नवाबी शान की अद्भुत झलक दिखाती है 'चांदी की चप्‍पल' बनाने की यह अनूठी कला, जानें इससे जुड़े कुछ रोचक तथ्‍य

चांदी की चप्पल: परंपरा से ट्रेंड तक का सफर! जानिए लखनऊ की इस शाही हस्तकला की रोचक कहानी, इतिहास, बनाने की प्रक्रिया, आधुनिक बदलाव और कीमत से जुड़ी खास बातें।
image

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ अपनी अनूठी तहजीब, संस्कृति और कला के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। इस शहर की गलियों में न केवल मुगल और नवाबी दौर की झलक मिलती है, बल्कि यहां के कारीगरों के नायाब हुनर की भी पहचान बनी हुई है। देखा जाए तो लखनऊ कई चीजों के लिए विश्‍व भर में मशहूर है, मगर सबसे ज्‍यादा जिस चीज के लिए इसे पहचान मिली वो है फैशन। जी हां, फैशन की दुनिया में लखनऊ का बहुत बड़ा योगदान रहा है। सदियों से इस शहर से फैशन इंडस्‍ट्री को नई-नई कलाएं उपहार में मिलती रही हैं।

चिकनकारी एम्ब्रॉयडरी से लेकर आरी-जारदोजी की कढ़ाई, मुकैश के चमकते काम से लेकर चांदी की चप्‍पल बनने की कला तक यहां की गलियां नवाबों की शान-ओ-शौकत की भी गवाही देती आ रही हैं। खासतौर पर चांदी की चप्‍पल की कला नवाबों के आलीशान रहन-सहन की ही देन है। इस आर्ट के बारे में बहुत कम लोगों को ही पता है। आज हम इस लेख में आपको इस अद्भुत कला के बारे में कुछ रोचक तथ्‍य बताएंगे। इसके लिए हमने लखनऊ की अफिया खान से बात की है, जिनके परिवार का पुशतैनी काम ही चांदी की चप्‍पल बनना है। आफिया बताती है, "मैं अपने पिता हाफिज मोहम्‍मद अशफाक और कुछ कारिगरों के साथ मिलकर घर पर ही चांदी की चप्‍पल बना रही हूं। हमारी कोई दुकान नही है बल्कि घर पर ही एक छोटा सा कमरा हमारा कारखाना है।"

वह यह भी बताती हैं, "मैं अपने परिवार की चौथी पीढ़ी हूं, जो इस नायाब कला को आगे बढ़ाने और वक्‍त के साथ अपग्रेड करने में लगी हुई है। इससे पहले से मेरे पिता, उनके पिता और उनके भी पिता 1918 के पहले से यह काम कर रहे हैं। हां, अब फर्क इतना है कि पहले नवाबों और राजा महाराजाओं के लिए चांदी की चप्‍पल और जूतियां बनाई जाती थीं और अब पैसे वाले मालदार लोग हमें ऑर्डर देते हैं चांदी की चप्‍पल बनने के लिए ।" आफिया से इस खूबसूरत कला से जुड़ी और भी बहुत सारी बातें हमने की, जिसके कुछ अंश हम पेश करते हैं-

कितनी पुरानी है 'चांदी की चप्‍पल'?

WhatsApp Image 2025-03-03 at 5.13.04 PM

आफिया के अब्‍बू हाफिज मोहम्‍मद अशफाक बताते हैं, "लखनऊ हमेशा से ही चमक-दमक का शहर रहा है। यहां कि हर गली में आपको एक नई कला देखने को मिल जाएगी। तड़क-भड़क और चटकीले रंगों वाली कला का जन्‍म ही लखनऊ से हुआ है। इस शहर ने मुगलों से लेकर नवाबों, राजा से लेकर जमीदारों तक सभी का दौर देखा है। मगर चमकदार, तड़क-भड़क वाला काम मुगलों के दौर में आया। नवाबों ने भी इसे अपनी शान बढ़ाने के लिए अपनाया। वैसे नवाब कोई भी काम केवल अपनी ठाठ-बाट का दिखावा करने के लिए नहीं करते थे। चांदी की चप्‍पल पहनने से उनका दिमाग ठंडा रहता था और सेहत को अन्‍य फायदे होते थे, इसलिए भी इस हुनर को नवाबों द्वारा बहुत प्रोत्‍साहन दिया गया।"

कैसे बनती हैं चांदी की चप्‍पल?

