50+ महिलाएं करें इंटरमिटेंट फास्टिंग, हड्डियांं रहेंगी दुरुस्‍त और वजन रहेगा कंट्रोल

अगर आपकी उम्र भी 50 के पार है तो वजन को कंट्रोल और बहुत सारे हेल्‍थ बेनिफिट्स पाने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग के बारे में जानें। 

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50 से अधिक उम्र की महिलाओं को वजन कम करने की कोशिश में संघर्ष का सामना करना पड़ सकता है। यह कई चीजों से उत्पन्न हो सकता है। लेकिन इसके लिए अक्‍सर मुख्य अपराधी धीमा मेटाबॉलिज्‍म होता है। आपके पास जितना अधिक लीन मास होगा, आपका मेटाबॉलिज्‍म उतना ही तेज होगा। लेकिन जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, हम लीन मसल्‍स को खो देते हैं और अक्सर पहले की तुलना में कम एक्टिव हो जाते हैं। परिणाम? जिद्दी शरीर की चर्बी जो टस से मस नहीं होती है।

हाल के वर्षों में इंटरमिटेंट फास्टिंग अपने हेल्‍थ बेनिफिट्स के कारण काफी फेमस हो गई है कि यह आपके भोजन विकल्पों को प्रतिबंधित नहीं करती है। शोध से पता चलता है कि फास्टिंग आपके मेटाबॉलिज्‍म और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार कर सकती है। यह कुछ तरह की मसल्‍स, नर्वस और जोड़ों के विकारों को भी दूर कर सकती है जो 50 से अधिक उम्र की महिलाओं को प्रभावित करते हैं। इंटरमिटेंट फास्टिंग से 50 की उम्र से ज्‍यादा की महिलाओं को क्‍या फायदे हो सकते हैं? इसके बारे में हमें फोर्टिस हॉस्पिटल फॉर्मर डाइ‍टीशियन सिमरन सैनी जी बता रही हैं।

एक्‍सपर्ट की राय

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सिमरन सैनी जी का कहना है, 'एक निर्धारित समय सीमा के अंदर भोजन और हेल्‍दी तरीके से फास्टिंग करने के कई हेल्‍थ बेनिफिट्स हैं। 50 से अधिक उम्र की इंटरमिटेंट फास्टिंग करने वाली महिलाओं के लिए वजन घटाने के अलावा भी कई फायदे हैं। जैसे हेल्‍दी हार्मोन स्राव जो मेनोपॉज के हानिकारक लक्षणों को कम करता है। यह इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करता है और ऑस्टियोपोरोसिस की संभावना को रोकता है।'

'वजन को नियंत्रण में रखने से आत्मविश्वास और आत्मसम्मान में भी सुधार होता है और फैटी लीवर और कोलेस्ट्रॉल की समस्या से बचाव होता है। केवल पोषक तत्वों की कमी को रोकने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान हेल्‍दी और सावधानी से खाना शामिल है।'

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इंटरमिटेंट फास्टिंग क्या है?

इंटरमिटेंट फास्टिंग(आईएफ) के अंतर्गत कोई भी केवल एक निर्धारित समय सीमा के भीतर खाने के लिए खुद को सीमित कर देता है। हालांकि IF के कई रूप हैं, लेकिन सबसे अच्‍छा रूप डेली मैथेड है।

यह IF का सबसे फेमस तरीका है। दैनिक पद्धति में आमतौर पर 16/8 या 18/6 रूल्‍स को फॉलो किया जाता है। इसका मतलब है कि हर दिन 6- से 8 घंटे के विंडो के दौरान नियमित, हेल्‍दी भोजन करना, फिर शेष 16 से 18 घंटे उपवास करना होता है। यह सबसे टिकाऊ तरीका माना जाता है।

तय करें कि आपकी जीवनशैली में कौन सा प्रकार सबसे अच्छा फिट बैठता है और फिर इसके बारे में अपने डॉक्टर से बात करें।

शुरुआत में आप अन्य रूपों का इस्‍तेमाल कर सकती हैं। इनमें 12/12 शामिल है, जिसमें 12 घंटे खाना खाया जाता है और फिर 12 घंटे की फास्टिंग की जाती है। जब आप पूरी तरह से तैयार हों तब आप एक टाइट शेड्यूल के साथ आगे बढ़ सकती हैं।

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इंटरमिटेंट फास्टिंग कैसे काम करती है?

