वसंत ऋतु में आयुर्वेद के अनुसार क्या खाएं और क्या ना खाएं, एक्सपर्ट से जानिए

अगर आप वसंत ऋतु में स्वस्थ और ऊर्जा से भरपूर रहना चाहती हैं तो एक्सपर्ट से जानिए कि इस मौसम में खानपान में किन चीजों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

eat nutritious food in spring season main

अक्सर ठंड की शुरुआत और ठंड जाने के समय मौसम में बदलाव की वजह से महिलाएं बीमार पड़ जाती हैं। फिलहाल वसंत ऋतु की शुरुआत हो चुकी है और सूरज की गर्मी बढ़ रही है। हालांकि मौसम में ठंडक कम हो रही है, लेकिन आयुर्वेद के अनुसार इस समय में कफ दोष बढ़ने लगता है, जिसकी वजह से इस मौसम में अग्नि तत्व में कमी आने लगती है और डाइजेशन ठीक से ना हो पाने की समस्या बढ़ती है। अगर आप इस मौसम में इनडाइजेशन की समस्या से जूझ रही हैं तो परेशान ना हों। इस मौसम में स्वस्थ और ऊर्जा से भरपूर रहने के लिए Directorate of AYUSH, Govt. Of N.C.T. Of Delhi की Senior Medical officer (Ayurveda) Dr. Parul Gupta हमें बता रही हैं कि किस तरह का खानपान अपनाना बेहतर रहता है।

आयुर्वेद के अनुसार हर मौसम में दोषों में आता है बदलाव

eat healthy and light food

Dr. Parul Gupta ने बताया, 'आयुर्वेद के अनुसार हर इंसान की प्रकृति अलग होती है। जन्म के समय में हमारे शरीर में जिन दोषों की प्रधानता होती है, उसके अनुसार आयुर्वेद में सात प्रकार के दोषों की प्रकृति बताई गई है- वात पित्त, पित्त कफ, कफ वात, सन्निपातज(इसमें वात पित्त कफ सम मात्रा में होते हैं), वातज, पित्तज, कफज। हर ऋतु में इन दोषों में परिवर्तन होता रहता है। इन दोनों को सम रखने के लिए ऋतुचर्या का वर्णन किया गया है।'

इसे जरूर पढ़ें: सेलेब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवेकर से जानें सर्दियों में सोंठ इस्तेमाल करने का तरीका

ऋतुचर्या के अनुसार यह बताया जाता है कि किस ऋतु में कैसा रहन-सहन और खान-पान हो, जिससे स्वस्थ रहा जा सके और उस मौसम में बढ़ने वाले दोषों और बीमारियों से बचा जा सके। आयुर्वेद में 6 ऋतुएं बताई गई हैं और उनके हिसाब से आहार और आचरण भी बताया गया है। इनका ध्यान रखने से महिलाएं सेहतमंद और ऊर्जा से भरपूर रह सकती हैं।

say no to oily food stay healthy in spring season according to ayurveda

खानपान में इन चीजों का ध्यान रखें

  • वसंत ऋतु में अच्छी पाचन शक्ति बनाए रखने के लिए सोच समझकर खाना खाना चाहिए।
  • इस मौसम में ओवरईटिंग से बचना चाहिए। जब भूख लगे, तभी खाएं।
  • आयुर्वेद के अनुसार वसंत ऋतु में मीठा, खट्टा, बहुत ज्यादा नमकीन या तैलीय भोजन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इनसे कफ दोष बढ़ने लगता है।
  • इस मौसम में उड़द दाल, पूड़ी-कचौड़ी जैसे हैवी फूड नहीं लेने चाहिए।
  • दिन में नहीं सोना चाहिए क्योंकि इससे भी कफ दोष बढ़ने की आशंका होता है

ऐसे खानपान से सेहतमंद रहेंगी आप

Dr. Parul Gupta का कहना है,

'आयुर्वेद के अनुसार इस मौसम में खानपान का विशेष ध्यान रखने से कफ दोस्त को बढ़ने से रोका जा सकता है। इस मौसम में तिक्त रस वाली चीजें जैसे कि करेला, परवल, कटु रस वाली चीजें जैसे कि सूप आदि लेना अच्छा रहता है। इस बात का भी ध्यान रखें कि गरिष्ठ भोजन के बजाय इस मौसम में हल्का खाना खाएं, जिसे पचाना आसान हो जैसे कि मूंगदाल, खिचड़ी, दलिया आदि। इसके अलावा पौष्टिक तत्वों से युक्त लौकी, पत्ता गोभी, गाजर, पालक, मटर जैसी सब्जियां भी अपनी डाइट में शामिल करनी चाहिए। अगर इस मौसम में शहद और गुनगुने पानी का सेवन किया जाए तो इससे भी कफ दोष बढ़ने से रोका जा सकता है और सर्दी-खांसी में राहत मिलती है।'

All Image Courtesy: Yandex

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP