बॉलीवुड का एक बहुत ही आइकॉनिक डायलॉग है 'एक चुटकी सिंदूर की कीमत...' इस डायलॉग को अब मीम्स में भी इस्तेमाल किया जाने लगा है। दीपिका पादुकोण ने अपनी डेब्यू फिल्म में ही इतना आइकॉनिक डायलॉग इस्तेमाल किया। यह डायलॉग सिर्फ उनकी एक्टिंग को ही नहीं, बल्कि सिंदूर की अहमियत को भी दिखाता है। सुहागन के सिर का ताज, ईश्वर का आशीर्वाद, शादीशुदा जीवन का सार सिंदूर से ही है। डायलॉग तो पावरफुल था, लेकिन क्या वाकई सिंदूर हर महिला का सपना होता है? सिंदूर का इस्तेमाल अब भी धार्मिक कामों के लिए होता है, लेकिन अब धीरे-धीरे ये फैशन की एक्सेसरी बनता चला जा रहा है।
शादी के मंडप से लेकर न्यूयॉर्क फैशन वीक के रनवे तक, चलिए सिंदूर की अहमियत के बारे में कुछ बात कर लेते हैं।
यह फैशन रीसेट सीरीज है जिसमें हरजिंदगी की रूपशा भद्रा अलग-अलग फैशन एक्सेसरीज को देश और दुनिया के धर्म और समाज से जोड़कर देखा जा रहा है। यह स्टडी बताती है कि कैसे सिनेमा और संस्कृति आगे बढ़कर फैशन के नए पैमाने लेकर आई है।
सिंदूर को हम सभी जानते हैं। एक चमकीला लाल पाउडर जिसे महिलाएं अपने सिर के बीचो बीच लगाती हैं। आमतौर पर यह हिंदू शादीशुदा स्त्रियां लगाती हैं।
देश के अलग-अलग कोनों में सिंदूर धार्मिक महत्व रखता है। सिंदूर का इस्तेमाल लगभग एक ही तरह किया जाता है, लेकिन इसका महत्व अलग-अलग कल्चर में बदल जाता है। कई बार इसे क्रिप्टिक मैसेज के तौर पर भी देखा गया है। अब बॉलीवुड एक्ट्रेस रेखा को ही ले लीजिए जिन्होंने बिना शादी किए सालों तक सिंदूर लगाया है और वो अभी भी यही कर रही हैं।
सिंदूर की यात्रा देखने के लिए हमें शुरू से शुरुआत करनी होगी।
लोककथा के अनुसार: सिन्दूर के प्राचीन उल्लेख
सिन्दूर का उल्लेख महाभारत में मिलता है। द्रौपदी का विवाह पांडवों से हुआ था और अपमान होने के बाद उन्होंने सिंदूर मिटा दिया था। इसे द्रौपदी की निराशा और अवमान माना जाएगा।
अन्य कहानी भगवान हनुमान और सीता की है। भगवान राम को खुश करने और उनकी लंबी आयु के लिए सीता जी ने सिंदूर लगाया था और यही देखकर भगवान राम को खुश करने के लिए हनुमान जी ने अपना पूरा शरीर सिंदूरी कर लिया था। यही कारण है कि हनुमान की मूर्तियों में सिंदूर चढ़ाया जाता है।
कुछ इतिहासकारों का मानना है कि सिंदूर हड़प्पा सिविलाइजेशन की कुछ मूर्तियों में सिंदूर देखा गया है।
कुछ मान्यताएं हैं कि सिंदूर अगर किसी महिला के सिर पर लगाया जाता है, तो यह बहती हुई नदी का प्रतीक है। सिंदूर का सबसे अहम काम तो यही है कि शादियों में दूल्हा-दुल्हन के माथे पर सिंदूर लगाता है और इन दोनों का विवाह संपन्न माना जाता है।
बंगाली कल्चर में दुल्हन अपनी शादी के दिन 'सिंदूरकुंतो' में सिंदूर भरकर लाती है। सिंदूर दान शादियों का एक अहम हिस्सा है जहां दूल्हा दुल्हन के माथे पर सिंदूर भरता तो है, लेकिन उसे देखता नहीं है।
एक और चर्चित रिवाज है सिंदूर खेला जो दुर्गा पूजा के दौरान होता है। विद्या बालन की 'कहानी' फिल्म में तो क्लाइमैक्स ही इस रिवाज पर निर्धारित था। कई फिल्मों में सिंदूर खेला रस्म को दिखाया गया है। यह रिवाज दशमी के दिन होता है और इसकी शुरुआत होती है जब महिलाएं मां दुर्गा के माथे और पैरों पर सिंदूर लगाती हैं। इस रिवाज के लिए सिर्फ सुहागिन स्त्रियों को ही चुना जाता है।
बिहारी कल्चर में सिंदूर लाल नहीं, बल्कि नारंगी होता है। छठ जैसे मुख्य त्यौहार पर ये नाक से लेकर सिर तक लगाया जाता है। लोकप्रिय कथा यही है कि अगर आपकी सिंदूर की रेखा बड़ी होगी, तो आपके पति की उम्र भी बड़ी होगी।
पंजाबी और अन्य उत्तर भारतीय शादियों में फेरे के बाद दुल्हन की मांग में सिंदूर लगाया जाता है। अगर सिंदूर दुल्हन की नाक पर गिर जाता है, तो इसे प्यार का प्रतीक माना जाता है।
क्या सिंदूर है पितृसत्ता का प्रतीक?
