आजकल जहां महिलाएं हर एक क्षेत्र में पुरुषों से बराबरी का औदा रखती हैं ऐसे में जब बात आती है NDA परीक्षा की यानी नैशनल डिफेंस एकेडमी के इंट्रेंस एग्जाम की तो इसमें केवल लड़कों को ही क्यों शामिल किया जाता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला लेते हुए ये बात कही है कि अब से इस एग्जाम में योग्य महिलाएं भी हिस्सा ले सकेंगी। आइए जानें क्या है पूरी खबर।
देश में सिर्फ एक यही ऐसी अकादमी है जिसमें केवल लड़के ही शामिल हो सकते हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके ये बात रखी गई थी कि योग्य महिला कैंडिडेट्स को भी NDA में एडमिशन का मौका देना चाहिए। इस बात को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने महिला अभ्यर्थियों के लिए राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) के दरवाजे खोल दिए हैं और अब महिलाएं भी इस परीक्षा का हिस्सा होंगी। आपको बता सेन कि ये परीक्षा आगामी 5 सितम्बर को होने वाली है और इसमें अब महिलाओं को शामिल करने की अनुमति मिल गयी है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार, 18 अगस्त को ये आदेश जारी करते हुए कहा है कि योग्य महिलाओं को इस परीक्षा में शामिल करना चाहिए।
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नेशनल डिफेन्स अकादमी (NDA ) भारतीय सशस्त्र बलों का संयुक्त रक्षा सेवा प्रशिक्षण संस्थान है, जहां तीन सेवाओं यानी भारतीय सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना के कैडेट एक साथ प्रशिक्षण के लिए संबंधित सेवा अकादमी में जाते हैं। नेशनल डिफेन्स अकादमी खडकवासला, पुणे, महाराष्ट्र में स्थित है। यह दुनिया की पहली त्रि-सेवा अकादमी है जिससे हर साल कई छात्र सफलता पूर्वक शिक्षा ग्रहण करके निकलते हैं और देश की विभिन्न सुरक्षा सेवाओं का हिस्सा बनते हैं।
याचिकाकर्ता ने इस बात की दलील देते हुए कहा कि 12 वीं की शिक्षा रखने वाली योग्य महिला अभ्यर्थियों को उनके लिंग के आधार पर राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और नौसेना अकादमी परीक्षा देने के अवसर से वंचित कर दिया जाता है जो संविधान के मौलिक नियमों के खिलाफ है। वहीं, समान रूप से 12 वीं स्तर की शिक्षा वाले पुरुष अभ्यर्थियों को परीक्षा देने और अर्हता प्राप्त करने के बाद भारतीय सशस्त्र बलों में स्थायी कमीशंड अधिकारी के रूप में नियुक्त होने के लिए प्रशिक्षित होने के लिए राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में शामिल होने का अवसर मिलता है।
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न्यूज़ एजेंसी ANI ने ये जानकारी देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं को 5 सितंबर को होने वाली राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) परीक्षा में शामिल होने की अनुमति देने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि दाखिले कोर्ट के अंतिम आदेश के अधीन होंगे। महिलाओं को एनडीए की परीक्षा में शामिल नहीं होने देने पर सुप्रीम कोर्ट ने सेना को फटकार लगाई है। सेना के यह कहने पर कि यह एक नीतिगत निर्णय है, शीर्ष अदालत का कहना है कि यह नीतिगत निर्णय "लिंग भेदभाव" पर आधारित है।
Supreme Court orders allowing women to take the National Defence Academy (NDA) exam scheduled for September 5th. The Apex Court says that admissions will be subject to the final orders of the court pic.twitter.com/8YVgaxz5O8
— ANI (@ANI) August 18, 2021
सुप्रीम कोर्ट का ये निर्णय वास्तव में लिंग भेदभाव को हटाने को और संकेत देता है और वास्तव में ये महिलाओं केहित के लिए एक बड़ा निर्णय है।
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Image Credit:freepik, twitter.com
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