क्या आपको पीरियड्स में बहुत दर्द और ब्लीडिंग होती है?
क्या आप सारा दिन थका-थका महसूस करती हैं?
क्या कभी भी शरीर का कोई भी हिस्सा दर्द करने लगता है?
तो सावधान हो जाए। इसका मतलब यह है कि आपकी बॉडी में कैल्शियम की कमी है। शायद आपको सुनकर बहुत अजीब लग रहा हो लेकिन पीरियड्स में दर्द भी कैल्शियम का लक्षण है। जी हां अक्सर आपको नहीं पता चल पाता है कि कैल्शियम की कमी के क्या लक्षण होते हैं। आइए जानते हैं कि कैल्शियम की कमी के कौन-कौन से लक्षण हैं।
जी हां बदलती लाइफस्टाइल और खान-पान की गलत आदतों के चलते अक्सर महिलाओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इन्हीं समस्याओं में से एक कैल्शियम की कमी भी है। आज महिलाओं में कैल्शियम की कमी एक आम समस्या बनती जा रही है। कई रिसर्च से यह बात सामने आई है कि हमारे देश में अधिकांश महिलाओं में 35 साल की उम्र के बाद कैल्शियम की कमी पाई जाती है। जिसकी शुरुआत किशोरावस्था से हो जाती है, जो ताउम्र बनी रहती है। लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर महिलाओं में कैल्शियम की कमी क्यों पाई जाती है? इसके लक्षण क्या हैं? और इस कमी को दूर करने के लिए क्या खाना चाहिए। इस बारे में हमें न्यूट्रीशनिस्ट कविता देवगन बता रही है।
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कविता ग्रेटर कैलाश में स्थित स्माइल स्टूडियो की न्यूट्रीशनिस्ट है और डाइट के बारे में उनकी एक बुक 'Don't Diet: 50 Habits of Thin People' भी छपी है। कैल्शियम के बारे में बताते हुए कविता कहती है कि ''महिला हो या पुरुष, बच्चा हो या जवां या फिर बूढ़ा, हर किसी को कैल्शियम की जरूरत होती है। जहां एक ओर बढ़ते बच्चों को ग्रोथ और दांतों और बोन्स को मजबूत बनाने के लिए, वहीं दूसरी ओर बड़ी उम्र में बोन्स को फ्रैक्चर और ओस्टियोपोरोसिस से बचाने के लिए इसकी जरूरत होती है। लड़कियों को कई नेचुरल प्रोसेस जैसे पीरियड, प्रेग्नेंसी, ब्रेस्टफीडि़ग और मीनोपॉज से गुजरना होता है। ऐसे में उन्हें अच्छी डाइट और ज्यादा कैल्शियम की जरूरत होती है। मेनोपॉज के बाद तो महिलाओं की बॉडी में कैल्शियम कम होने लगता है।''
हडि्डयों में कमजोरी आना कैल्शियम की कमी का मुख्य लक्षण है। जी हां महिलाओं में कैल्शियम की कमी के चलते हड्डियां में कमजोरी आने लगती हैं और उम्र बढ़ने के साथ फ्रैक्चर होने की संभावना अधिक होती है। उम्र बढ़ने के साथ ऑस्टयोपिरासिस की समस्या भी हो जाती है। कैल्शियम की कमी की वजह से हिप्स में दर्द होता है साथ ही साथ मांसपेशियों में अकड़न भी शुरू हो जाती है।
मेरे नाखून भी थोड़े से बढ़ने के बाद टूटने लगते हैं और नाखूनों में सफेद रंग के चकत्ते भी दिखाई देते हैं। जी हां नाखूनों का कमजोर होकर टूटना भी कैल्शियम की कमी का मुख्य कारण होता है। ऐसे में नाखूनों में थोड़ा सा भी झटका लगते ही वे टूट जाते हैं और नाखूनों की परत के ऊपर सफेद चकते भी दिखने लगते हैं।
हड्डियों और दांतों में कैल्शियम का असर अधिक होता है। शरीर में कैल्शियम की कमी होने से दांत कमजोर होकर टूटने तक लगते हैं। इतना ही नहीं दांतों में दर्द और झनझानाहट भी होती है। कैल्शियम की कमी की वजह से बच्चों के दांत तक भी देरी से निकलते हैं।
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कैल्शियम की कमी अक्सर महिलाओं में अधिक देखी जाती है। जिसके कारण से पीरियड्स दौरान बहुत दर्द और ब्लीडिंग होने लगती है। जी हां बॉडी में कैल्शियम की कमी के चलते पीरियड्स में दर्द होने लगता है।
कैल्शियम की कमी के कारण बॉडी पूरी तरह से कमजोर हो जाता है। और आप जल्दी ही थकने लगते है। डिलीवरी के बाद महिलाओं में यह समस्या अधिक बनी रहती है। इसके अलावा बॉडी की इम्यून सिस्टम को कैल्शियम ही बढ़ाता है। अगर बॉडी में कैल्शियम का लेवल गिरता है तो आप जल्दी-जल्दी बीमार पड़ने लगते हैं। कैल्शियम की कमी से आंत और सांस से संबंधित रोग जल्दी होने लगते हैं।
अगर आपको भी इनमें से कोई भी 1 लक्षण दिखाई दें तो समझ लेना चाहिए कि आपकी बॉडी में भी कैल्शियम की कमी है।
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