धर्म और रिवाज हमेशा एक तय मापदंड के साथ आते हैं। सिंदूर में भी पितृसत्ता की झलक दिखती है। यह शादीशुदा महिला का प्रतीक है, लेकिन पुरुषों के पास ऐसा कोई मार्कर नहीं होता।
सोशियोलॉजिस्ट वर्कर और सेंट जेवियर कॉलेज कोलकता की असिस्टेंट प्रोफेसर शाओनी शबनम ने हरजिंदगी की रूपशा भद्रा से बात करते हुए कहा कि यह कंट्रोल भी दर्शाता है।
"सिंदूर दिखाता है कि एक महिला किसी की पत्नी है। उसकी पूरी पहचान सिर्फ किसी की पत्नी के तौर पर ही है। वह अन्य पुरुषों के लिए उपलब्ध नहीं है और खासतौर पर उसके पति के पास उसकी सेक्शुएलिटी और शरीर का भोग करने का अधिकार है।"
शबनम का कहना है कि यह मार्कर महिलाओं द्वारा अब सौंदर्य की परिभाषा माना जाने लगा है।
"सिंदूर का महिमामंडन ऐसे किया गया है कि यह शुद्धता, शालीनता और सौंदर्य का प्रतीक है और इस कारण अब शादीशुदा महिलाएं भारतीय समाज में यही सोचती हैं कि यह उनकी सुंदरता को बढ़ाता है। यह आइडिया महिलाओं के दिमाग में हमेशा से रहा है कि सिंदूर लगाना एक सभ्य और संस्कारी महिला की ड्यूटी है। इससे उसके पति को खुशी मिलेगी। यह सांस्कृतिक नियम यह दिखाते हैं कि जेंडर के आधार पर बनाए गए रिवाजों को हमने सामाजिक स्वीकृति दे दी है।"
पवित्रता, शुद्धता और सौंदर्य का यह माध्यम अलग-अलग श्रेणियों के होते हुए पॉप कल्चर में शामिल हो गया है।
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फिल्में, सेलेब्स और सिंदूर का स्टाइल स्टेटमेंट
प्रियंका चोपड़ा, दीपिका पादुकोण, कियारा आडवाणी और बॉलीवुड की कई एक्ट्रेसेस सिंदूर लुक को शादी का प्रतीक बना चुकी हैं। बॉलीवुड सेलेब वेडिंग्स में सिंदूर का महत्व दिखने लगा है। पैप्स के सामने फोटो खिंचवाते समय सिंदूर लुक हमेशा परफेक्ट होता है।
वोग के मेकअप ट्यूटोरियल में सोनम कपूर ने सिंदूर लगाया है और यह कहा है कि ये ट्रेडिशनल गेटअप के साथ अच्छा लगता है।
प्रियंका चोपड़ा ने भी सिंदूर कई बार लगाया है और इसमें डीप नेकलाइन वाली ड्रेसेज से लेकर मोनोटोन बेज आउटफिट्स के साथ भी सिंदूर लगाया है।
फराह खान के इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक थ्रोबैक फोटो में ऐश्वर्या राय को वेस्टर्न आउटफिट के साथ सिंदूर में देखा गया है। उस वक्त ऐश्वर्या की शादी नहीं हुई थी और फराह खान ने कहा था कि ऐश सीधे फिल्म 'देवदास' के सेट से आई हैं।
