दाल का पानी या मैश्ड दाल: बच्चों के लिए क्या फायदेमंद है? जानें

ICMR (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि दाल का पानी या मैश्ड दाल, बच्चों के लिए क्या ज्यादा फायदेमंद हो सकता है।

mashed dal or water which is beneficial

नई मां हमेशा अपने शिशु की हेल्थ को लेकर चिंता में रहती है। ऐसे में वह हर कोशिश करती है कि बच्चे को पूरा पोषण दे सके। ब्रेस्ट फीडिंग छुड़ाने के समय यह चिंता और बढ़ जाती है, क्योंकि बच्चा जब तक कोई दूसरा खाना नहीं लेना शुरू कर देता, तब तक वह चिड़चिड़ापन महसूस करता है। ऐसे में घर की दादी-नानी बच्चे को मां के दूध के साथ लिक्विड डाइट या मसले हुए फल और सब्जियां खिलाने की सलाह देती हैं। भारतीयों में सबसे ज्यादा पॉपुलर दाल का पानी होता है। लेकिन, क्या आप जानती हैं दाल के पानी में पर्याप्त पोषक तत्व नहीं होते हैं, जितने की मैश्ड दाल में होते हैं। दाल के पानी से ज्यादा मैश्ड दाल को ICMR (इंडियन मेडिकल काउंसिल ऑफ रिसर्च) ने फायदेमंद बताया है। आइए, यहां जानते हैं ICMR ने मैश्ड दाल को कैसे ज्यादा बेहतर और बच्चों के लिए फायदेमंद बताया है।

दाल का पानी या मैश्ड दाल?

ICMR की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बच्चा जब 6 महीने का हो जाता है तो उसके विकास के लिए मां का दूध काफी नहीं होता है। ऐसे में बच्चे को मां के दूध के साथ सेमी सॉलिड फूड खिलाने की सलाह दी जाती है। मां के दूध के अलावा बच्चे को जब कुछ खिलाने की बात आती है, तो दाल का पानी देना सबसे ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। लेकिन, ICMR की रिपोर्ट के मुताबिक, बच्चे को पानी वाला खाना जैसे दाल का पानी देने की जगह मैश्ड दाल देनी चाहिए।

बच्चे के थूकने पर क्या करें?

ICMR की रिपोर्ट के मुताबिक, बच्चा शुरुआत में मैश्ड खाना थूक भी सकता है, लेकिन इसे यह सोचकर बंद नहीं करना चाहिए कि वह खा नहीं पा रहा या उसे पसंद नहीं आया। थूकने का मतलब यह भी हो सकता है कि बच्चा खाना निगलने की प्रोसेस को सीख रहा हो। बच्चे को रेगुलर गाढ़ा या मैश्ड खाना देने से वह जल्द ही निगलने के तरीके को भी सीख पाएगा।

pulse water for baby

6 महीने के बाद बच्चे को क्या खिलाएं?

ICMR की रिपोर्ट में डाइट को लेकर 17 गाइडलाइन्स जारी की गई हैं, जिसमें से एक में शिशु और उनके खान-पान पर बात की गई है। गाइडलाइन के मुताबिक, 6 से 12 महीने के शिशु को हर दिन 650 से 720kcal एनर्जी की जरूरत होती है। वहीं, बच्चे की उम्र 9 से 10 महीना है, तो उसे 5 ग्राम प्रोटीन की जरूरत होती है। मालूम हो कि 6 महीने के बाद मां का दूध यानी ब्रेस्ट मिल्क से एवरेज 500kcal और 5 ग्राम प्रोटीन ही मिल पाता है, जो शिशु के विकास के लिए काफी नहीं है।

इसे भी पढ़ें-बच्चों को जरूर पिलाएं दाल का पानी, मिलेंगे कई फायदे

ICMR की रिपोर्ट के मुताबिक, शिशुओं को 6 महीने के बाद ऐसा आहार देना चाहिए जिसमें माइक्रोन्यूट्रिएंट्स जैसे विटामिन और मिनरल्स अच्छी मात्रा में मिलते हैं। जैसे- मैश की हुई सब्जियां, फल, अंडे की पुडिंग, गाजर की प्यूरी, कद्दू की प्यूरी, सेब की प्यूरी, पालक की प्यूरी, आलू की प्यूरी आदि।

कितनी बार खिलाएं खाना?

ICMR की रिपोर्ट के मुताबिक, बच्चे की उम्र के अनुसार उसे दिन में 2 से 4 बार खाना खिलाने की सलाह दी गई है। साथ ही, कहा गया है कि बच्चे के खाने के साथ मां का दूध भी जारी रखना चाहिए, क्योंकि यह बच्चे के विकास के लिए बहुत जरूरी माना गया है। बच्चा, मां का दूध बीमारी में भी डाइजेस्ट कर लेता है, जब वह खाना नहीं खा पाता। रिपोर्ट के मुताबिक, बीमारी में मां का दूध बेहद फायदेमंद होता है, क्योंकि इसमें ऐसे तत्व होते हैं जो डिहाइड्रेशन और वजन घटने से रोकते हैं।

pulse water benefit

कैसे खिलाएं खाना?

शिशु एक बार में बड़ी मात्रा में खाना नहीं खा सकता है। ऐसे में उसे थोड़ी-थोड़ी देर में छोटी मात्रा में खाना खिलाना चाहिए। शिशु का खाना बनाते और उसे खिलाते समय साफ-सफाई का भी खूब ध्यान रखना चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि छोटे बच्चों में डायरिया की समस्या सबसे ज्यादा होती है।

इसे भी पढ़ें-होममेड फूड नहीं खाता बच्चा, तो अपनाएं यह आसान ट्रिक्स

9 से 12 महीने के बच्चे को क्या खिलाएं?

9 महीने की उम्र के बाद बच्चे की डाइट हेल्दी फूड को शामिल करना चाहिए। 9 महीने के बाद बच्चे की डाइट में दलिया, अंडे की पुडिंग, एग्नॉग, उबला अंडा, सब्जी की खिचड़ी, नट्स, चना, राजमा, लोबिया, काला चना आदि को शामिल किया जा सकता है।

dal for babies

क्या ना खिलाएं?

ICMR की रिपोर्ट में शिशुओं को घर का बना खाना ही खिलाने की सलाह दी गई है। बच्चों के खाने में सीमित नमक का इस्तेमाल और बिस्कुट, केक, कोल्ड ड्रिंक, शुगर एडेड जूस देने से बचने के लिए कहा गया है। बच्चों को फ्रेश फलों का जूस और प्यूरी बनाकर दी जाती है, लेकिन इसमें चीनी का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।

अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या का हल करने की कोशिश करेंगे। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।

Image Credit: Freepik

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP