देश की सेवा करने वाले IPS अधिकारी कानून व्यवस्था बनाए रखने के साथ-साथ अपने साहस और कर्तव्यनिष्ठा से लोगों के लिए प्रेरणा भी बनते हैं। इसलिए IPS अधिकारी को इस्तीफा देने के लिए भी एक लंबी और औपचारिक प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। आमतौर पर हम सोचते हैं कि जैसे कोई आम नौकरी छोड़ता है, वैसे ही अफसर भी त्यागपत्र देकर अपना पद छोड़ सकते हैं। लेकिन सच्चाई इससे काफी अलग है। अगर आप सिविल सर्विस में रुचि रखते हैं या सिस्टम को करीब से समझना चाहते हैं, तो यह जानकारी आपके लिए बेहद उपयोगी होगी। इसी के साथ, इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि IPS अधिकारी का इस्तीफा आखिर किसके पास जाता है, उसे कौन मंजूरी देता है, और इस प्रक्रिया के पीछे कौन-कौन से नियम और शर्तें जुड़ी होती हैं।
IPS अधिकारी होते हैं ऑल इंडिया सर्विस के सदस्य
सबसे पहले ये जानना जरूरी है कि IPS एक ऑल इंडिया सर्विस के सदस्य होते हैं। इसका मतलब यह है कि अधिकारी की नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा की जाती है। जानकारी के लिए बता दें कि आईपीएस अधिकारी की पोस्टिंग राज्य सरकार के अंतर्गत होती है।
IPS अधिकारी का इस्तीफा कौन मंजूर करता है?
- यदि कोई IPS अधिकारी इस्तीफा देना चाहता है, तो उसका इस्तीफा पहले राज्य सरकार को भेजा जाता है, जहां वह उस समय कार्यरत होता है।
- फिर राज्य सरकार उस इस्तीफे को अपनी सिफारिश के साथ भारत सरकार के गृह मंत्रालय को भेजती है।
- अंतिम मंजूरी केंद्र सरकार द्वारा ही किया जाता है, क्योंकि IPS अधिकारी की नियुक्ति भी केंद्र सरकार ही करती है।
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क्या IPS अधिकारी का हर इस्तीफा स्वीकार हो जाता है?
IPS अधिकारी का हर इस्तीफा स्वीकार हो जाए, ऐसा जरूरी नहीं है। सरकार कई तरह की जांच आदि करने के बाद ही इसे स्वीकार करती है। सरकार यह देखती है कि अधिकारी के खिलाफ कोई जांच तो नहीं चल रही। साथ ही, इस्तीफे का निजी, स्वास्थ्य, राजनीतिक या अन्य कारण क्या है, इस बारे में भी पता लगाती है। इन सभी बातों को ध्यान में रखकर ही फैसला लिया जाता है कि इस्तीफा स्वीकार करना है या अस्वीकार।
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क्या इस्तीफा देने के बाद भी सेवा में लौट सकते हैं?
अगर इस्तीफा स्वीकार होने से पहले ही अधिकारी अपना मन बदल ले और वापसी की अपील करे, तो कुछ मामलों में इस्तीफा वापस भी लिया जा सकता है। हालांकि, इसके लिए भी सरकार की मंजूरी चाहिए होती है।
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