आज के समय में लोग अपना वजन कम करने के लिए तरह-तरह के डाइट प्लॉन को फॉलो करते हैं। मसलन, इंटरमिटेंट फास्टिंग से लेकर कीटो डाइट प्लॉन तक को वेट लॉस के लिए काफी अच्छा माना जाता है। इन्हीं में से एक पॉपुलर डाइट है मोनो डाइट। यह एक ऐसा डाइट प्लान है, जिसमें व्यक्ति एक निश्चित अवधि के लिए सिर्फ एक ही तरह का फूड या फूड ग्रुप का सेवन करता है। मसलन, वह सिर्फ एक ही फूड जैसे केले या आलू का सेवन कर सकता है। इसके अलावा कुछ लोग सिंगल फूड ग्रुप मोनो डाइट प्लॉन फॉलो करते हैं, जिसमें वे एक ही फूड ग्रुप जैसे फल या सब्जियां खाते हैं।
मोनो डाइट को वेट लॉस के लिए अच्छा माना जाता है। दरअसल, ये डाइजेशन को आसान बनाते हैं। साथ ही, एक ही तरह का फूड लेने से आपका कैलोरी इनटेक भी काफी कम हो जाता है, जिससे वेट लॉस काफी तेजी से होता है। यही कारण है कि क्विक वेट लॉस के लिए लोग इस डाइट प्लॉन को फॉलो करते हैं। हालांकि, इसके कई नुकसान भी हैं। तो चलिए आज इस लेख में सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल के ईएसआईसी अस्पताल की डाइटीशियन रितु पुरी आपको बता रही हैं कि मोनो डाइट फॉलो करने से आपको किस तरह के नुकसान उठाने पड़ सकते हैं-
शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी होना
लंबे समय तक मोनो डाइट फॉलो करने का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि इससे शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। जब आप एक ही तरह का भोजन करते हैं तो इससे आपको सिर्फ उस फूड आइटम में मौजूद पोषक तत्व मिलते हैं और अन्य पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं। मसलन, अगर आप मोनो डाइट में सिर्फ केले का सेवन करते हैं तो इससे आपकी डाइट में प्रोटीन व फैट की कमी हो सकती है। ये शरीर के तीन मैक्रो-न्यूट्रिएंट्स हैं और इससे आपका पूरा बॉडी सिस्टम गड़बड़ा सकता है।
पाचन संबंधी समस्याओं का सामना करना
मोनो डाइट फॉलो करते समय अक्सर लोगों को पाचन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। मसलन, अगर आपने किसी ऐसे फूड को चुना है, जिसमें बहुत अधिक या बहुत कम फाइबर है तो इससे आपको कब्ज या दस्त जैसी पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
इसे भी पढ़ें-पुराने कब्ज से छुटकारा दिलाने में मददगार हैं ये तीन चीजें
मेटाबॉलिज्म का स्लो होना
अमूमन लोग वेट लॉस के लिए मोनो डाइट को फॉलो करते हैं, लेकिन लंबे समय तक इस डाइट को फॉलो करने से मेटाबॉलिज्म स्लो हो सकता है। दरअसल, इस डाइट को फॉलो करते हुए आप लंबे समय तक अपनी कैलोरी को प्रतिबंधित कर देते हैं, जिससे मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाता है। ऐसे में आपका शरीर कम कैलोरी में खुद को एडजस्ट कर लेता है, जिससे वजन कम करना काफी कठिन हो जाता है। इतना ही नहीं, जब आप अपनी नॉर्मल डाइट पर वापिस लौटते हैं तो इससे तेजी से वजन बढ़ना शुरू हो जाता है।
इसे भी पढ़ें-वजन करना है कम तो डाइट में शामिल करें तोरी सूप
हरदम थकान का अहसास होना
जो लोग लंबे समय तक मोनो डाइट फॉलो करते हैं, उन्हें अक्सर थकान का अहसास होता है। यहां तक कि उनके लिए अपने डेली रूटीन से जुड़े काम करने में भी समस्या होती है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि वे अपने शरीर की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त कैलोरी का सेवन नहीं करते हैं, जिससे उन्हें थकान, चक्कर आना और मूड खराब होना जैसी शिकयतें हो सकती हैं।
इसे भी पढ़ें-अपना पसंदीदा खाना खाकर भी अब आप रह सकते हैं हेल्दी, जानें कैसे?
इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय भी आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। साथ ही,अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें। इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हर जिन्दगी के साथ
आपकी राय हमारे लिए महत्वपूर्ण है! हमारे इस रीडर सर्वे को भरने के लिए थोड़ा समय जरूर निकालें। इससे हमें आपकी प्राथमिकताओं को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी। यहां क्लिक करें
Image credit- freepik
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों