जब भी हेल्दी फूड की बात होती है तो उसमें सब्जियों के अलावा तरह-तरह के फलों को जरूर शामिल किया जाता है। कई तरह के फल ना केवल आपकी सेहत का ख्याल रखते हैं, बल्कि स्वाद में भी लाजवाब होते हैं। आमतौर पर देखने में आता है कि लोग इन फलों को कई अलग-अलग तरह से अपनी डाइट में शामिल करना पसंद करते हैं।
वैसे अगर कोई आपसे फल व फलों के रस में से किसी एक को चुनने के लिए कहे तो शायद आप कंफ्यूज हो जाए। आप सोच रही होंगी कि भला इन दोनों में क्या अंतर है। जूस भी तो फलों से ही तैयार किया जाता है। हो सकता है कि आप भी ऐसा ही सोचती हों, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है।
अगर इन दोनों में से अधिक हेल्दी ऑप्शन की बात की जाए तो यकीनन फलों के रस की अपेक्षा फल कहीं अधिक हेल्दी होते हैं और इसलिए डॉक्टर भी जूस की जगह साबुत फल खाने की सलाह देते हैं। हालांकि, अगर आप अभी तक इस बात से अनजान हैं कि फलों के रस की जगह फल अधिक हेल्दी क्यों होते हैं तो चलिए आज आपको साकेत स्थित मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की चीफ डायटीशियन रितिका समादार इसके बारे में बता रही हैं-
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फाइबर कंटेंट ना होना
जब आप होल फूड खाती हैं तो इससे आपको फाइबर भी मिलता है। लेकिन जब आप फलों के रस का सेवन करती हैं तो जूस बनाते समय उसमें से फाइबर कंटेंट निकल जाता है। जूस निकालते समय उसे छानकर पिया जाता है और उसमें फाइबर नहीं होता है। फाइबर हमारे शरीर के लिए बेहद आवश्यक है। पर्याप्त मात्रा में फाइबर से ना केवल बाउल मूवमेंट सही रहता है, बल्कि यह आपको लंबे समय फुलर भी रखता है। इस तरह हेल्दी रहने में फाइबर का पर्याप्त मात्रा में सेवन किया जाना चाहिए।
कैलोरी काउंट बढ़ जाना
यह भी फलों के रस के सेवन से होने वाला एक नुकसान है। दरअसल, जब आप फल खाती हैं तो आप एक बार में एक-दो या ज्यादा से ज्यादा तीन फल का सेवन कर सकती हैं। चूंकि इसमें फाइबर अधिक होता है, जिससे आपका पेट जल्दी भर जाता है। लेकिन जब आप फलों का रस लेती हैं तो एक बार में कम से कम एक गिलास रस पी लेती हैं, जिसे पांच-छह फलों की मदद से बनाया जाता है।
ऐसे में आपका कैलोरी काउंट काफी बढ़ जाता है। वैसे तो फलों में कैलोरी कम होती है, लेकिन एक साथ बहुत अधिक फल भी आपके कैलोरी काउंट को बढ़ा सकते हैं। उदाहरण के लिए अगर किसी फल में 50 कैलोरी है और आप एक साथ दो फल खाती हैं तो इससे आपका कैलोरी काउंट 100 होता है। लेकिन अगर आप फलों का रस ले रही हैं तो एक बार में 250 से 300 कैलोरी का सेवन कर लेती हैं।
एडेड शुगर का होना
अगर आप बाजार में मिलने वाले पैकेज्ड जूस का सेवन करती हैं तो यह तो सेहत के लिए और भी ज्यादा हानिकारक हो सकता है। दरअसल, पैकेज्ड फ्रूट जूसेस में फलों का रस कम होता है और एडेड शुगर अधिक होती है। जिससे आपकी बॉडी का शुगर लेवल बढ़ सकता है। इसके अलावा, पैकेज्ड फ्रूट जूस में कान्सन्ट्रैट अधिक होता है और फलों की मात्रा कम होने के कारण आपको वह लाभ मिल ही नहीं पाते, जो वास्तव में आपको मिलने चाहिए।
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माइक्रो न्यूट्रिएंट्स ना मिल पाना
पैकेज्ड फ्रूट जूसेस के सेवन का एक नुकसान यह भी है कि जब इसे प्रोसेस किया जाता है तो इसमें से कई माइक्रो न्यूट्रिएंट्स जैसे विटामिन ए और विटामिन सी आदि निकल जाते हैं। इसलिए, जहां तक हो सके, आपको पैकेज्ड फ्रूट जूसेस से बचना चाहिए। बेहतर होगा कि आप फलों का सेवन यूं ही करें और हेल्दी रहें।
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