हालांकि, यह आपको अजीब लग सकता है कि जब आप खाती हैं तो सिर्फ थोड़ा सा बदलाव करने से आपको अपना वजन कम करने में मदद मिल सकती है। लेकिन शरीर फास्टिंग के प्रति इस तरह प्रतिक्रिया को करता है जिससे हमें फायदा होता है। जब आपका शरीर फास्टिंग मोड में प्रवेश करता है तो यह आपके फैट स्‍टोर्स को ईंधन के रूप में इस्‍तेमाल करने के लिए ट्रिगर करता है, जिससे आप एनर्जी के लिए शरीर की चर्बीको जलाती हैं।

बेशक, जब आप फास्टिंग नहीं करती हैं तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप जंक फूड की दीवानी हो जाएं। अच्‍छे रिजल्‍ट के लिए पौष्टिक संपूर्ण खाद्य पदार्थ, अनरिफाइंड कार्बोहाइड्रेट और लीन प्रोटीन का सेवन करें। ध्यान रखें कि आप अभी भी फास्टिंग के दौरान कैलोरी-फ्री ड्रिंक जैसे ब्लैक कॉफी, चाय और पानी का आनंद ले सकती हैं।

इंटरमिटेंट फास्टिंग के क्या फायदे हैं?

फास्टिंग एक प्रथा है जो प्राचीन काल से चली आ रही है और कुछ संस्कृतियों में अभी भी नियमित रूप से इसका अभ्यास किया जाता है। वजन घटाना IF का एकमात्र फायदा नहीं है। इसके कई फायदे हैं-

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इसमें ऑस्टियोपोरोसिस, अर्थराइटिस और पीठ के निचले हिस्से में दर्द जैसी स्थितियां शामिल हैं। फास्टिंग थायरॉयड से हार्मोन स्राव को बढ़ावा देने में मदद करती है। यह हड्डी के स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकती है और हड्डी के फ्रैक्चर को रोकने में मदद कर सकती है।

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मेटाबॉलिज्‍म को करती है दुरुस्‍त

कुछ महिलाएं अपने 50 की उम्र के दौरान मेनोपॉज से गुजरती हैं। मेनोपॉज आपके शरीर में परिवर्तन का कारण बन सकती है जो पेट की चर्बी, इंसुलिन और ग्लूकोज को बढ़ाती है। फास्टिंग आपके ब्‍लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और पेट की चर्बी को कम करने में मदद कर सकती है, जिससे इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार हो सकता है। जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, फास्टिंग आपके मेटाबॉलिज्म को भी ट्रैक पर रख सकती है।‌

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मानसिक हेल्‍थ के लिए अच्छा

फास्टिंग मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करती है। यह चिंता, डिप्रेशन और भावनात्मक रोलर कोस्टर को कम कर सकती है जो मेनोपॉज के साथ-साथ हो सकता है। फास्टिंग आत्म-सम्मान में सुधार और तनाव को कम करने में मदद करती है।

सावधानी

इंटरमिटेंट फास्टिंग हर किसी के लिए नहीं है। नई डाइट की कोशिश करने से पहले आपको हमेशा अपने डॉक्टर से जांच करानी चाहिए।

आप भी इंटरमिटेंट फास्टिंग की मदद से ये सारे फायदे पा सकती हैं। हेल्‍थ से जुड़े ऐसे ही और आर्टिकल पढ़ने के लिए हरजिंदगी से जुड़ी रहें।

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Image Credit: Shutterstock & Freepik

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