आज के समय में बच्चों का एनीमिक होना बेहद आम समस्या बनता जा रहा है। कुछ बच्चे जन्म के बाद एनीमिया हो जाता है तो कुछ बच्चों में जन्मजात एनीमिया की समस्या होती है। ऐसा कई कारणों से हो सकता है, मसलन, गर्भावस्था में अगर महिला के शरीर में खून की कमी होती है तो ऐसे में बच्चा भी जन्म के समय एनीमिक हो सकता है। वहीं कुछ जेनेटिक डिसऑर्डर भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।
अगर बच्चे के बड़े होने पर खून की कमी, आरबीसी अर्थात् रेड ब्लड सेल्स का कम उत्पादन होना आदि कुछ कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। बच्चों में एनीमिया होने पर उनमें थकान, त्वचा में पीलापन, भूख की कमी, चिड़चिड़ापन, और दिल की धड़कन तेज होना आदि कई लक्षण नजर आ सकते हैं।
कोई भी मां यह कभी भी नहीं चाहेगी कि उनके बच्चे एनीमिक हो या फिर किसी भी तरह की स्वास्थ्य समस्या से जूझें। ऐसे में जरूरी है कि आप बच्चे के खान-पान पर विशेष ध्यान दें। तो चलिए आज वुमन हेल्थ रिसर्च फाउंडेशन की प्रेसिडेंट डॉ नेहा वशिष्ट आपको कुछ ऐसे आसान तरीकों के बारे में बता रहे हैं, जिसे अपनाने से बच्चे कभी भी एनीमिक नहीं होंगे और अगर वह एनीमिक हैं तो इससे भी उन्हें लाभ होगा-
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आंवला विटामिन-सी का एक अच्छा स्त्रोत है और इसलिए यह आयरन के अब्जॉर्बशन में मदद करता है। साथ ही इसमें आयरन की भी अच्छी मात्रा होती है। इसलिए अगर बच्चे आंवले के रस का सेवन करते हैं तो इससे उनके शरीर में आयरन की कमी नहीं होती और एनीमिया की समस्या का सामाना नहीं करना पड़ता। अगर आपका बच्चा एनीमिक है तो भी आंवला का रस उसके लिए लाभकारी होगा।
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जिन बच्चों के लिए केवल आंवला का रस पीना मुश्किल होता है, उन्हें आंवले के रस में चुकंदर का रस मिलाकर भी दिया जा सकता है। अगर बच्चे की डाइट में चुकंदर को शामिल किया जाए तो इससे रेड ब्लड सेल्स का निर्माण होने में मदद मिलती है, जिसके कारण बच्चे में एनीमिया होने का रिस्क काफी कम हो जाता है। वहीं जो बच्चे पहले से ही एनीमिक हैं, उनके लिए भी चुकंदर बेहद लाभकारी है। अगर आप बच्चे को आंवला के रस में चुकंदर का रस मिक्स करके दे रहे हैं तो ऐसे में उसकी मात्रा पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। मसलन-
एनीमिया से बचाव और उसके इलाज में काले तिल बेहद ही लाभकारी माने गए हैं। तिल आयरन का अच्छा स्त्रोत है और इसे बच्चे की डाइट में शामिल करने से एनीमिया का खतरा काफी कम होता है। आप काले तिल के साथ-साथ मेथीदाना भी बच्चे की डाइट में शामिल करें। चूंकि बच्चे काले तिल व मेथीदाना खाने में आनाकानी करते हैं तो ऐसे में आप पुलाव बनाते समय उसमें जीरे के स्थान पर काले तिल व मेथीदाने का तड़का लगा सकती हैं।
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