रोजमर्रा के खाने से कई बार बोरियत महसूस होने लगती है। खाने में वही दाल-चावल, सब्जी-रोटी देखकर कई बार खाने का मन ही नहीं होता। लेकिन अगर खाने के साथ टेस्टी अचार हो तो घर का सादा खाना भी स्वादिष्ट लगता है। अचार ना सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ा देता है, बल्कि संतुष्टि भी देता है। हमारे देश में सब्जियों से अचार बनाने की परंपरा सदियों से रही है। इससे न सिर्फ सीजनल सब्जियों को लंबे समय तक प्रिजर्व करके रखा जा सकता है, बल्कि उनका बेहतर इस्तेमाल भी किया जा सकता है। सेलिब्रिटी न्यूट्रीशनिस्ट रुजुता दिवेकर ने होममेड आचार खाने के फायदे के बारे में अपने इंस्टाग्राम पर बताया है। रुजुता दिवेकर अपने अक्सर हेल्दी लाइफस्टाइल से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां अपने इंस्टाग्राम पर शेयर करती हैं। रुजुता ऐसे कई आसान तरीकों के बारे में बताती हैं, जिन्हें अपनाकर आसानी से हेल्दी रहा जा सकता है। रुजुता दिवेकर ने अचार के बारे में कौन सी महत्वपूर्ण जानकारियां अपने इंस्टाग्राम पर शेयर की है, आइए जानते हैं-
रुजुता दिवेकर ने अपने इंस्टाग्राम पर अचार के बारे में विस्तार से बताया है। उन्होंने लिखा है, 'अचार बनाना एक पारंपरिक कला है एक साइंस भी है, जिसके जरिए सब्जियों और फ्रूट्स को पूरे साल इस्तेमाल किया जाता है। हमारी दादी और नानी अपने आसपास कुदरती तौर पर मिलने वाली चीजों को इस्तेमाल करती थीं। नमक, मसाले और धूप के जरिए इन फूड आइटम्स को संरक्षित किया जाता था और इससे उनकी न्यूट्रीशनल वैल्यू भी बढ़ जाती थी। उन्होंने कई तरह के एक्सपेरिमेंट किए। धैर्य के साथ उन्होंने इस तरह के कई प्रयोग किए और हमें अचार का गिफ्ट दिया, जो मॉडर्न न्यूट्रिशन साइंस में विटामिन के, विटामिन ए, प्रोबायोटिक बैक्टीरिया आदि का अच्छा स्रोत माना जाता है, जिससे शरीर को कई फायदे होते हैं। इसके फायदे और भी हैं, जैसे कि इससे खाने का टेस्ट बढ़ जाता है और फूड का फ्लेवर भी एनहांस हो जाता है।'
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अचार खाने को पचाने में भी मदद करते हैं। अचार विटामिन मिनरल और एंटीऑक्सिडेंट्स का अच्छा स्रोत हैं। इससे शरीर स्वस्थ रहता है और शरीर में विटामिन B12 प्रोड्यूस करने में मदद मिलती है। अचार के सेवन से शरीर में बीमारी फैलाने वाले बैक्टीरिया नहीं पनपते।
हालांकि ज्यादातर अचार फायदेमंद होते हैं, लेकिन इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि ये अचार घर पर बने हों और पारंपरिक तरीके से तैयार किए गए हों। अचार और पापड़ बनाने का सही समय शिवरात्रि के बाद शुरू होता है, जब सूरज की रोशनी अच्छी खासी हो जाती है।
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अक्सर डायबिटीज और हार्ट डिजीज वालों को कई तरह की परहेज रखनी पड़ती है, जिसकी वजह से उन्हें खाने में स्वाद नहीं आ पाता। लेकिन डायबिटीज और हार्ट डिजीज वाले भी घर के बने अचार का सेवन कर सकते हैं। लेकिन अचार का सेवन करते हुए इसकी मात्रा बहुत ज्यादा नहीं होनी चाहिए। रुजुता दिवेकरबताती हैं,
'अचार को अचार की तरह ही खाना चाहिए। यह हमारे खाने का एक छोटा सा हिस्सा होना चाहिए, ना की ज्यादा। दाल-चावल, दही आदि के साथ थोड़ी सी मात्रा में लिया गया अचार शरीर को फायदा करता है। यह प्री और प्रोबायोटिक बैक्टीरिया के साथ सही संतुलन बनाता है। इसीलिए नियमित रूप से अचार खाएं और खाने का स्वाद बढ़ाने के साथ अपने शरीर को भी स्वस्थ रखें।'
Image Courtesy: Instgram(@rujuta.diwekar)
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