प्रेग्नेंसी एक ऐसा समय होता है जब एक महिला के शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं और साथ ही साथ उसे बहुत कुछ करने की इच्छा होती है। इसी के साथ, मन के अंदर डर भी लगा रहा है कि कहीं किसी गलती से मां और उसके बच्चे को कोई नुकसान ना पहुंच जाए। ये महिला के जीवन का वो समय होता है जिसमें वो बहुत खुश भी होते है और मन में संदेह भी होते हैं। इस समय दोस्तों से, परिवार वालों से, गूगल से ना जाने कितनी जानकारी मिलती रहती है।
लेकिन ऐसे समय में कौन सी जानकारी सही है और कौन सी नहीं ये जानने के लिए आपको बहुत रिसर्च करनी पड़ती है। कई बार तो हम ऐसी चीज़ों को सच मान बैठते हैं जो असल में होती ही नहीं हैं। खाने-पीने से जुड़ी बातें भी यही होती हैं। महिलाओं को कई चीज़ें खाने-पीने को मना होती हैं और इनमें से कुछ तो सही होती हैं, लेकिन कुछ सिर्फ मिथक ही होती हैं।
हमने इसके बारे में डॉ. विनीता साहनी से बात की जो जानी मानी स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं, माई लाइफ केयर, स्वास्थ्य सेवा ऐप में कन्सल्ट करती हैं। डॉक्टर विनीता ने हमें बताया कि आखिर प्रेग्नेंसी के दौरान फूड से जुड़े कौन से मिथक हैं।
मिथक 1: आपको दो लोगों के लिए खाना है
जितनी भूख लगे उतना खाएं, ये जरूरी नहीं है कि आपके अंदर के बच्चे के लिए अलग से खाना खाया जाए। जरूरत से अधिक खाने में आपका वजन भी ज्यादा बढ़ सकता है जिसे बाद में कम करना बहुत मुश्किल हो जाता है। इतना ही नहीं ज्यादा खाना आपको और आपके बच्चे के स्वास्थ्य को खतरे में भी डाल सकता है। आपको खाने की क्वांटिटी से ज्यादा उसके पोषण पर ध्यान देना है। नमक और चीनी कम करते हुए साबुत अनाज, फल, सब्जियां, फलियां और कम मोटापे वाले डेयरी उत्पादों का सेवन बढ़ाएं।
इसलिए नाश्ते के लिए परांठे और करी को छोड़ दें और इसके बजाय ताजे फल के साथ दलिया का सेवन करें।
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मिथक 2: हल्के रंग के खाने से बच्चा गोरा होगा
ये सबसे बड़ा मिथक है जिसे जरूरत से ज्यादा लोग मानते हैं। कुछ भी खाने से बच्चे के रंग पर कोई असर नहीं होगा। त्वचा का रंग जेनेटिक्स द्वारा निर्धारित किया जाता है, और आहार की कोई भी मात्रा इसे बदल नहीं सकती है। ऐसा हो सकता है कि आप गहरे रंग के पदार्थ छोड़ दें तो आपको ठीक पोषण ना मिले। 'चाय पीने से काले हो जाते हैं' जैसी चीज़ों पर बिल्कुल भरोसा ना करें।
मिथक 3: कुछ भी खाने से गर्भपात हो सकता है
आपने ऐसा कितनी बार सुना है कि 'पपीता खाने से गर्भपात हो जाता है या फिर अनानास बच्चे को बीमार कर देगा'? हरे केले, जेली, पपीता और ऐसे ही ना जाने कितने प्रकार के भोजन के लिए इस तरह की बातें की जाती हैं, लेकिन ये सही नहीं है। ये सच है कि ये फल या अनाज शरीर को ठंडा या गर्म कर सकते हैं, लेकिन इनसे गर्भपात के कोई सबूत नहीं हैं। इन्फेक्शन या कोई खास बीमारी की वजह से ही गर्भपात होता है।
अगर आप सही और संतुलित आहार लेती हैं तो आप और आपका बच्चा दोनों ही स्वस्थ और सही रहेंगे।
मिथक 4: कोई दवा आपके बच्चे को होशियार बना सकती है
ये बिल्कुल ही गलत बात है। कोई भी ऐसी दवा नहीं है जो गर्भवति महिला के बच्चे को होशियार बना सकती है। कोई भी मेडिकल रिसर्च इसका दावा नहीं करती है। दुनिया भर की हर्बल चाय और टॉनिक आपको न्यूट्रिएंट्स तो दे सकती हैं, लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि बच्चा होशियार पैदा होगा।
मिथक 5: फुल क्रीम दूध ज्यादा तंदरुस्ती देगा
नहीं ऐसा बिल्कुल नहीं है। कम फैट वाले दूध या टोन्ड दूध में भी उतने ही न्यूट्रिएंट्स होते हैं और इसमें सैचुरेटेड फैट कम होता है जो गर्भवती महिलाओं के लिए अच्छा होता है। ये कम कैलोरी वाला हेल्दी विकल्प बन सकता है। दूध में ज्यादा मलाई है तो वो अच्छा है ये एक मिथक है।
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मिथक 6: नारियल पानी पीने से मां एसिडिक हो जाती है और बच्चे के बाल बढ़ जाते हैं
आपके थर्ड ट्राईमेस्टर में बच्चा आमतौर पर अपनी पोजीशन लेने लगता है और मां के पेट में ऐसी स्थिति में एसिडिटी बढ़ दाती है। जैसे-जैसे ये प्रोसेस पूरा होता है मां का गर्भाशय फैलता है और आंत को ऊपर की ओर ढकेलता है। इससे पाचन धीमा हो जाता है। इसलिए एसिडिटी और कब्ज के लिए नारियल पानी को दोष देना सही नहीं है।
मिथक 7: डेयरी उत्पादों से बच्चे के सिर में पपड़ी बन जाती है
डेयरी उत्पादों का असर हर किसी पर अलग होता है। इनमें कैल्शियम भरपूर होता है जो बच्चे के विकास के लिए अच्छा हो सकता है। प्रसव से पहले एक इफेक्ट होता है जिसे क्रैडल कैप कहा जाता है जिसकी वजह से बच्चे के सिर में पपड़ी बनती है। ये स्थिति अपने आप दूर हो जाती है और अगर आपको डेयरी प्रोडक्ट्स सूट नहीं कर रहे हैं तो ये पर्सनल असर के कारण हो सकता है। इसके लिए आप डॉक्टर से बात करें।
हर इंसान की सेहत और उसकी प्रेग्नेंसी अलग हो सकती है। इसलिए ये जरूरी है कि आप अपने डॉक्टर की सलाह पर भरोसा करें ना कि किसी और की सलाह पर। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
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