हेल्दी रहने के लिए लोग तरह-तरह की डाइट को फॉलो करते हैं। पिछले कुछ समय से दुनिभाभर में शाकाहारी डाइट की तरफ लोगों का रूझान काफी बढ़ा है। हालांकि, वेज डाइट में भी कई तरह की होती है। अक्सर लोग इन्हें एक ही समझ लेते हैं। जबकि इनमें कुछ ना कुछ अंतर अवश्य होता है।
उदाहरण के तौर पर, वीगन डाइट और वेजिटेरियन डाइट दोनों में ही नॉन-वेज फूड को नहीं खाया जाता है और इसलिए इन्हें वेज डाइट की कैटेगिरी में रखा जाता है। लेकिन फिर भी यह दोनों डाइट एक-दूसरे से अलग है। कुछ लोग समझते हैं कि वेजिटेरियन डाइट को ही वीगन डाइट कहा जाता है। जबकि ऐसा नहीं है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको वीगन डाइट और वेजिटेरियन डाइट के बीच के अंतर के बारे में बता रहे हैं-
आमतौर पर वेजिटेरियन डाइट में व्यक्ति मांस, मुर्गी, मछली, शंख या अन्य पशुओं के मांस या किसी भी हिस्से का सेवन नहीं करता है। शाकाहारी भोजन में व्यक्ति तरह-तरह के फल, सब्जियां, अनाज, दालें, मेवे और सीड्स का सेवन करता है। वहीं, डेयरी, शहद और अंडे का सेवन इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस प्रकार के आहार का पालन करते हैं।
दरअसल, वेजिटेरियन डाइट में भी लोग तरह-तरह के टाइप्स को फॉलो करते हैं, जो इस प्रकार है-
लैक्टो-ओवो वेजिटेरियन- जो लोग इस तरह की डाइट का सेवन करते हैं, वह सभी जानवरों के मांस से बचते हैं, लेकिन डेयरी और अंडा उत्पादों का सेवन करते हैं।
लैक्टो वेजिटेरियन- इस डाइट को फॉलो करने वाले वेजिटेरियन जानवरों के मांस और अंडे से बचते हैं, लेकिन डेयरी उत्पादों का सेवन करते हैं।
ओवो वेजिटेरियन- यह वेजिटेरियन लोग अंडे को छोड़कर सभी पशु उत्पादों से बचते हैं।
हालांकि उन्हें कभी-कभी शाकाहारी माना जाता है, पेसटेरियन और फ्लेक्सिटेरियन जानवरों का मांस खाते हैं। इसलिए, वे तकनीकी रूप से शाकाहार की परिभाषा के अंतर्गत नहीं आते हैं।
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वीगन डाइट को शाकाहार के सबसे सख्त रूप के रूप में देखा जा सकता है। यह सभी प्रकार के पशु शोषण और क्रूरता को यथासंभव बाहर करने का प्रयास करता है। जो व्यक्ति इस तरह की डाइट को फॉलो करता है, वह ना केवल जानवरों के मांस को अपनी डाइट से बाहर रखता है, बल्कि जानवरों द्वारा दिए जाने वाले फूड आइटम्स जैसे दूध या डेयरी प्रोडक्ट्स, अंडे, जेलाटीन, शहद व अन्य कई आइटम्स का सेवन करने से परहेज करते हैं। वीगन डाइट में लोग मानते हैं कि जानवरों को मानव उपयोग से मुक्त होने का अधिकार है, फिर चाहे वह भोजन, वस्त्र, या मनोरंजन के लिए हो।
जहां वीगन डाइट में जानवर व जानवर द्वारा उत्पादित किसी भी प्रोडक्ट का सेवन करना पूरी तरह से प्रतिबंधित होता है। वहीं, वेजिटेरियन डाइट में लोग अंडा, शहद व दूध आदि का सेवन कर लेते हैं। हालांकि, दोनों ही डाइट में प्लांट बेस्ड फूड को प्राथमिकता दी जाती है।
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आप चाहे किसी भी डाइट का सेवन रहे हैं, लेकिन आहार के टाइप्स को प्रतिबंधित करने से आहार में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। वीगन और वेजिटेरियन दोनों आहारों में प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम, विटामिन डी (विटामिन-डी की कमी ऐसे करें पूरी) और विटामिन बी 12 जैसे आवश्यक पोषक तत्वों की अधिक मात्रा में कमी होती है। शोध के अनुसार, वीगन लोगों को अपने आहार में शायद ही कैल्शियम मिलता है क्योंकि वे डेयरी उत्पादों से परहेज करते हैं। वहीं, वेजिटेरियन लोग अपने अधिकांश प्रोटीन सेवन के लिए सोया पर भरोसा करते हैं, लेकिन इसमें कुछ समस्याएं हैं। सोया में फाइटोएस्ट्रोजन नामक यौगिक होता है। ऐसे में अगर आप किसी डाइट को फॉलो कर रहे हैं तो डॉक्टर की सलाह पर उसके सप्लीमेंट्स लेना ना भूलें।
तो अब आपको भी वीगन डाइट और वेजिटेरियन डाइट के बीच का अंतर समझ में आ गया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकीअपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
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