर प्रकार की स्वेद ग्रंथियां (स्वेट ग्रंथियां) होती है। और दोनों पसीना उत्पन्न करती है।
एक्रीन ग्लैंड
ऐसे पसीने को बनाती है, जो शरीर को ठंडा रखने का काम करता है, जबकि एप्रोक्रीन ग्लैंड आर्मपिट्स (अंडर आर्म के पास होने वाला पसीना), ग्राइन आदि के पास होती है। ये ऐसे पसीने को उत्पन्न करती है। और यही पसीना बदबू पैदा करता है।
इसे भी पढ़ें: अगर आप चाहकर भी ज्यादा पानी नहीं पी पाती हैं तो ये ट्रिक्स आजमाएं
हाइजीन का रखें ध्यान
ज्यादा पसीना आने पर दिन में दो-तीन बार नहाने की आदत डालें। एंटीफंगल पाउडर या कैलेमाइन लोशन लगाएं। रोजाना साफ अंडरगार्मेंट और जुराबें पहनें। बदबू मिटाने के लिए डियो भी लगा सकते हैं। इसके अलावा दिन में दो बार फिटकरी को हल्का गीला कर बॉडी फोल्ड्स में लगा लें। इससे पसीना आना कम हो जाता है।
स्पाइसी खाने से बचे
शरीर में बदबू शरीर में होने वाले टॉक्सिन के कारण भी आती है। ये टॉक्सिन शरीर में भोजन के माध्यम से प्रवेश करते है।मांस-मछली, लहसुन, प्याज, मसाले, अंडे, और शराब जैसे खाद्य पदार्थो की गंध पसीने से निकल सकती है। काली मिर्च जैसे मसाले अधिक इस्तेमाल करना भी ज्यादा पसीना आने का कारण हो सकता हैं। प्रोसेस्ड और स्पाइसी फूड खाने से बचे और कैफीन की मात्रा कम करें। अपनी डाइट में फाइबर, सोया प्रोडक्ट्स और हरी पत्तेदार सब्जियों को शामिल करें। प्रचुर मात्रा में पानी और फ्रूट जूस पीएं. सुबह खाली पेट व्हीट ग्रास के साथ एक गिलास पानी पीने से इस दुर्गन्ध से छुटकारा पाया जा सकता है।प्रोबायोटिक्स पदार्थो का सेवन करें।
नीबू का रस
आप के शरीर के जिन भागों में पसीना ज्यादा होता है और जिसकी वजह से आपको पसीने की बदबू भी झेलनी पड़ती है, तो नीबू के रस का इस्तेमाल करके आप बदबू वाले पसीने से छुटकारा पा सकते है। शरीर के जिन हिस्सों से पसीने की बदबू आती है उन भागों पर हर रोज नीबू के रस का इस्तेमाल करें। आप को 2 -4 दिन में ही फर्क दिखने लगेगा। नीबू एक बहुत ही गुणकारी फल है। यह शरीर के अंदरूनी भागों में बैक्टीरिया को पनपने से रोकता है तथा स्किन के लिए भी बहुत अच्छा होता है।
इसे भी पढ़ें: 20 घरेलू उपायों को अपनाकर बढ़ाएं आंखों की रोशनी
बेकिंग सोडा
बेकिंग सोडा बदबू वाले ज्यादा पसीना आने से छुटकारा दिलाने में बहुत मददगार होता है। यह ज्यादा पसीना आने से रोकने में मदद करता है | इसके लिए आप नीबू और बेकिंग सोडा को मिला लें। अब पसीने वाली जगहों पर इसे लगा लें।
विनेगर
विनेगर पसीने की बदबू को ख़त्म करने का एक अच्छा उपाय है । यह नेचुरल तरीके से स्किन में बैक्टीरिया की ब्रीडिंग क्षमता को कम करता है और इसकी वजह से बॉडी में होने वाली पसीने की बदबू भी कम हो जाती है।
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों