न्यूट्रिशन हमारे शरीर की जरूरत है और शरीर में बहुत सारी समस्याएं इससे हल हो सकती हैं। अगर देखा जाए तो न्यूट्रिशन के लिए हमें बहुत सी चीज़ों की जरूरत होती है। हमारा शरीर हर उम्र में बदलता है और इसे न्यूट्रिशन की जरूरत भी हर उम्र में अलग होती है। ऐसे में अगर महिलाओं की बात करें तो उन्हें प्रेग्नेंसी की उम्र में ज्यादा ख्याल रखना होता है। अधिकतर महिलाएं 20-30 साल की उम्र के बीच बच्चों को पैदा करती हैं और उन्हें इस उम्र में अलग तरह का न्यूट्रिशन चाहिए।
इस महिला दिवस पर हमने न्यूट्रिशनिस्ट, डायबिटीज एजुकेटर और डायटीशियन स्वाति बथवाल से बात की है और हर एज ग्रुप की महिलाओं के न्यूट्रिशन को लेकर उनसे जानकारी ली है। इसी कड़ी में हम पहले आपको बता चुके हैं कि टीनएज लड़कियों को किस तरह के न्यूट्रिशन की जरूरत होती है और आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि 20 से 30 साल की महिलाओं को किस तरह के न्यूट्रिशन की जरूरत होती है।
स्वाति बथवाल का कहना है कि इस उम्र में पीसीओएस, थायराइड और बढ़ते वजन को काबू रखना बहुत जरूरी है क्योंकि इस उम्र का वजन लंबे समय तक रहता है और इसके बाद वजन को घटाना बहुत ही ज्यादा मुश्किल हो जाता है। प्रेग्नेंसी के वक्त भी बढ़ा हुआ वजन बहुत सारी समस्याओं का कारण हो सकता है और इसलिए आपको ये ध्यान रखना जरूरी है कि आप इसे कम करें।
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आपके लिए प्रोटीन से भरपूर खाना जैसे दाल, अंडे, मछली, हरी सब्जियों, नट्स आदि के साथ विटमानि D, आयरन और विटामिन C के साथ-साथ जिंक और सेलेनियम से भरपूर खाना खाना चाहिए। ये मिनरल्स कम नहीं होने चाहिए क्योंकि ये आपके हार्मोनल इम्बैलेंस और मेटाबॉलिक फंक्शन्स सभी को ठीक रखते हैं। अगर ये कम होंगे तो आपके मेटाबॉलिक फंक्शन्स भी ठीक नहीं चलेंगे।
वो महिलाएं जो कंसीव करने की कोशिश कर रही हैं उन्हें अपनी डाइट में फोलिक एसिड जरूर शामिल करना चाहिए। फोलिक एसिड को अगर शामिल किया जाए तो मां और बच्चे को गंभीर बीमारियों से मुक्ति मिल सकती है। फोलिक एसिड की कमी बच्चे में न्यूरल ट्यूब सिंड्रोम जैसे जन्मजात विकार भी पैदा कर सकते हैं। फोलिक एसिड एक तरह का विटामिन B होता है जो ग्रोथ के लिए बहुत जरूरी है।
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इस एज ग्रुप की महिलाओं के लिए सबसे जरूरी होता है हार्मोन कंट्रोल। आपको फर्टिलिटी डाइट फॉलो करनी होती है जिसमें प्रोटीन की मात्रा अधिक और रिफाइन्ड कार्ब्स कम होने चाहिए। हेल्दी फैट्स जैसे घी, सरसों का तेल, तिल का तेल, मूंगफली का तेल खाएं।
इसी के साथ सरसों के बीज, बादाम, कद्दू के बीच आदि को अपनी डाइट में शामिल करें जिसमें सिलेनियम और जिंक काफी मात्रा में होता है। चिया सीड्स (1 चम्मच) और अखरोट और अलसी के बीज का पाउडर बहुत जरूरी है। इस उम्र में अल्कोहल का सेवन कम करें। 2 स्टैंडर्ड ड्रिंक्स (4 ड्रिंक्स प्रति हफ्ते) से ज्यादा न पिएं और रेड वाइन को चुनें।
सोडा और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स से बचें।
ये सभी टिप्स 20-30 साल की महिलाओं के लिए बहुत ही अच्छी साबित हो सकती हैं और प्रेग्नेंसी के दौर में उन्हें मदद कर सकती हैं। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
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