अपने खाने में करें ये 4 बदलाव, आयुर्वेद के हिसाब से खाना बन जाएगा हेल्दी

आयुर्वेद के हिसाब से भोजन के कई नियम होते हैं और आपको उन नियमों का पालन करना चाहिए। ये नियम आपको हेल्दी रखने के लिए बहुत जरूरी हैं। 

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जहां तक खाने का सवाल है तो हर मील के साथ ये बहुत जरूरी है कि आपको सही मात्रा में पोषक तत्व मिलें। खाने के साथ विटामिन्स और मिनरल्स मिल जाएं तो ये अच्छा साबित होता है। खाने-पीने के मामले में हम भारतीय स्वाद के साथी होते हैं और अधिकतर मामलों में तला-भुना, स्पाइसी खाना पसंद आता है। ऐसे में अगर देखा जाए तो न्यूट्रिएंट्स कुछ मामलों में कम हो जाते हैं।

आयुर्वेद के मुताबिक खाने के बहुत नियम होते हैं और अगर इन नियमों को फॉलो किया जाए तो ये आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं। आयुर्वेद में खाने के नियमों को लेकर डॉक्टर दीक्षा भावसार ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट में कुछ खास टिप्स शेयर किए हैं। डॉक्टर दीक्षा ने आयुर्वेद के 6 अहम स्वाद के बारे में भी बात की है जो खाने में होने चाहिए।

तो चलिए जानते हैं कि कौन से नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है-

1. सभी 6 स्वाद अपने खाने में शामिल करें-

डॉक्टर दीक्षा के मुताबिक आयुर्वेद में खाने के 6 स्वाद होते हैं और हर स्वाद अलग तरह के न्यूट्रिएंट्स से भरपूर होता है। ऐसे में अगर आप अपने खाने में हर तरह के स्वाद को एड करना जरूरी होता है। हर स्वाद को अपने मील में डालने का मतलब ये होगा कि आपके शरीर को एक बायोडायवर्स खाना मिलेगा।

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ये जरूरी नहीं कि आप बहुत ज्यादा मात्रा में हर स्वाद को एड करें जैसे मीठा ज्यादा खाना नुकसानदेह साबित हो सकता है। ये चुटकी भर नमक, थोड़ा सा नींबू का रस, थोड़ी सी मिर्च आदि से भी पूरा हो सकता है और थोड़ी सी मिठास खाने को पूरा बनाएगी।

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2. सोने के तीन घंटे पहले खाना बंद करें-

नींद के समय में शरीर रिपेयर होता है और वो हील होता है। ऐसे में अगर आपका शरीर खाना पचाने में ही व्यस्त रहेगा तो ये और भी खराब स्थिति हो जाएगी। शरीर की पूरी एनर्जी फिजिकल डाइजेशन में नहीं लगनी चाहिए। शरीर की हीलिंग और एनर्जी रात को सोते समय ज्यादा काम करती है और ऐसे में इसे डाइजेशन प्रोसेस में ध्यान नहीं देना चाहिए।

इसी कारण से आयुर्वेद में ये कहा जाता है कि खाने को सोने से कम से कम तीन घंटे पहले खा लिया जाए जिससे शरीर में इम्बैलेंस खत्म हो जाए।

3. दो वक्त के खाने के बीच में जरूर पिएं हर्बल चाय-

ध्यान रखें कि यहां पर दूध वाली चाय की बात नहीं हो रही है बल्कि हर्बल चाय की बात हो रही है जो एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती है। चाय सिर्फ स्वाद के लिए अच्छी नहीं होती है बल्कि ये सेहत के लिए भी अच्छी होती है और ये हमारी सेहत सुधारने का काम कर सकती है। आपको हर्बल चाय को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए। ये किसी भी तरह की हर्बल चाय हो सकती है जो आपको पसंद आए।

स्नैक्स और मील्स के बीच में हर्बल चाय पिएं जो आपके डाइजेशन सिस्टम को बेहतर बना सकती है।

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4. सबसे भारी खाना लंच टाइम में ही होगा-

शरीर में डाइजेशन का काम अग्नि का होता है और वो सबसे ज्यादा तब होती है जब सूर्य उदय होता है। अगर आप दिन का सबसे भारी खाना दोपहर में खाएंगे तो आपका शरीर बहुत ही ताकतवर हो जाएगा और आपके अंदर की अग्नि खाने को ठीक से ब्रेकडाउन करेगी। यही आपके अंदर के न्यूट्रिएंट्स को भी भरपूर रखेगी। इसलिए दोपहर के समय ही ऐसा खाना खाएं जो डाइजेस्ट करने में मुश्किल होता हो।

ये चार नियम आयुर्वेद के हिसाब से आपने मील्स को हेल्दी रखेंगे और साथ ही साथ आपके खाने के सारे न्यूट्रिएंट्स आपको देंगे। ध्यान रखें कि जब आपका मील बेहतर होगा तब ही आप हेल्दी होंगे।

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