न्यूट्रिशन और हेल्दी डाइट सभी के लिए बहुत जरूरी होती है, लेकिन अक्सर लोग ये गलती कर बैठते हैं कि हम एक तय डाइट को ही हमेशा फॉलो करते रहते हैं। खासतौर पर अगर महिलाओं की बात की जाए तो ये सोचना बहुत जरूरी है कि उनके ग्रोथ इयर्स में पीरियड्स भी शुरू होते हैं और उन्हें अलग तरह के न्यूट्रिशन की जरूरत होती है। अगर लड़कियों को सही तरह का न्यूट्रिशन मिले तो आगे चलकर उन्हें किसी तरह की समस्या नहीं होती है।
वुमन्स डे के मौके पर हम खास सीरिज में आपको बताएंगे कि हर उम्र की महिलाओं के लिए किस तरह के न्यूट्रिशन की जरूरत होती है और उन्हें अपनी डाइट में क्या-क्या एड करना चाहिए। हमारी सीरीज में हमने डायबिटीज एजुकेटर, न्यूट्रिशनिस्ट, डायटीशियन स्वाति बथवाल से बात की और हर उम्र की महिला के लिए डाइट की जरूरतों को पहचाना। ये डाइट हमारे लिए बहुत जरूरी साबित हो सकती है क्योंकि इसके कारण ही हमारी जिंदगी में हमें बहुत से रोगों से मुक्ति मिलती है। इसी सीरीज में आज हम बात कर रहे हैं 10-20 साल की लड़कियों की जिन्हें बढ़ती उम्र में अलग तरह के न्यूट्रिशन की जरूरत होती है।
प्यूबर्टी के दौरान ये ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि लड़कियों के शरीर में बहुत सारे बदवाल होते हैं और ये न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक बदलावों को भी जन्म देती है। इसी दौरान पीरियड्स शुरू होते हैं और लड़कियों में आयरन की जरूरत बढ़ जाती है इसलिए हरी पत्तेदार सब्जियां, जैसे पालक, गोभी के पत्ते, मेथी, ब्रॉकली आदि बहुत जरूरी हैं।
इसी के साथ, नट्स जैसे काजू-बादाम आदि भी खाने चाहिए जिनमें मैग्नीशियम की मात्रा भरपूर होती है और ये पीरियड क्रैम्प्स को खत्म करते हैं, कद्दू के बीज, सरसों आदि में जिंक होता है जो मेटाबॉलिक फंक्शन्स को ठीक करता है। आयरन के साथ-साथ विटामिन सी की भी इस दौरान बहुत जरूरत होती है और धनिया, पार्सले आदि को खाने से ये दोनों ही न्यूट्रिएंट मिलते हैं।
इसे जरूर पढ़ें- शिल्पा शेट्टी खुद को फिट और हेल्दी रखने के लिए पीती हैं ये Detox ड्रिंक, जानें रेसिपी
बढ़ती उम्र में हड्डियों का भी विकास होता है और इसलिए कैल्शियम की जरूरत को पूरा करना बहुत अहम है। हड्डियों की हेल्थ को ठीक रखने के लिए फॉस्फोरस और कैल्शियम दोनों ही जरूरी हैं और ये टीनएज लड़कियों के लिए आगे चलकर बहुत महत्व रखता है। इसके लिए डेयरी प्रोडक्ट्स (लो फैट डेयरी प्रोडक्ट्स), पनीर, दही, गोभी के पत्ते, सफेद ति, खस-खस आदि कैल्शियम के लिए खाएं और इनके साथ ही बादाम का सेवन भी करें जिससे हड्डियां मजबूत होंगी।
स्वाति बथवाल के मुताबिक बचपन में मोटापा टीनएज में ही डायबिटीज और साथ ही साथ पीसीओएस जैसी समस्या का कारण भी बढ़ सकता है। फैट सेल्स हमारे शरीर में बचपन से लेकर टीनएज तक ही बनते हैं इसलिए ये बहुत जरूरी है कि आप उस दौरान अपने वजन को कम करने के बारे में सोचें। ये बहुत जरूरी है कि इस उम्र में मोटापा बच्चों को न घेरे।
विटामिन D और विटामिन B12 की कमी बहुत सारी समस्याओं का कारण बन सकती है। आजकल ज्यादातर घर में रहने से विटामिन D की समस्या हो रही है। या तो आप विटामिन डी का सप्लिमेंट ले सकते हैं या फिर कॉड लिवर ऑयल ले सकते हैं। इसके साथ ही, मशरूम, फिश ऑयल, सीवीड आदि विटामिन D के अच्छे स्रोत हो सकते हैं। साथ ही साथ 15-20 मिनट सूरज की रौशनी में रहना बहुत जरूरी है। गर्मियों में सुबह 9 बजे से पहले की धूप अच्छी होती है।
इसे जरूर पढ़ें- ब्लड प्रेशर और इम्यूनिटी के लिए फायदेमंद है अमरूद, जानें एक्सपर्ट की राय
टीनएज बढ़ने वाली एज होती है और हमारी जिंदगी में 10-20 साल में लिया गया न्यूट्रिशन बहुत जरूरी होता है। ऐसे में कैल्शियम से भरपूर खाना खाना चाहिए। फ्राई फूड्स से दूर रहें, बासी खाना, फास्ट फूड आदि से एक्ने और इंसुलिन रेजिस्टेंस होती है जो आगे चलकर पीसीओएस का कारण हो सकते हैं।
गुलकंद, खस-खस, छाछ, नट्स आदि खाएं। साथ ही साथ आपको हाइड्रेटेड रहने की कोशिश करें। प्लास्टिक और एलुमीनियम के बर्तनों को न इस्तेमाल करें। इससे टॉक्सिन्स निकलते हैं और हार्मोनल इम्बैलेंस होता है।
इसलिए इन चीज़ों का ख्याल रखें और अपनी बॉडी में सही तरह का न्यूट्रिशन दें। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।