आयुर्वेद में सही खान-पान को सेहतमंद रहने की कुंजी बताया गया है। सही खान-पान का मतलब है कि आप न्यूट्रिशन्स से भरपूर चीजों को सही समय पर, सही मात्रा में डाइट में शामिल करें। साथ ही, शरीर की प्रकृति और मौसम के हिसाब से डाइट में जरूर बदलाव करें। सेहतमंद रहने में मिलेट्स काफी हद तक मदद कर सकते हैं। आज के समय में एक बार फिर से लोग मिलेट्स को डाइट में शामिल करने लगे हैं। यूं तो मिलेट्स का इस्तेमाल हमारे देश में पीढ़ियों से होता आया है।
लेकिन, मिलेट्स के हेल्थ बेनेफिट्स की वजह से इनका चलन फिर बढ़ गया है। आजकल डाइटिशियन भी सेहतमंद रहने के लिए, डाइट में मिलेट्स को शामिल करने की सलाह देते हैं। रागी एक हेल्दी मिलेट है।यह न्यूट्रिशन्स से भरपूर है। इसके गुण, फायदे, खाने के सही तरीके और नुकसानों के बारे में एक्सपर्ट से जानते हैं। यह जानकारी डाइटिशियन मनोली मेहता दे रही हैं। वह सर्टिफाइड डाइटिशियन और न्यूट्रिशनिस्ट हैं।
रागी क्या है? (What is Ragi?)
रागी एक पौष्टिक मिलेट है। यह दिखने में सरसों जैसा लगता है। यह भारत के मुख्य अनाजों में से एक है। इसका साइंटिफिक नाम एलुसीन कोरकाना है। इसे मड़वा या मंडुआ, नाचनी, रागी और फिंगर मिलेट भी कहा जाता है। आयुर्वेदिक ग्रंथों में भी इसका जिक्र मिलता है।
रागी में कौन से न्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं? (Which nutrients ragi is rich in?)
रागी में कैल्शियम, आयरन, प्रोटीन और फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है। 100 ग्राम रागी में लगभग 8 ग्राम प्रोटीन होता है। इसमें पोटैशियम और मैग्नीशियम की मात्रा भी अधिक होती है। रागी में विटामिन ई और एंटीऑक्सीडेंट भी पाया जाता है।
रागी के फायदे (Ragi ke Fayde)
- रागी में मौजूद न्यूट्रिएंट्स के कारण, यह सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
- रागी के आटे वजन कम करने में कारगर है।
- इसमें कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है। इसे खाने से हड्डियां और दांत मजबूत होते हैं।
- रागी में कई जरूरी अमीनो एसिड भी होते हैं। जो खासकर महिलाओं के लिए, बहुत जरूरी हैं।
- हाई कैल्शियम की वजह से, रागी ओस्टिओपोरोसिस से परेशान लोगों के लिए काफी फायदेमंद है।
- इसमें फाइबर भरपूर मात्रा में होता है। यह डाइजेशन को सुधारती है, बाउल मूवमेंट के लिए फायदेमंद है और ब्लड शुगर लेवल को भी मैनेज करती है।
- यह नेचुरली ग्लूटेन-फ्री है। इसलिए, जिन लोगों को ग्लूटन से एलर्जी है, वे भी इसे डाइट में शामिल कर सकते हैं।
- रागी, आयरन का अच्छा सोर्स है। इसलिए, हीमोग्लोबिन लेवल बढ़ाने के लिए, इसे डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए।
- जिन लोगों के शरीर में खून की कमी है या जिन्हें अक्सर थकान और कमजोरी रहती है, वे इसे जरूर खाएं।
- रागी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी कम होता है। इसलिए, इसे खाने से शुगर लेवल एकदम नहीं बढ़ते हैं।
- डायबिटीज में इसे खाना फायदेमंद रहेगा।
- यह प्लांट बेस्ड प्रोटीन का अच्छा सोर्स है।
- रागी में विटामिन-बी कॉम्पलेक्स, विटामिन-सी, थाइमीन, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस और पोटैशियम जैसे कई जरूरी विटामिन्स और मिनरल्स पाए जाते हैं।
- रागी कोलेस्ट्रोल और बीपी लेवल को मैनेज कर, दिल की बीमारियों से बचाव करती है।
- रागी में पाया जाने वाला फाइटिक एसिड और डाइटरी फाइबर, बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है।
- रागी में मौजूद, फेरुलिक एसिड, स्किन को हेल्दी रखने में मदद करता है। इसमें एंटी-एजिंग गुण भी पाए जाते हैं।
- रागी में मेथिओनाइन, सिस्टीन और लायसिन जैसे अमीनो एसिड्स पाए जाते हैं, जो कैंसर के बचाव में सहायक हो सकते हैं।
- इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-डायबिटिक गुण पाए जाते हैं। इसे डाइट में शामिल करने से शुगर, गठिया और कुछ एलर्जी से बचा जा सकता है।
बच्चों के लिए रागी के फायदे (Benefits of Ragi for Kids)
रागी छोटे बच्चों के लिए किसी सुपरफूड से कम नहीं है। यह न्यूट्रिशनल वैल्यू से भरपूर होता है। इससे बच्चों की हड्डियों का विकास सही तरह से होता है। रागी बच्चों के शरीर में खून की कमी नहीं होने देती है। यह बच्चों के इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करती है। बच्चों को इसकी खिचड़ी दी जा सकती है। आप बच्चों के लिए, रागी का दलिया भी बना सकती हैं। ये बढ़ती उम्र के बच्चों के लिए काफी फायदेमंद है। हालांकि, बच्चों को रागी का आटा देने से पहले एक बार डाइटिशियन की सलाह जरूर लें।
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रागी का उपयोग (How to Use Ragi Finger Millet in Hindi)
- रागी को कई तरीकों से डाइट में शामिल किया जा सकता है।
- रागी के आटे से डोसा, इडली और उपमा बनाया जाता है।
- रागी से रोटी और पराठा भी बनाया जा सकता है।
- आप सब्जियों और रागी के आटे को मिलाकर सूप भी बना सकती हैं।
- रागी की खिचड़ी, दलिया और लड्डू भी बनते हैं।
- रागी के आटे से फेस मास्क भी बनाया जाता है।
रागी के नुकसान (Side Effects of Ragi aka Finger Millet in Hindi)
यूं तो रागी सेहत के लिए बहुत अच्छी है। लेकिन, कुछ लोगों को इसके सेवन से बचना चाहिए। अगर आपको किडनी में पथरी है या किडनी से जुड़ी कोई दूसरी समस्या है, तो आपकी रागी नहीं खानी चाहिए क्योंकि इसें प्रोटीन और कैल्शियम बहुत अधिक होता है। थायराइड में भी रागी न खाने की सलाह दी जाती है। रागी की तासीर गर्म होती है, ऐसे में गर्मियों में इसे अधिक नहीं खाना चाहिए। जिन लोगों का पाचन कमजोर है, उन्हें भी इसे पचाने में मुश्किल हो सकती है।
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रागी के आटे को डाइट में शामिल कर आप सेहतमंद रह सकती हैं। एक्सपर्ट की बताई बातों पर जरूर ध्यान दें। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।
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