खट्टी डकार जिसे अंग्रेजी में Sour Belching कहते हैं, पाचन तंत्र की एक आम समस्या है। कई बार गलत खानपान के कारण हमारा शरीर खाने को ठीक से पचा नहीं पाता। इसके कारण गैस, एसिडिटी और खट्टी डकारें आना एक आम बात है। यह न केवल असहजता पैदा करता है, बल्कि पेट में जलन, भारीपन और गैस जैसी परेशानियों को भी बढ़ा सकती है।
आप कुछ भी खाएं या पिएं उसके बाद एकदम से खट्टी डाकर आने से मुंह का स्वाद भी खराब हो सकता है। अगर आप बार-बार पेट की इस समस्या से जूझ रहे हैं, तो कुछ घरेलू नुस्खे आपकी मदद कर सकते हैं।
आज हम आपको चार ऐसी चीजों के बारे में बताएंगे, जिनका नियमित सेवन आपकी पाचन क्रिया को दुरुस्त रख सकता है और खट्टी डकार, गैस व ब्लोटिंग जैसी समस्याओं से राहत दिला सकता है।
एसिड रिफ्लक्स- ऐसी स्थिति जिसमें पेट का एसिड गले में वापस चला जाता है, जिससे खट्टा स्वाद या जलन होती है।
सल्फर युक्त प्रोडक्ट्स - ब्रोकोली, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, लहसुन और डेयरी उत्पादों जैसे कुछ खाद्य पदार्थ सल्फर डकार का कारण बन सकते हैं।
तनाव- तनाव और चिंता सल्फर डकार जैसी पाचन संबंधी समस्याओं का कारण बन सकते हैं।
बैक्टीरियल संक्रमण- एच. पाइलोरी जैसे संक्रमण से हाइड्रोजन सल्फाइड की अधिकता हो सकती है, जिससे सल्फर डकार हो सकती है।
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अदरक में मौजूद जिंजरोल पाचन एंजाइम को सक्रिय करता है, जिससे खाना जल्दी पचता है और गैस नहीं बनती। नींबू में साइट्रिक एसिड होता है, जो पेट की एसिडिटी को नियंत्रित करता है और डाइजेशन में सुधार करता है।
काला नमक, जो एक प्राकृतिक एंटासिड है, पेट की सूजन और गैस को कम करता है। अगर आपको बार-बार खट्टी डकार आती है या पेट भारी लगता है, तो इस नुस्खे को जरूर अपनाएं।
पुदीना एंटी-स्पास्मोडिक (Antispasmodic) गुणों से भरपूर होता है, जो पेट की मांसपेशियों को रिलैक्स करता है और गैस को बाहर निकालने में मदद करता है। यह एसिड रिफ्लक्स को कम करता है और खट्टी डकार को रोकता है।
इसके नियमित सेवन से पाचन बेहतर होता है और पेट हल्का महसूस होता है। अगर आपका पेट अक्सर फूला रहता है, तो रोज़ाना एक कप पुदीने की चाय पीना फायदेमंद रहेगा।
सौंफ में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो पाचन तंत्र को शांत रखते हैं। इसमें मौजूद एनेथोल गैस, ऐंठन और ब्लोटिंग को कम करता है। यह सांसों की दुर्गंध को भी दूर करता है, जो कई बार खराब पाचन की वजह से होती है। अगर आप खाने के बाद पेट में भारीपन या गैस महसूस करते हैं, तो सौंफ का सेवन जरूर करें।
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हींग में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पेट में गैस बनने से रोकते हैं। यह गैस्ट्रिक जूस के स्राव को बढ़ाता है, जिससे खाना तेजी से पचता है और ब्लोटिंग नहीं होती।
इसके नियमित इस्तेमाल से इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (Irritable Bowel Syndrome) और अपच की समस्या भी कम होती है। अगर आप अक्सर गैस और पेट फूलने की समस्या से परेशान रहते हैं, तो हींग का पानी पीना बहुत फायदेमंद रहेगा।
खट्टी डकार और ब्लोटिंग जैसी पेट की समस्याएं ज्यादातर गलत खान-पान, तेज मिर्च-मसालों, कार्बोनेटेड ड्रिंक्स और ज्यादा ऑयली फूड्स के सेवन से होती हैं। इनसे बचने के लिए आपको अपनी डाइट में हल्के, पचने योग्य और फाइबर युक्त भोजन को शामिल करना चाहिए।
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