हमारे देश में किसी भी तीज त्योहार या शादी में मेहंदी लगाना जरूरी होता है, क्योंकि मेहंदी को शुभ माना जाता है। हमारे देश में मेहंदी का इस्तेमाल बहुत पुराने समय से होता आ रहा हैं और यह हमारी संस्कृति की हिस्सा बन चुकी। वैसे, मेहंदी शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के शब्द मेंधिका से मानी जाती हैं। पहले के समय में मेहंदी के पौधे की पत्तियां तोड़कर उसे पीसा जाता था, फिर उसे पोलीथीन से कोन में भरकर हाथों में लगाया जाता था। फिर बाद में मार्केट में मेहंदी पाउडर बिकने का चलन शुरू हुआ। अब लोग मेहंदी पाउडर लाकर इसे छानकर घोल बनाते थे और फिर इसे पोलीथीन के कोन में भरकर हाथों में मेहंदी लगाई जाती थी। लेकिन फिर मार्केट में बने बनाये कोन मिलने लगे और साथ ही मेहंदी लगाने वाले लोग भी मार्केट में बैठने लगे। ऐसे में अब हर वह महिला जो मेहंदी केवल किसी खास मौके पर लगाती थी अब जब मन हो तब मेहंदी लगा लेती हैं या लगवा लेती हैं। अगर आप कोई लघु उद्योग शुरू करने की सोच रही हैं तो आप मेहंदी के कोन बनाने का व्यवसाय शुरू कर सकती हैं। तो आइए जानें, इस व्यवसाय से जुड़ी चुनौतियों और संभावनाओं के बारे में।
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मेहंदी के साथ सबसे अच्छी बात यह है कि मेहंदी अभी तक किसी ब्रांड नेम का शिकार नहीं हुआ है। इसलिए मार्केट में उपभोक्ताओं को मेहंदी लेने के लिए किसी ब्रांड नेम की अभी तक जरूरत नहीं पड़ती है, सिर्फ दुकान पर जाकर मेहंदी मांगने पर मेहंदी मिल जाती हैं। इससे आप समझ सकती हैं कि किसी एक ब्रांड का वर्चस्व इस क्षेत्र में अभी तक नहीं हैं। ऐसे में अगर आप मेहंदी व्यवसाय में हाथ आजमाना चाहती हैं तो आपके सामने चैलेंज कम होंगे। ऐसे में अगर आपकी डिस्ट्रीब्यूटरशिप बेहतर हैं तो आप ज्यादा से ज्यादा माल दुकानों तक पहुंचा सकती हैं। साथ ही सुखी मेहंदी की सीमित शेल्फ लाइफ नहीं होती यानि इसे पैक होने के काफी समय बाद तक भी इस्तेमाल किया जा सकता हैं। ये बात भी व्यवसायी के पक्ष में जाती हैं और बिजनस के जोखिम को कम करती हैं।
मेहंदी व्यवसाय की सबसे अच्छी बात यह है कि मेहंदी व्यवसाय शुरू करने के लिए ज्यादा पैसों या चीजों की जरूरत नहीं पड़ती। मेहंदी मैन्युफैक्चरिंग के लिए जो सबसे जरूरी है वह है इसका कच्चा माल, यानि मेहंदी के पत्ते। इसके अलावा मेहंदी के साथ मिक्स करने के लिए कुछ अन्य हर्ब शुगर और पीसी हुई मेहंदी को पैक करने के लिए जरूरी पैकिंग सामग्री इत्यादी।
मेहंदी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट शुरू करने के लिए ज्यादा मशीनरी की जरूरत नहीं पड़ती। मेहंदी व्यवसाय में आपको पल्वराईजर मशीन और मोटर की जरूरत पड़ेगी। साथ ही, मेहंदी से कचरा अलग करने के लिए छलनी, मेहंदी का भार तोलने के लिए वेट मशीन और मेहंदी के पाउच की पैकिंग करने के लिए पाउच सीलिंग मशीन की जरूरत होगी।
मेहंदी पाउडर बनाने की यूनिट लगाना बहुत आसान है। इसकी यूनिट लगाने के लिए बहुत ज्यादा बड़ी जगह की जरूरत नहीं पड़ती। लेकिन आप जिस जगह अपनी यूनिट लगाने जा रहे हैं वहां अच्छी धूप आना बहुत जरूरी हैं। साथ ही मेहंदी के पत्ते जिस जगह ग्राइंड किये जा रहे हो वहां धूल और मिट्टी बिल्कुल नहीं होनी चाहिए, क्योंकि मेहंदी पर धूल और मिट्टी पड़ने से मेहंदी की क्वालिटी खराब हो सकती हैं।
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अगर आपको कच्चा माल यानि मेहंदी के पत्ते किसी डीलर से मिल जाते हैं तो आपका मेहंदी पाउडर मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस आसान हो जाएगा। अगर आपके आसपास कोई डीलर नहीं है तो आपको मेहंदी का उत्पादन खुद करना होगा। मेहंदी का उत्पादन करने पर आपको सबसे पहले खेतों से मेहंदी के पत्ते चुनवाने होंगे। मेहंदी के पत्ते तीन प्रकार के होते हैं- सबसे कम क्वालिटी वाले काले धब्बों वाले पत्ते, कुछ सुनहरी आभा लिए मध्यम क्वालिटी वाले पत्ते और सबसे अच्छी क्वालिटी वाले हरे पत्ते। इन तीनों प्रकार के पत्तों को उनके रंगों के अनुसार अगल-अलग कर लें और इनको अच्छे से सुखा लें। सुख जाने के बाद पत्तों को पीसने के लिए मशीन में डालें। पीसे गए पाउडर को छलनी से छानकर अशुद्धियों को दूर कर लें। इसके बाद मेहंदी का वेट करके पैक करें। अब आप मेहंदी को मार्केट में बेच सकती हैं, इसे आप दुकानों में सप्लाई भी कर सकती हैं।
Photo courtesy- (eBay, Henna Art, Mexicali Blues, wikiHow, DHgate.com)
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