इंटरमिटेंट फास्टिंग या स्मॉल मील्स? जानिए वेट लॉस के लिए कौन सी डाइट है बेस्ट

वेट लॉस के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग या स्मॉल मील्स दोनों को ही अच्छा माना जाता है। लेकिन इनमें से आपके लिए ज्यादा क्या फायदेमंद है, जानिए इस लेख में।

intermittent fasting or small meal weight loss

वजन कम करना आज के समय में अधिकतर लोगों के लिए एक टफ टास्क बनता जा रहा है। ऐसे बहुत से लोग हैं, जो अपना वजन कम करना चाहते हैं और इसलिए वे बहुत अधिक मेहनत भी करते हैं। लेकिन फिर भी उनका वजन कम नहीं हो पाता है। ऐसे में यह जरूरी है कि आप एक्सरसाइज के साथ-साथ अपनी डाइट पर भी उतना ही ध्यान दें। डाइट आपकी हेल्थ और वेट लॉस में अहम् रोल अदा करती है।

वेट लॉस के लिए आप क्या खाते हैं, इसके साथ-साथ आप उसे किस तरह खाते हैं, इस पर फोकस करना भी जरूरी है। अगर हेल्दी फूड को भी गलत तरह से या गलत टाइम पर खाया जाता है तो इससे आपकी सेहत को नुकसान उठाना पड़ सकता है। आज के समय में वेट लॉस के लिए लोग इंटरमिटेंट फास्टिंग करना पसंद करते हैं। वहीं, कुछ लोग एक ईटिंग विंडो के अंदर नहीं खा सकते हैं और इसलिए वेट लॉस के लिए स्मॉल मील्स लेनाच चाहते हैं। इन दोनों को ही वेट लॉस के लिए अच्छा माना जाता है। तो चलिए आज इस लेख में सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल के ईएसआईसी अस्पताल की डाइटीशियन रितु पुरी आपको बता रही हैं कि वेट लॉस के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग या स्मॉल मील्स किसे लेना चाहिए-

इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदे और नुकसान

Fasting tips

  • इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान एक ईटिंग विंडो होता है और आपको अपना मील उसी ईटिंग विंडो पीरियड में लेना होता है। बाकी टाइम फास्टिंग करनी होती है, जिससे आपका कैलोरी इनटेक काफी हद तक सीमित हो जाता है।
  • इंटरमिटेंट फास्टिंग इंसुलिन सेंसेटिविटी को बेहतर बनाती है और फैट लॉस में मदद कर सकती है।
  • इसमें आपको अपनी कैलोरी को अलग-अलग भागों में मापने की जरूरत नहीं होती है, क्योंकि आप एक लंबे समय तक फास्टिंग पीरियड में होते हैं।
  • हालांकि, अगर किसी को कोई मेडिकल कंडीशन है तो उसके लिए लंबे समय तक फास्टिंग करना मुश्किल हो सकता है।
  • कुछ लोगों को फास्टिंग पीरियड में बहुत अधिक भूख लग सकती है या एनर्जी की कमी हो सकती है।

स्मॉल मील्स के फायदे व नुकसान

Expert tips for fasting ideas

  • स्मॉल मील्स में दिनभर में तीन बड़े मील लेने की जगह 5-7 छोटे-छोटे मील्स लिए जाते हैं और ऐसे में खाने को अधिक बैलेंस तरीके से लेने की कोशिश की जाती है।
  • स्मॉल मील्स लेने से ब्लड शुगर लेवल को मेंटेन रखने और अत्यधिक भूख को रोकने में मदद मिल सकती है।
  • इससे आपका मेटाबॉलिज्म अधिक एक्टिव रहता है।
  • स्मॉल मील्स लेने से आप खुद को भूखा नहीं रखते हैं, जिससे ओवरईटिंग की संभावना काफी कम हो जाती है और आप खुद को हमेशा एनर्जेटिक फील करते हैं।
  • हालांकि, स्मॉल मील्स के दौरान आपको पूरी तैयारी की जरूरत होती है और इसमें आपका काफी सारा समय खर्च हो जाता है।
  • अगर खाने और उसकी क्वांटिटी पर ध्यान ना दिया जाए तो इससे आपका कैलोरी इनटेक बढ़ सकता है।

किसे करें फॉलो

अब सवाल यह उठता है कि बेहतर वेट लॉस के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग या स्मॉल मील्स में से किसे फॉलो किया जाए, तो यह पूरी तरह से आप पर निर्भर है। यह दोनों ही ईटिंग पैटर्न वेट लॉस में बहुत प्रभावी है। लेकिन बस आपको अपने डेली कैलोरी काउंट का खास ख्याल रखना होगा। साथ ही, अपनी डाइट में वैरायटी शामिल करें, जिससे आपको सही पोषण मिल सके। आप ऐसी डाइट फॉलो करें, जो आपके लाइफस्टाइल के अनुसार अधिक सस्टेनेबल हो और आप उसे लॉन्ग टर्म तक फॉलो कर पाएं। मसलन, अगर आपका काम ऐसा है कि आपको अधिक सोशलाइज होना पड़ता है तो ऐसे में इंटरमिटेंट फास्टिंग की जगह स्मॉल मील्स को चुन सकते हैं।

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Image Credit- freepik

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