इंटरनेट के बढ़ते इस्तेमाल और डिजिटल होती दुनिया में दुनियाभर के बाजार डिजिटल होते जा रहे हैं। यही वजह है कि इस समय में डिजिटल मार्केटिंग में ग्रोथ की अच्छी संभावनाएं हैं। वर्किंग वुमन डिजिटल मार्केटिंग में अपना करियर बनाकर ना सिर्फ कामयाबी हासिल कर सकती हैं, बल्कि अच्छी सैलरी के साथ अपना एक अलग ब्रांड भी विकसित कर सकती हैं। अगर घर-परिवार की जिम्मेदारियों के कारण नौकरी करना संभव ना हो तो भी घर बैठे वे डिजिटल मार्केटिंग के जरिए अपने काम को आगे बढ़ा सकती हैं और कामयाब बिजनेस वुमन बन सकती हैं।
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एक दशक से लंबे समय से युवाओं को करियर बनाने में मदद कर रहे करियर काउंसलर आशीष आदर्श बताते हैं,
'महिलाएं पुरुषों की तुलना में ज्यादा स्टेबल, क्रिएटिव और धैर्यवान मानी जाती हैं और इसीलिए वे किसी भी काम को ज्यादा बेहतर तरीके से कर सकती हैं। कई बार महिलाओं को अपना करियर चुनने के लिए सही अवसर और सही रास्ता नहीं मिल पाता है। ऐसे में डिजिटल मार्केटिंग में उन्हें अपने करियर को सही दिशा देने का रास्ता मिल सकता है।
डिजिटल मार्केटिंग के अंतर्गत सबसे पहले आपको अपने टार्गेट ऑडियंस को पहचानना होता है और फिर उनके अनुसार सेवाओं को तकनीकी सहजता से उपलब्ध कराना होता है। इसमें महिलाओं के लिए इन बातों की जानकारी होना जरूरी है- टार्गेट कस्टमर डिटिजिल मार्केटिंग को लेकर कितना अवेयरर है, उसके सामने क्या-क्या विकल्प हैं और उसका अब तक का डिजिटल मार्केटिंग का तजुर्बा कैसा रहा है। इन तमाम चीजों पर कस्टमर से बात कर महिलाएं तार्किक निष्कर्ष पर पहुंच सकती हैं। इस करियर में होने का एक बड़ा फायदा ये है कि महिलाएं अपने घर बैठे अपने करियर को आगे बढ़ा सकती हैं और अपने खाली समय का सदुपयोग कर सफल बिजनेस वुमन बन सकती हैं।
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डिजिटल मार्केटिंग में अलग-अलग प्रॉडक्ट्स और सर्विसेज की मार्केटिंग करने के लिए डिजिटल तकनीकों का सहारा लिया जाता है। इसमें ईमेल मार्केटिंग, स्मार्ट फोन्स, डिस्प्ले एडवरटाइजिंग, रेडियो एडवरटाइजिंग आदि के जरिए कस्टमर बेस बढ़ाने की कोशिश की जाती है। इसमें टार्गेटेड कंज्यूमर्स तक पहुंचने के लिए सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं। डिजिटल मार्केटिंग से जुड़े टॉप कोर्सेस और इस करियर की संभावनाओं के बारे में आइए जानते हैं-
सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (SEO) के तहत वेब पेज को गूगल और याहू जैसे सर्च इंजन पर देखा जाता है कि एक खास तरह का ऑडियंस किन वेबसाइट्स को देख रहा है और क्या कंटेंट सर्च कर रहा है। यह डिजिटल मार्केटिंग का एक ऐसा टूल है, जिसके जरिए ना सिर्फ वेबसाइट की रेंकिंग अच्छी होने लगती है, बल्कि उसका यूजर बेस भी बढ़ने लगता है। आज के समय में एसईओ जानकार लोगों की बाजार में अच्छी-खासी मांग है। एसईओ के लिए जो कोर्स कराया जाता है, उसमें कीवर्ड्स रिसर्च, साइट डिजाइन्स, इंटरलिंकिंग, नेटिव लिंकिंग जैसी स्किल्स सिखाई जाती है और किसी कंटेंट को ज्यादा लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया जाता है। अगर आपका बैकग्राउंड साइंस का रहा है और आप तकनीकी रूप से भी कुशल हैं तो एसइओ का कोर्स आपके लिए और भी ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है। इस पेशे में शुरुआती सैलरी अमूमन 2 लाख - 4 लाख रुपये की हो सकती है। एसईओ मार्केटिंग का कोर्स करने पर आप एसईओ प्रोफेशनल, वेबसाइट ऑडिटर बन सकती हैं, साथ ही आप एनालिटिक्स, बिजनेस मैनेजमेंट/ डेवलपमेंट, लिंक बिल्डिंग, इवेंट मैनेजमेंट, सोशल मीडिया एनालिस्ट, वेब डेवलपमेंट मैनेजमेंट, वेब डिजाइन, पब्लिक रिलेशन, रेपुटेशन मैनेजमेंट, पेड सर्च/ पीपीसी मैनेजमेंट, ब्लॉगिंग आदि में भी अपने लिए मौके तलाश सकती हैं।
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इंटरनेट मार्केटिंग के तहत यह कोर्स कराया जाता है, जिसमें सोशल नेटवर्किंग साइट्स के लिए मार्केटिंग तकनीकें बताई जाती हैं। इन तकनीकों के माध्यम से सोशल मीडिया से जुड़े लोगों से संपर्क बढ़ाया जाता है और कंटेंट, तस्वीरों और वीडियो आदि के जरिए अलग-अलग तरह की सर्विसेज की जानकारी दी जाती है।
ईमेल मार्केटिंग के तहत लोगों को ई-मेल भेजकर और उनसे मिले रेसपॉन्स का विश्लेषण करके डिजिटल मार्केटिंग प्रोफेशनल्स अपने टार्गेट यूजर के बीच बेस बनाते हैं। यह कोर्स करके ईमेल-मैनेजर के तौर पर कंपनियों को सर्विसेस दी जा सकती हैं। सेकेंड करियर की शुरुआत कर रही हैं तो भी इस कोर्स से आप अपने करियर को दिशा दे सकती हैं।
इस कोर्स के तहत किसी सामान या सर्विस को खरीदने से पहले यूजर को उसके बारे में इन्फॉर्मेशन दी जाती है। यूजर्स आमतौर पर सर्विसेस या सामान खरीदने से पहले उसके बारे में इंटरनेट पर रिसर्च करते हैं और इस दौरान वे ऐसे कंटेट विशेष रूप से देखते हैं। यह तरीका बिजनेस बढ़ाने के लिए कारगर और किफायती माना जाता है।
टार्गेट ऑडियंस किस तरह की इन्फॉर्मेशन पाना चाहते हैं, उन्हें क्या चीजें पढ़ना अच्छा लगता है, वे कितनी बार वेबसाइट पर विजिट करते हैं, कौन से इलाकों से हैं और कितनी देर तक साइट पर बने रहते हैं, इस बारे में अहम जानकारियां वेब एनालिटिक्स के जरिए मिल जाती हैं। कंटेंट या सर्विस को किस तरह से लोगों तक पहुंचाया जाए, इस बारे में एनालिटिक्स की स्टडी करके कारगर रणनीति बनाई जा सकती है। इसका कोर्स कर लेने पर ऑनलाइन बिजनेस को आगे बढ़ाने से जुड़ी सेवाएं दी जा सकती हैं और बिजनेस वुमन के तौर पर भी अपने काम को प्रमोट किया जा सकता है।
डिजिटल मार्केटिंग की फील्ड में कई सैक्टर्स जैसे कि बैंकिंग, टूरिज्म, हॉस्पिटैलिटी, आईटी, मीडिया, कंसल्टेंसी, मार्केट रिसर्च, पीएसयू, पीआर एडं एडवरटाइजिंग, मल्टी नेशनल कंपनियों आदि में अच्छी जॉब हासिल की जा सकती है और सैलेरी पैकेज भी अच्छा मिलता है। शुरुआती सैलरी 2 लाख से 4 लाख रु. के बीच होती है, लेकिन अनुभव बढ़ने के साथ-साथ इसमें अच्छा पैकेज मिलने की संभावना भी बढ़ती जाती है। डिजिटल मार्केटिंग में विशेषज्ञता हासिल करने पर 2.5 लाख की मासिक सैलरी का पैकेज भी हासिल किया जा सकता है।
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