गणेश उत्सव चल रहा है और शायद हम सभी गणेश और पार्वती की एक कथा से वाकिफ हैं। वो है गणेश जी के जन्म की कथा। पार्वती के स्नान के समय शिव जी वहां पहुंच गए थे। सेवक उन्हें रोक नहीं पाए थे। पार्वती से शिव जी ने कहा था कि ये मेरे ही तो सेवक हैं ये मुझे कैसे रोकेंगे। तब पार्वती ने अपने उपटन से गणेश भगवान को जन्म दिया था। गणेश भगवान शिव जी के सेवक नहीं थे। वो पार्वती के थे। इसलिए उन्होंने अपने प्राण देकर भी पार्वती जी के स्नान में खलल नहीं पड़ने दिया। ये कहानी हमे काफी कुछ सिखाती है, लेकिन सबसे बड़ी सीख ये कि काम पड़ने पर वो साथ देता है जिसे खास तौर पर अपने काम के लिए तैयार किया जाए। यही बात आपकी फाइनेंशियल प्लानिंग को लेकर भी लागू होती है।
जहां बात फाइनेंशियल मैनेजमेंट की आती है तो एक कहावत बहुत मश्हूर है, 'वक्त पड़ने पर गांठ का पैसा ही काम आता है'। शिव के सेवक पार्वती का कहा नजरअंदाज़ कर गए, लेकिन गणेश जो पार्वती के लिए ही थे उन्होंने नहीं किया। यही पैसे के साथ होता है जब पति, पुत्र, माता-पिता का पैसा वक्त पड़ने पर काम आ भी सकता है और नहीं भी, लेकिन वो पैसा जो आपने खुद संजोया होता है वो हमेशा आपके काम ही आता है।
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Wealth Aware कंपनी की संस्थापक और एमडी तन्वी केजरीवाल गोयल हमें एक्सपर्ट फाइनेंशियल सलाह दे रही हैं। तन्वी जी के अनुसार महिलाओं को इन 5 तरीकों से अपने पैसों का मैनेजमेंट करना चाहिए। इसकी वजह से फ्यूचर को लेकर ज्यादा बेहतर सिक्योरिटी होती है।
निवेश करना अच्छी बात है, परिवार के लिए पैसे जोड़ना भी बहुत अच्छी बात है, लेकिन जहां आप बात कर रहे हैं फाइनेंशियल प्लानिंग की वहां ये बहुत जरूरी है कि आप अपना पैसा थोड़ा अलग करके रखें। यहां महीने के बजट की बात नहीं हो रही बल्कि यहां बात हो रही है निवेश की। जैसे आप अपने नाम भी एफडी या म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकती हैं। ये अलग इसलिए होगा क्योंकि जरूरत पड़ने पर ये सिर्फ आपका होगा। ऐसा करने से कई बार महिलाओं को दूसरे तरह के फायदे भी होते हैं।
उदाहरण के तौर पर सरकार की कई स्कीम ऐसी हैं जहां महिलाओं को पैसे जोड़ने पर ज्यादा ब्याज मिलता है। ऐसे में आप अपने पैसे का सही उपयोग कर सकती हैं।
यहां बात अलमारी में रखे पैसे की नहीं हो रही है, बल्कि ऐसे फंड की हो रही है जिसे निवेश भी किया जाए तो भी वो किसी भी जरूरत में तुरंत निकाला जा सके। ऐसी स्कीम पोस्ट ऑफिस की या फिर म्यूचुअल फंड की नहीं हो सकती। ये नॉर्मल एफडी या आरडी जैसी स्कीम हो सकती है। जो आपको इंट्रेस्ट भी दे और साथ ही साथ आपके लिए एक इमर्जेंसी फंड की तरह भी काम करे।
अगर आप पति पर फाइनेंशियली निर्भर हैं तो उनकी लाइफ इंश्योरेंस के साथ-साथ अपनी भी हेल्थ इंश्योरेंस और किसी बड़ी बीमारी जैसे कैंसर आदि के लिए इंश्योरेंस करवा कर रखिए। भले ही ये थोड़ा अजीब लगे, लेकिन भविष्य किसी ने नहीं देखा है और ऐसे में किसी बड़ी मुसीबत में पैसे की समस्या का सामना न करना पड़े इसलिए इंश्योरेंस करवाना बहुत जरूरी है।
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यहां 3-5 साल की बात नहीं हो रही है। बात हो रही है रिटायरमेंट की। इसके लिए सबसे अच्छा तरीका है अपने लिए पेंशन प्लान में इनवेस्ट करना। वैसे तो कई और तरह की स्कीम आ जाएंगी, लेकिन ये पारंपरिक स्कीम आपको फायदा ही देगी। सरकारी और प्राइवेट हर तरह की पेंशन स्कीम मौजूद हैं।
आम तौर पर महिलाएं अपने घरों में वसीहत की बात नहीं करतीं, लेकिन इसके कई फायदे हैं। ये कई पारिवारिक झगड़ों से बचा सकता है और साथ ही साथ कुछ हद तक आपको ये बता सकता है कि फाइनेंशियली आपका भविष्य कितना सुरक्षित है।
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