आयुर्वेद हमेशा से ही भारतीय किचन की शान रहा है और गाहे-बगाहे दादी-नानी भी हमेशा आयुर्वेद से जुड़ी कोई न कोई ट्रिक बताया करती थीं। दादी और नानी के नुस्खों में देसी जड़ीबूटियां भी शामिल होती थीं और किस समय क्या खाना चाहिए और क्या नहीं वो भी बताया जाता था। ये छोटे-छोटे हैक्स हमें स्वस्थ रखने के लिए बहुत जरूरी होते थे और आज हम उन्हीं के बारे में बात करते हैं।
छोटे-छोटे किचन टिप्स जो ये बताते हैं कि आयुर्वेद के मुताबिक अपनी डाइट को कैसे रखना चाहिए ये जानने के लिए हमने Food by Anahata की फाउंडर, योगा और आयुर्वेदिक एक्सपर्ट राधिका अइयर तालाती से बात की। राधिका जी ने हमें कुछ खास बातें बताईं जो आपको रोज़ाना अपने खाने में याद रखनी चाहिए।
ये छोटे-छोटे हैक्स आपकी और आपके परिवार की इम्यूनिटी को बेहतर बनाने में मदद करेंगे। हां, ऐसा नहीं है कि इनके बाद आप बीमार ही नहीं पड़ेंगे, लेकिन ये इम्यूनिटी को स्ट्रॉन्ग कर सकते हैं और रिकवरी में भी मदद कर सकते हैं।
आयुर्वेद में 6 तरह के स्वाद का जिक्र किया गया है और ये बहुत जरूरी है कि आप अपने खाने में इन सभी 6 तरह के स्वाद को शामिल करें। आयुर्वेदिक डाइट का कॉन्सेप्ट ही यही है कि आप अपनी थाली में ऐसे स्वाद रखें-
कोशिश करें कि कम से कम 4 स्वाद तो हर मील में शामिल हों। ये अपने आप ही आपकी हेल्थ पर असर डाल सकता है।
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राधिका जी के अनुसार भारतीय खाने को बनाने का तरीका और मसाले सभी अलग होते हैं और इसलिए ये जरूरी है कि आप बेसिक्स से अलग न हटें। ऑलिव ऑयल हेल्दी जरूर है, लेकिन अगर आप ठीक से इसके बारे में जानेंगे तो ऑलिव ऑयल में कोई भी चीज़ फ्राई करना सही नहीं होगा। ऐसे ही अपने खाने में हल्दी, घी, साली मिर्च, जीरा, लौंग और तिल को मिलाएं।
राधिका जी के मुताबिक ये सभी इंग्रीडिएंट्स आपके वात, पित्त, कफ को बैलेंस करने में मदद करेंगे। ये खाने में पर्याप्त न्यूट्रिशन की मात्रा रखते हैं।
अगर आप कोई चीज़ बहुत ज्यादा इस्तेमाल करते हैं तो उसके एवज में क्या इस्तेमाल किया जा सकता है वो भी ध्यान रखें। उदाहरण के तौर पर अगर आप गरम मसाले का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं तो उसके एवज में भुने हुए और कुटे हुए मसाले इस्तेमाल करें। आप खड़ा गरम मसाला भूनकर कूट लें और उसे इस्तेमाल करें। ये ज्यादा स्वादिष्ट और खुशबूदार भी होगा और साथ ही साथ ये आपके लिए ज्यादा हेल्दी ऑप्शन होगा। कुटा हुआ मसाला बाज़ार से आने वाले मसाले की तुलना में कम लगता है।
ये सुनने में तो बहुत ही छोटा सा ट्रिक लगता है, लेकिन असल में ये बहुत जरूरी ट्रिक है। अगर आपका ध्यान खाना खाते समय इधर-उधर भटकता रहेगा तो आप खाना चबाने में ज्यादा फोकस नहीं रख पाएंगे। खाना खाते समय टीवी देखना, फोन चलाना आदि खराब आदते हैं जिसकी वजह से हम अपना खाना सही तरह से चबा नहीं पाते हैं और इसके कारण हमारा डाइजेशन भी खराब होता जाता है।
इसलिए जितनी भी देर खाना खाएं उतनी देर डिस्ट्रैक्शन से दूर रहें।
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ये गलती अधिकतर लोग करते हैं कि वो सिर्फ कैलोरी के हिसाब से ही खाना खाते हैं और इस बारे में ध्यान नहीं देते कि उनका मेटाबॉलिज्म कैसा है और शरीर किस तरह से डाइजेस्ट कर सकता है। आप कैलोरी और मिनरल कंटेंट पर ज्यादा फोकस कर पेट को जरूरत से ज्यादा या कम फूड दे सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो आपको एनर्जी ठीक से नहीं मिलेगा और थका-थका लगेगा।
अपने परिवार को आयुर्वेदिक डाइट के लिए फोर्स न करें पर धीरे-धीरे घर में खाने-पीने में बदलाव लाएं। ज्यादातर खाना घर पर बनाएं क्योंकि इसकी शुद्धता ज्यादा होगी। हाई फैट कंटेंट वाले ऑयल्स से बचें और घी का इस्तेमाल अपनी डाइट में जरूर करें।
ये सारे टिप्स बहुत मुश्किल नहीं हैं और आप धीरे-धीरे इन्हें अपने रेगुलर रूटीन में शामिल कर सकते हैं। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
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