रेखा को कांजीवरम साड़ियों के साथ सिंदूर लगाते तो हमने देखा ही है। कई सालों पहले पति की मौत के बाद से रेखा सिंगल ही हैं, लेकिन फिर भी वो सिंदूर लगाना नहीं भूलती हैं। उनके एथनिक स्टाइल के साथ सिंदूर बहुत ही आसानी से जेल अप होता है। काजल, लाइनर, ट्रेडिशनल ज्वेलरी, मरून लिप शेड आदि सब कुछ सिंदूर के साथ बहुत अच्छे से जेल होता है। रेखा ने अपने अफेयर्स की बातों को बेबुनियाद साबित करने के लिए भी सिंदूर लगाया है।
सिंदूर के बदलते रंग
पिछले कुछ सालों में सिंदूर को मॉर्डन और फेमिनिस्ट लेंस से देखने की कोशिश की गई है। पुराने रिवाजों को लेकर नई सोच सामने आई हैं।
शाओनी शबनम का कहना है, "वोग में सिंदूर लगाने वाली महिलाओं के लिए एक फेमिनिस्ट टर्म भी है- सिंदूर फेमिनिज्म। मेरे लिए यह एक बहुत ही यूनिक डेवलपमेंट है।"
राजकुमार राव और पत्रलेखा की शादी के दौरान दूल्हे ने भी दुल्हन से कहा था कि वो उसके माथे पर सिंदूर लगाए।
सिंदूर खेला को लेकर भी एक नया ट्रेंड सामने आने लगा है। अब दुर्गा पूजा के दौरान कुंवारी कन्याएं, विधवा महिलाएं और ट्रांस वुमन भी शामिल हो रही हैं। एक लीडिंग मीडिया हाउस ने इस तरह का आयोजन किया था और उसे सिस्टरहुड और सॉलिडेरिटी का प्रतीक माना गया था।
सिंदूर का स्वरूप, फैशन की एक्सेसरी
सिंदूर के लिए एक टर्निंग प्वाइंट ये भी रहा है कि उसने मेनस्ट्रीम फैशन में अपनी जगह बना ली है।
रोहित वर्मा के फैशन शो को 'सिंदूर खेला' थीम पर रखा गया था जहां सिस मेल, ट्रांस वुमन, एसिड अटैक सर्वाइवर, विधवा महिलाएं और तलाकशुदा महिलाओं ने बॉम्बे टाइम्स फैशन वीक 2020 में रैम्प वॉक की थी। उस कलेक्शन में सफेद और लाल की अहमियत दिखाई गई थी। डिजाइनर का कहना था कि इससे महिला सशक्तिकरण का मौका मिल रहा है और उस बंदिश को तोड़ा जा रहा है जो सदियों से चली आ रही है।
साल 2018 में मसाबा गुप्ता ने अपने कैम्पेन में 'सिंदूर के महिमामंडन' की कोशिश की थी जिसमें महिलाएं सफेद, गुलाबी और अन्य रंगों को अपने सिर पर लगाए हुए थीं।
यह ग्लोबल फैशन में भी आ गया था जब प्रबल गुरुंग के शो में न्यूयॉर्क रनवे मॉडल्स ने कई शेड्स का सिंदूर अपने सिर पर लगाया था। यह फॉल विंटर 2023 कलेक्शन का हिस्सा था जिसमें स्कर्ट्स, थाई हाई स्लिट्स और ढीले आउटफिट्स के साथ सिंदूर लगाया गया था। प्रबल गुरुंग नेपाल से हैं और नेपाल में भी भारत की तरह ही सिंदूर का धार्मिक महत्व है। प्रबल ने अपने फैशन शो के जरिए अपने देश को ट्रिब्यूट देने की कोशिश की थी।
ये सब सिंदूर के नए रूप को दिखाता है और इसपर तो बहुत चर्चा की जा सकती है। वैसे आपका क्या ख्याल है, सिंदूर के मॉर्डनाइजेशन को लेकर? अपने जवाब हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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