विवाह के बाद हर महिला जल्द से जल्द मातृत्व का सुख भोगना चाहती है। लेकिन अगर आप पहले से ही किसी स्वास्थ्य समस्या से जूझ रही हैं तो ऐसे में आप अपनी स्वास्थ्य परेशानियों को ना तो अपने बच्चे को देना चाहेंगी और ना ही उस स्वास्थ्य समस्या के कारण अपनी प्रेग्नेंसी में किसी तरह की कॉम्पलीकेशन चाहेंगी। ऐसी ही एक हेल्थ प्रॉब्लम है डायबिटीज। जिसे प्रेग्नेंसी में मैनेज करना बेहद जरूरी है। इसके लिए डाइट पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
दरअसल, भोजन में कार्बोहाइड्रेट पचने पर चीनी जिसे ग्लूकोज भी कहा जाता है में बदल जाता है। ग्लूकोज आपके और आपके बच्चे के लिए महत्वपूर्ण है। वहीं दूसरी ओर, रक्त में बहुत अधिक ग्लूकोज समस्या पैदा कर सकता है। इसलिए अगर आप पहले से ही डायबिटीक है तो ऐसे में आपको अपने ब्लड में ग्लूकोज को मैनेज करने के लिए अतिरिक्त ध्यान रखना चाहिए। तो चलिए आज इस लेख में सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल के ईएसआईसी अस्पताल की डायटीशियन डॉ रितु पुरी आपको बता रही हैं कि डायबिटीक महिला को प्रेग्नेंसी में किन चीजों का सेवन करना चाहिए और किससे बचना चाहिए-
जब एक महिला डायबिटीक( डायबिटीज कंट्रोल करें) होती है तो वह कॉर्ब्स को पूरी तरह से बाहर कर देती है। जबकि आपको ऐसा नहीं करना चाहिए। बल्कि आपको लिमिटेड मात्रा में इनका सेवन करना चाहिए। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि आप सिंपल कॉर्ब्स की जगह कॉम्पलेक्स कॉर्ब्स को सेवन करना चाहिए। मसलन, आप व्हाइट ब्रेड की जगह मल्टीग्रेन ब्रेड या होल व्हीट चपाती का सेवन करें। इसी तरह, आप प्लेन राइस से स्टार्च निकालकर उसे ढेर सारी वेजिटेबल्स के साथ खा सकती हैं।
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अगर आप डायबिटीक है तो आपको दो या तीन मील के बीच लंबा गैप नहीं करना चाहिए। बल्कि आपको हर थोड़ी-थोड़ी देर में कुछ ना कुछ खाते रहना चाहिए। उदाहरण के तौर पर, आप दिन में तीन मुख्य मील के अलावा दो से तीन स्मॉल मील ले सकती हैं। जिसमें आप दूध, फल, छाछ, बेसन का पूड़ा, ढोकला आदि खा सकती है।
आप अपनी तीनों मील में प्रोटीन व फाइबर की अच्छी मात्रा अवश्य लें। मसलन, अगर आप लंच या डिनर ले रही हैं तो आप चावल व रोटी के साथ प्रोटीन युक्त फूड आइटम जैसे सलाद, दही, दाल या अंडे का सेवन अवश्य करें। इसी तरह, अगर आप नाश्ते में पोहा बना रही हैं तो आप उसमें बहुत सारी सब्जियां डालें। यह पोहे में फाइबर कंटेंट को बढ़ाएगा और इससे ग्लाइसेमिक इंडेक्स को कम करने में मदद करेगा। साथ ही यह आपके सिंपल पोहे को कॉम्पलेक्स कार्ब्स बनाएगा।
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आप अपनी और बच्चे की सेहत का ख्याल रखना चाहती हैं तो आपको दिन में कम से कम दो गिलास दूध अवश्य पीना चाहिए। एक गिलास सुबह और एक गिलास शाम को। हालांकि, इस बात का ध्यान रखें कि आपका दूध फैट फ्री हो। डायबिटीज में बहुत अधिक फैट आपकी प्रेग्नेंसी में समस्या पैदा कर सकता है। यहां आपको इस बात का भी ख्याल रखना है कि आप फैट को पूरी तरह से अपनी डाइट से बाहर ना करें, क्योंकि यह आपके बच्चे की ग्रोथ के लिए जरूरी है। कोशिश करें कि आप अपनी डाइट में गुड फैट्स के सोर्सेज जैसे एवोकाडो व नट्स आदि का शामिल करें।
इन सभी चीजों के अलावा आपको कुछ अन्य बातों का भी ध्यान रखना आवश्यक है। मसलन,
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