क्या आप जानते हैं कि ज्यादा चावल खाने से शरीर को हो सकते हैं ये नुकसान?

अगर आपको चावल खाना पसंद है तो ये भी जान लीजिए कि उससे जुड़े कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। 

how rice can affect body

चावल लगभग पूरे भारत में ही स्टेपल माना जाता है और इसका उपयोग लगभग हर रोज़ किया जाता है। हर राज्य में चावल से अलग तरह की डिश बनाई जाती है और अलग ही खाने का तरीका भी होता है। यकीनन आपके आस-पास भी कई ऐसे लोग मिल जाएंगे जो चावल के बिना रह ही नहीं पाएंगे, लेकिन फिर भी अगर बात की जाए चावल खाने की तो क्या ये आपके लिए शारीरिक रूप से भी अच्छा होता है? हम खासतौर पर व्हाइट राइस की बात करते हैं और ये जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर इसे खाने से क्या नुकसान हो सकते हैं।

चावल जो कि इतना जरूरी अनाज माना जाता है वो भला कैसे किसी के लिए खराब हो सकता है? आखिर इसका क्या कारण है जो ये माना जाता है कि चावल बॉडी फैट बढ़ा सकता है? सौमिता बिस्वास, चीफ न्यूट्रिशनिस्ट, एस्टर आरवी हॉस्पिटल बैंगलोर ने हमें बताया कि आखिर व्हाइट राइस खाने के क्या नुकसान हो सकते हैं।

उनका मानना है कि मात्रा में खाया जाए तो चावल एक बहुत ही अच्छा अनाज है, लेकिन अगर खराब लाइफस्टाइल के साथ अपनी मेन डाइट को चावल वाला रखा जाए तो ये फैट बढ़ने का कारण साबित हो सकता है।

चावल में नहीं होता फाइबर

सबसे पहले हम व्हाइट राइस की न्यूट्रिशनल वैल्यू पर गौर करते हैं। 100 ग्राम व्हाइट कुक्ड राइस में 130 कैलोरी होती है और इसमें पानी की अच्छी खासी मात्रा होती है। 2.4 ग्राम प्रोटीन के साथ, 28.7 ग्राम कार्बोहाइड्रेट्स, 0.2 ग्राम फैट, 0.05 ग्राम सैचुरेटेड फैट आदि होता है। इसमें सोडियम और पोटेशियम की भी अच्छी खासी मात्रा होती है।

rice and eating habbits

जहां तक मिनरल्स का सवाल है तो चावल में 0.01 प्रतिशत कैल्शियम, 1 प्रतिशत आयरन, 5 प्रतिशत विटामिन-बी 6 और 3 प्रतिशत मैग्नीशियम होता है।

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चावल में क्योंकि भरपूर मात्रा में कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं इसलिए ये अच्छी खासी एनर्जी दे सकता है और अगर सीमित मात्रा में सही लाइफस्टाइल के साथ खाया जाए तो ये खासतौर पर अच्छा भी साबित हो सकता है, लेकिन दिक्कत ये है कि अधिकतर लोग चावल का इस्तेमाल जरूरत से ज्यादा करते हैं और पोर्शन कंट्रोल इसके साथ मुमकिन नहीं हो पाता है।

क्योंकि व्हाइट राइस में नेचुरल छिलका नहीं होता है और इसे पॉलिश और प्रोसेस भी किया जाता है इसलिए इसमें फाइबर आदि मौजूद नहीं होता है जो ऐसी लाइफस्टाइल के साथ आपके मोटापे को बढ़ा सकता है जिसमें आप बिल्कुल फिजिकल एक्टिविटी नहीं करते हैं।

eating habbits of rice

चावल खाने के साइड इफेक्ट्स?

अब बात करते हैं चावल खाने के साइड इफेक्ट्स की जिनका पता चलने में काफी समय लगता है।

फाइबर और जरूरी न्यूट्रिएंट्स की कमी

सफेद चावल असल में फाइबर और कई जरूरी न्यूट्रिएंट्स से दूर रहता है। इसकी प्रोसेसिंग में ये सब कुछ हट जाता है। ऐसे में ये पचने में थोड़ा ज्यादा समय ले लेता है। वहीं ब्राउन राइस के साथ ऐसा नहीं है। इसलिए ब्राउन राइस को व्हाइट राइस से ज्यादा हेल्दी माना जाता है।

ज्यादा ग्लाइसेमिक इंडेक्स

ग्लाइसेमिक इंडेक्स वो सिस्टम होता है जो ये बताता है कि आपका खाना किस तरह से शरीर में ब्लड शुगर को बढ़ाएगा। ये अपने आप में एक डाइट प्लान नहीं है, लेकिन एक टूल है जिससे आपके कार्बोहाइड्रेट काउंटिंग और कैलोरी काउंटिंग में मदद मिल सकती है।

rice and its eating habbits

सफेद चावल ग्लाइसेमिक इंडेक्स में ज्यादा होता है और इसकी वैल्यू 64 से 70 तक कैल्कुलेट की जा सकती है। 70-100 ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड्स का मतलब है कि ये आपके शरीर में ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाएंगे।

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मेटाबोलिक सिंड्रोम के खतरे को बढ़ाएगा

मेटाबॉलिक सिंड्रोम के खतरे को बढ़ाने के लिए सिर्फ चावल की डाइट काफी होती है। दरअसल, अगर ये कंडीशन हो जाती है तो इसका मतलब ये होता है कि आपका खाना आसानी से डाइजेस्ट नहीं होगा और शरीर ठीक तरह से फंक्शन नहीं करेगा। ये कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ के लिए भी अच्छा नहीं है। मेटाबोलिक सिंड्रोम बढ़ने से ये सारी समस्याएं होती हैं-

  • ब्लड प्रेशर
  • ट्राइग्लिसराइड के बढ़ने की संभावना
  • वेस्टलाइन का बढ़ना
  • फास्टिंग के बाद भी ब्लड शुगर का बढ़ना
  • गुड कोलेस्ट्रॉल का कम होना और ऐसी समस्याएं हो जाती हैं

अगर आप व्हाइट राइस की ज्यादा क्वांटिटी खाते हैं तो ये मेटाबॉलिक सिंड्रोम होने के चांस को बढ़ा देता है। अगर आप व्हाइट राइज खा भी रहे हैं तो इसकी क्वांटिटी काफी कम होनी चाहिए।

यहां भी एक ही बात साफ है कि सीमित मात्रा में सभी चीज़ें अच्छी होती हैं और मात्रा के बाहर सभी चीज़ें खराब। अगर आप सीमित मात्रा में व्हाइट राइज लेते हैं तो ये आपके लिए अच्छा एनर्जी फूड हो सकता है, लेकिन उससे ज्यादा में खराब साबित हो सकता है। अगर आपको डाइट में कोई बड़ा बदलाव करना है तो एक बार डॉक्टर से जरूर बात कर लें। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।

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