यह तो हम सभी जानते हैं कि हेल्दी रहने के लिए अपनी डाइट का ख्याल रखना बेहद जरूरी होता है। आजकल लोग अपने हेल्थ गोल्स को ध्यान में रखते हुए तरह-तरह की डाइट फॉलो करना पसंद करते हैं। हालांकि, ऐसी कई डाइट्स हैं, जो पूरी दुनिया में काफी पॉपुलर हैं और आम लोगों से लेकर सेलिब्रिटीज तक उस डाइट को फॉलो करते हैं। इन्हीं में से एक है वन मील ए डे डाइट।
इस डाइट में आप पूरे दिन में सिर्फ एक बार ही खाते हैं। ऐसा माना जाता है कि कम से कम समय में बेहतर वेट लॉस के लिए यह डाइट काफी अच्छी है। कुछ लोग इस डाइट को इसलिए भी फॉलो करना पसंद करते हैं, क्योंकि यह काफी सिंपल है। बस दिन में बस एक बार पेटभर खाना खाओ।
ना किसी तरह का खास डाइट प्लान बनाने की जरूरत है और ना ही कोई कैलोरी गिनने का झंझट है। हो सकता है कि दूसरों के रिजल्ट देखकर आप भी इस डाइट को बिना सोचे-समझे फॉलो करने का मन बना रही हों। तो जरा रूकिए। आपको यह भी पता होना चाहिए कि ये डाइट सबके लिए ठीक नहीं है।
ऐसी कई तरह की हेल्थ कंडीशन हैं, जिसमें इस डाइट को फॉलो करना नुकसानदायक साबित हो सकता है। तो चलिए आज इस लेख में सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल के ईएसआईसी अस्पताल की डाइटीशियन रितु पुरी आपको बता रही हैं कि किन लोगों को वन मील ए डे डाइट को भूलकर भी फॉलो नहीं करना चाहिए-
डायबिटीज मरीजों को नहीं करनी चाहिए वन मील ए डे डाइट
अगर आपको डायबिटीज खासकर टाइप 1 डायबिटीज है तो आपको वन मील ए डे डाइट करने से बचना चाहिए। दरअसल, जब आप दिनभर में केवल एक बार ही खाते हैं तो इससे आपका शुगर लेवल कभी बहुत ज़्यादा तो कभी बहुत कम हो सकता है। इतना ही नहीं, अगर लंबे वक्त तक भूखा रहने के बाद एक साथ भारी खाना खाया जाए तो इससे शुगर स्पाइक व क्रैश की समस्या हो सकती है। साल 2019 में हुई एक स्टडी के अनुसार, अनियमित खाना और लंबे उपवास से इंसुलिन रेसिस्टेंस बढ़ती है और टाइप 2 डायबिटीज़ में ब्लड शुगर कंट्रोल और खराब हो जाता है।
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थायराइड मरीजों को नहीं करनी चाहिए वन मील ए डे डाइट
थायराइड के मरीजों को भी वन मील ए डे डाइट फॉलो नहीं करनी चाहिए। दरअसल, आपकी थायराइड ग्रंथि ठीक से काम करे, इसके लिए शरीर को रेगुलर एनर्जी की ज़रूरत होती है। जब आप लंबे समय तक खाना नहीं खाते हैं तो इस गैप की वजह से मेटाबॉलिज़्म स्लो हो जाता है और इससे थायराइड मरीजों को परेशानी होती है। हो सकता है कि आपको थकान, कब्ज़ और दिमागी तौर पर सुस्ती का भी अहसास हो। जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म 2009 की एक स्टडी में भी यह बात सामने आई कि रेगुलर खाने से हार्मोनल बैलेंस बेहतर होता है।
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अंडरवेट लोगों को नहीं करनी चाहिए वन मील ए डे डाइट
अगर आप पहले से ही अंडरवेट हैं या फिर आपके शरीर में पोषण की कमी है तो वन मील ए डे डाइट करने से आपको फायदे की जगह नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल, जब आप दिन में एक बार मील लेते हैं तो इससे आपके शरीर की पोषण संबंधी जरूरतें पूरी नहीं हो पाती हैं। इससे आपको सभी जरूरी माइक्रोन्यूट्रिएंट्स नहीं मिल पाते हैं और डाइट क्वालिटी खराब होने से आपकी स्थिति बद से बदतर हो जाती है।
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