WhatsApp Image 2025-03-03 at 5.10.06 PM

यह कला दिखने में आसान है, मगर एक चप्‍पल बनने में 10 दिन का वक्‍त लगता है। यह हमें आफिया ने बताया, जो खुद भी चांदी की चप्‍पल बनाती हैं। वह कहती हैं, "सिंपल चप्‍पल में 10 दिन और नक्‍काशीदार डिजाइनर नगीनों वाली चप्‍पल में ज्‍यादा वक्‍त भी लगता है।" इस चप्‍पल को बनाने के लिए पहले कागज पर डिजाइन बनाकर और फिर चांदी की पत्‍ती पर उकेरा जाता है। फिर कटिंग होती है। इसके बाद चप्‍पल का ढांचा तैयार किया जाता है और सबसे आखिर में उसकी सजावट होती है। आफिया बताती हैं, "मीनाकारी, नगीनों का काम और घुंघरू वाली चप्‍पलों के बहुत ऑर्डर मिलते हैं।" बेशक नवाबों का दौर खत्‍म हो गया हो, मगर जो नवाब अभी भी हैं उनसे ऑर्डर मिलते रहते हैं। अब तो हिंदू वेडिंग में भी लोग दुल्‍हन के लिए चांदी की चप्‍पल बनवाते हैं। इतना ही नहीं, बच्‍चों के लिए जूतियां और महिलाओं के लिए मोजरी भी चंदी से तैयार की जाती हैं।

इसे जरूर पढ़ें-Chappal Wali Gali Market: देश की सबसे बड़ी फुटवियर मार्केट, इतनी सस्ती है कि 1000 रुपये की चप्‍पल भी मिल जाएगी 200 रुपये में

चांदी की चप्‍पल में क्‍या है नए बदलाव ?

WhatsApp Image 2025-03-03 at 5.13.03 PM

पहले तो केवल चांदी की साधारण चप्‍पलें बनती थीं और लखनऊ के चौक इलाके में इसे बनाने वालें कुछ हुनरमंदों के कारखाने और दुकाने होती थीं। मगर अब इस कला के हुनरमंद ही कम बचे हैं, उनमें से एक आफिया और उनके परिवार के कुछ लुग इस कला को आधुनिक समय के अनुसार अपग्रेड करने का भी काम कर रहे हैं। आफिया बताती हैं, 'अब हम हील वाली सैंडल और जूतियां भी बना रहे हैं। कई ज्‍वेलरी शॉप से हमें आर्डर मिलते हैं। कई बार डायरेक्‍ट भी लोग हमारे पास आते हैं और नए-नए डिजाइंस की डिमांड करते हैं। मगर पट्टी वाली नक्‍कशीदार चप्‍पल सबसे ज्‍यादा पसंद की जाती है।'

चांदी की चप्‍पल की कीमत

WhatsApp Image 2025-03-03 at 5.12.55 PM

चांदी के भाव पर चप्‍पल की कीमत तय होती है। वैसे बाजार में16 हजार रुपये से लेकर 50 हजार रुपये तक और इसे भी ज्‍यादा कीमत की चप्‍पल आपको मिल जाएंगी। आप अपनी पसंद के अनुसार भी इन्‍हें बनवा सकते हैं।

चांदी की चप्पल केवल एक फैशन ट्रेंड नहीं, बल्कि लखनऊ की विरासत और इतिहास की अनमोल धरोहर है। यह कला सदियों से नवाबों और अमीर घरानों की पहचान रही है और अब इसे नई पीढ़ी भी अपनाने लगी है। आर्टिकल के बारे में अपनी राय भी आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। साथ ही, अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।

Image Credit- Afiya khan

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP