समृद्धि का प्रतीक या फैशन की चीज? आखिर क्या है आलता की असली पहचान

आलता का इस्तेमाल शादियों में किया जाता है। माता लक्ष्मी के पैरों में भी आलता हमेशा लगा हुआ होता है। इसे संस्कृति का एक अहम हिस्सा माना जाता है, लेकिन अब ये एक गहने के रूप में देखा जाता है। 

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आलता पैरों और हाथों में लगाया जाने वाला लाल रंग का डाई है जिसे भारतीय समाज में शादी या फिर समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। पर अब आलता फैशन बनता जा रहा है।

'देवदास' में शाहरुख खान की एंट्री के वक्त ऐश्वर्या के पैरों में आलता लग रहा होता है। फिल्म 'चोखेर बाली' में भी ऐश्वर्या राय के हाथों को आलता से सजाया जाता है। हॉरर फिल्म 'बुलबुल' को ही ले लीजिए उसमें भी ब्राइडल सीन में आलता लगाए हुए छोटी सी बुलबुल दिखाई गई है। आलता को फिल्मों में भी भारतीय और खासतौर पर बंगाली संस्कृति का अहम हिस्सा माना गया है। इसका महत्व भी उतना ही है जितना माथे पर सजी बिंदी या फिर सिंदूर का होता है।

आमतौर पर आलता शादी का प्रतीक माना जाता है। लाल रंग को फर्टिलिटी का संकेत भी समझा जाता है और इसे अक्सर किसी शुभ अवसर पर ही लगाया जाता है। यह उन महिलाओं को लगाया जाता है जिनकी शादी हो चुकी है या फिर होने वाली है। कम से कम पुराने समय में तो ऐसा ही होता था।

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अब आलता ने अपना स्वरूप बदल लिया है और अब यह फैशन एक्सेसरी या किसी गहने का रूप ले चुका है। अब हम आलता को फैशन के चश्मे से देखना शुरू कर चुके हैं।

इस फैशन रीसेट सीरीज में हम फैशन से जुड़े मुख्य आकर्षणों को उनकी शुरुआत से देखने की कोशिश करते हैं। हम खोजते हैं कि कैसे वो समाज, संस्कृति और सिनेमा के माध्यम से अब एक नए रूप में दिखने लगे हैं।

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भारतीय उपमहाद्वीप में आलता का इस्तेमाल

आलता असल में लाक से बनता है और इसे संस्कृत में 'लक्ष्य रस' भी कहा जाता था। हालांकि, अब मार्केट में कई तरह के सिंथेटिक डाई भी आने लगे हैं जिससे आलता का स्वरूप थोड़ा बदल गया है। इसका सांस्कृतिक महत्व देखने के लिए हमें श्री कृष्ण की कहानी से देख सकते हैं। लोककथाओं में श्री कृष्ण का संदर्भ मिलता है जब वो राधा जी के पैरों में महावर या आलता लगा रहे होते हैं।

वैसे इसका एक रेफरेंस हमें अरेबिक शब्द 'आल-ता' से भी मिलता है जिसका शाब्दिक अर्थ होता है डाई।

अगर हम भारत की बात करें, तो यहां आलता बंगाली कल्चर का एक अहम हिस्सा माना जाता है। यह आमतौर पर हाथों और पैरों में लगाया जाता है। हालांकि, आपको बता दें कि हिंदु उपनिषदों में आलता को सोलह श्रृंगार का एक रूप माना गया है। यह दुल्हन के श्रृंगार का एक हिस्सा है और महिला के रूप को निखारने के लिए इसका इस्तेमाल होता है।

एड़ियों पर, उंगलियों पर और हथेलियों पर अलग-अलग डिजाइन में आलता लगाया जाता है। वैसे इसके साथ हथेलियों पर लाल सर्कल बनाना भी एक ट्रेंड की तरह ही देखा जाता है।

आलता या महावर का महत्व

अगर हम आलता की बात करें, तो यह फर्टिलिटी, सुंदरता, शादीशुदा समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। बंगाली घरों में देवी के चरणों और हाथों को भी आलता से सजाया जाता है। उनके कपड़ों के साथ-साथ उनके हाथ और पैर भी रंगों से भरे होते हैं। हरजिंदी की रूपशा भद्रा से बात करते हुए स्टाइलिस्ट और फैशन इंफ्लूएंसर पुष्पक सेन कहते हैं, "मेरा सबसे पहला परिचय आलता से तभी हुआ था जब मैं अपनी थम्मा (दादी) के पूजा घर में देवी के हाथ और पैरों को देखता था।"

शादी की बात करें, तो दुल्हन के पैरों को आलता में डुबो दिया जाता है। इसके बाद सफेद कपड़े या कागज में पैर रखकर वो पति के घर में अंदर आती हैं। पैरों के ये निशान माता लक्ष्मी का रूप दिखाते हैं। बंगाली आलता को इसी तरह से दिखाया जाता है।

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रूपशा भद्रा से बात करते हुए पुष्पक सेन का कहना था कि उनके लिए हमेशा से मेहंदी से ज्यादा आलता जरूरी था। "मैं इसे एक गहने की तरह देखता हूं, एक ऐसी चीज जिससे खूबसूरती निखर जाती है, मेहंदी को रिप्लेस करने के लिए एक उपयुक्त गहना। मैं मेहंदी से जुड़ाव महसूस नहीं कर पाता। वो मेरे एस्थेटिक्स से मैच नहीं कर पाती है। मुझे तो बंगाली दुल्हनों का मेहंदी लगाना पसंद भी नहीं आता है। अल्ता स्पष्ट रूप से बंगाली है इसलिए हमें एक रिवाज की तरह देखना चाहिए। किसी अन्य कल्चर से उधार ली गई चीज के बीच अंतर को समझने की हमें जरूरत है। मेरे लिए, अल्ता मेंहदी का एक बहुत अच्छा विकल्प है, और इसके साथ एक्सपेरिमेंट करना चाहिए।"

डांसिंग की बात करें, तो आलता का महत्व हाथों की अलग-अलग मुद्राओं में देखा जा सकता है। ओडीसी डांसर्स हमेशा लाल आलता हाथों में लगाए दिखते हैं।

आलता का एक स्वरूप नेपाली कल्चर में भी बहुत प्रसिद्ध है जहां लाल रंग को अलाह बोला जाता है और 'बेल विवाह' रिवाज के दौरान ये छोटी लड़कियों के पैरों में लगाया जाता है।

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बॉलीवुड में आलता का उपयोग

बंगाली कल्चर को दिखाने के लिए फिल्मों में आलता का उपयोग हमेशा किया गया है। 'देवदास' की पारो का इंतजार और उसका प्यार दिखाने के लिए आलता का प्रयोग किया गया था। फिल्म में 'डोला रे डोला' गाना देखा जाए, तो माधुरी और ऐश्वर्या राय दोनों ने ही आलता को गहने के रूप में इस्तेमाल किया है। फिल्म में देवदास की बीमारी की खबर सुनते ही पारो का भागना और आलता की थाली का गिरना बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। यह दिखाता है कि आलता उस फिल्म में प्यार और अपनेपन के साथ-साथ कुछ खोने का प्रतीक भी माना गया है।

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अब बात करते हैं हॉरर फिल्म 'बुलबुल' की जहां कई सीन्स में महिलाओं को आलता लगाते दिखाया गया है। शादी से पहले, शादी के बाद और लग्जरी के तौर पर इस फिल्म में कई बार आलता का प्रयोग हुआ है।

ऐसे ही फिल्म 'नेमसेक' के कुछ सीन्स में एक्ट्रेस तबू के पैरों में आलता लगाया गया है।

आलता कई फिल्मी गानों का हिस्सा भी बना है। फिल्म 'ओमकारा' के गाने 'बीड़ी जलइले' में बिपाशा के हाथों में आलता है, दीपिका पादुकोण के हाथों और पैरोंमें फिल्म 'बाजीराव मस्तानी' के गाने 'मोहे रंग दो लाल' में आलता लगाया गया है। इन गानों में आलता ने अपनी मौजूदगी दर्ज करवाई है।

फैशन एक्सेसरी के तौर पर आलता का इस्तेमाल

आलता का फैशन में इस्तेमाल भी बहुत ही यूनिक तरीके से होता आया है और अब इसे क्रिएटिव माना जाने लगा है। पुष्पक सेन के मुताबिक, केल्विन क्लाइन जीन्स के साथ कोलैबोरेशन में परमा क्लोदिंग ब्रांड ने आलता का इस्तेमाल किया था। उस कहानी में आलता जुनून, प्यार और चाहत को दर्शाता है।

उस फोटोशूट में लड़कों को सफेद ब्लाउज, जीन्स और आलता के साथ दिखाया गया है, "यह दिखाता है कि लोग एक निश्चित जेंडर आइडेंटिटी से दूसरे में आसानी से जा रहे हैं। यह सही समय है कि हम एस्थेटिक्स को ज्यादा महत्व दें।"

आपने फैशन डिजाइनर सब्यसाची के फोटो शूट्स देखे हों, तो उसमें मॉडल्स के हाथों में हमेशा आलता लगा होता है। कोई बहुत भारी भरकम डिजाइन नहीं, बल्कि हाथों को पूरी तरह से लाल रखा गया है। उनके कपड़ों से मैच करता हुआ हाथों का रंग कई तरह से सब्यसाची के विजन को दिखाता है। इसमें आलता को बंगाली सेटिंग्स से हटाकर एक गहना बना दिया गया है जहां उसे लहंगा, डीप नेक ब्लाउज, साड़ी आदि के साथ पेयर किया जाता है। कुछ मॉडल्स घूंघट के अंदर हैं, लेकिन आलता उनके हाथों में अच्छे से नजर आ रहा है।

एक अन्य ब्रांड तोरानी भी आलता को अपनी तरह ही इस्तेमाल करता है। वहां भी बंदिशें तोड़ने की एक अनोखी झलक दिखती है। उनकी सीरीज सेवेन सेक्रेड सिन्स (Seven Sacred Sins) में महिला से लेकर ट्रांसवुमन तक सभी उम्र की फीमेल्स आलता लगाए हुए हैं। आलता यहां पर सुंदरता को दिखा रहा है। सेक्शुएलिटी एजुकेटर सीमा आनंद को भी कई बार आलता लगाए देखा गया है। उनके ग्रे बालों के बीच आलता उनके ग्रेस को और निखारता है।

आलता को लेकर आपके क्या विचार हैं? हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। ऐसी ही अन्य स्टोरीज को पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

Image Credit: Unsplash/ Shutterstock

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