मधुमेह रोगियों को शहद या गुड़, किसका करना चाहिए सेवन

अगर आप डायबिटीज पेशेंट हैं तो आपको शहद या गुड़ में से किसका सेवन करना चाहिए। जानिए इस लेख में।

diabetic patient health tips

मधुमेह एक ऐसी स्वास्थ्य समस्या है, जिसमें व्यक्ति को कई तरह के प्रतिबंधों के साथ जीना पड़ता है। खासतौर से, उसे अपनी डाइट को लेकर सजग होना पड़ता है, अन्यथा उसकी बॉडी का शुगर लेवल बढ़ते देर नहीं लगती है। आमतौर पर यह माना जाता है कि एक मधुमेह रोगी को लो ग्लाइसिमेक इंडेक्स फूड का सेवन करना चाहिए और मीठे से तो उसे पूरी तरह से परहेज करना चाहिए।

Expert ritu puri advice on diabetic patient

यह सच है कि मीठे का सेवन मधुमेह रोगी के लिए नुकसानदायक हो सकता है। ऐसे में वह हेल्दी शुगर सब्सिट्यूट पर विचार करते हैं। इसी क्रम में गुड़ या शहद का नाम सामने आता है। यह दोनों ही हेल्दी शुगर सब्सिट्यूट माने जाते हैं, लेकिन मधुमेह रोगियों के लिए कौन सा अधिक लाभकारी है, इस बात पर गौर करना अधिक आवश्यक है। तो चलिए आज इस लेख में सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल के ईएसआईसी अस्पताल की डाइटीशियन रितु पुरी आपको बता रही हैं कि मधुमेह के रोगियों के लिए गुड़ या शहद में से किसका सेवन करना अधिक उचित है-

जानें गुड़ के फायदे

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गुड़ का उपयोग कई पारंपरिक भारतीय मिठाइयों को बनाने में किया जाता है और मधुमेह रोगी भी सफेद चीनी की तुलना में गुड़ का अधिक सेवन करने पर जोर देते हैं। गुड़ पोटेशियम, मैग्नीशियम और विटामिन बी1, बी6, और सी प्लस का एक समृद्ध स्रोत है। साथ ही इसमें फाइबर की भी पर्याप्त मात्रा होती है। यह आपके पाचन तंत्र को साफ करने में मदद करता है। गुड़ में कई फेनोलिक यौगिक भी होते हैं जो ऑक्सीडेटिव तनाव से लड़ते हैं और प्रतिरक्षा को बढ़ाते हैं।

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जानें शहद के फायदे

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शहद आपके ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मददकर सकता है। शहद एंटीऑक्सिडेंट का भी एक अच्छा स्रोत है, जो शरीर में एंटी-इन्फ्लमेट्री प्रापर्टीज के लिए जाना जाता है। यही एंटी-इन्फ्लमेट्री प्रॉपर्टीज मधुमेह की जटिलताओं को कम करने में मददगार साबित हो सकती है।

ब्लड शुगर पर गुड़ का प्रभाव

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अमूमन लोग चीनी से ज्यादा गुड़ को मधुमेह रोगी के लिए उचित मानते हैं। लेकिन वास्तव में उन्हें इससे बचना चाहिए। मधुमेह में इंसुलिन बढ़ाने वाली कोई भी चीज खराब है, जिसमें गुड़ भी शामिल है। चीनी और गुड़ दोनों एक ही स्रोत यानी गन्ने से प्राप्त होते हैं।

इसका मतलब है कि चीनी और गुड़ दोनों में ग्लाइसेमिक इंडेक्स हाई होता है। वहीं, मधुमेह रोगियों को अपने आहार में लो ग्लाइसेमिक इंडेक्ट फूड को शामिल करना चाहिए। हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ रक्त शर्करा को तेजी से बढ़ाते हैं।

ब्लड शुगर पर शहद का प्रभाव

शहद एक प्राकृतिक चीनी और कार्बोहाइड्रेट है, लेकिन यह मधुमेह के रोगियों के लिए फायदेमंद है। 2004 में हुए एक अध्ययन में पाया गया कि सफेद शर्करा की तुलना में रक्त शर्करा के स्तर पर शहद का प्रभाव अधिक फायदेमंद था। चीनी के विपरीत शहद, इंसुलिन में वृद्धि का कारण हो सकता है, जो रक्त शर्करा को भी नियंत्रित कर सकता है।

किसका करें सेवन

honey

शहद और गुड़ दोनों ही रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ाते हैं, लेकिन शहद का सेवन करना बेहतर है क्योंकि इनमें सूक्ष्म पोषक तत्व होते हैं। गुड़ मैग्नीशियम, कॉपर और आयरन से भरपूर होता है जबकि शहद विटामिन बी, विटामिन सी और पोटैशियम से भरपूर होता है, जो गुड़ से ज्यादा फायदेमंद होता है।(1 चम्‍मच शहद रखता है 20 बीमारियों को दूर)

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तो अब आपको भी समझ में आ गया होगा कि आपके लिए शहद का सेवन करना गुड़ से अधिक लाभकारी है। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।

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Image Credit- freepik, pixabay, shutterstock

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