मां के लिए सुबह-सुबह सबसे बड़ा चैलेंज होता है कि वह बच्चे को टिफिन में ऐसा क्या दे कि वह टिफिन पूरा खत्म कर दे। चाहें पूरी सब्जी दें या पराठा भुजिया, बच्चा अक्सर आधा खाना वापस लेकर आधा है और कभी-कभी तो टिफिन को हाथ भी नहीं लगाता। मैंने अपने बच्चे के साथ यही अनुभव किया है कि उसे हर दिन अपने टिफिन में कुछ अलग और टेस्टी खाना चाहिए। बच्चे की हेल्थ अच्छी रहे, इसके लिए मैं उसे कभी भी रात का बचा हुआ खाना सुबह टिफिन में नहीं देती। लेकिन सुबह-सुबह रोज अलग तरह का खाना कैसे तैयार किया जाए, जो बच्चे को पसंद भी आए, यह काम आसान नहीं है।
टिफिन में दें बच्चों की पसंद का खाना
न्यूट्रिशनिस्ट सुजाता गुप्ता बताती हैं, "वर्किंग मदर अक्सर यह गलती करती हैं कि वे रात के डिनर की नई तरह से पैकेजिंग करके उसे सुबह बच्चों को टिफिन में दे देती हैं। लेकिन रात का खाना ताजे बने खाने के जितना स्वाद नहीं हो सकता। दूसरी बात ये कि बच्चे भी काफी होशियार होते हैं और वे रात के बने खाने को पहचान लेते हैं और उनकी रुचि खाने में कम हो जाती है। बच्चों को अलग-अलग तरह से हेल्दी लंच बॉक्स के विकल्प को देना अहम है। इससे उनका अच्छा विकास होता है। एक और महत्वपूर्ण बात ये कि बच्चों को बहुत अलग तरह का खाना टिफिन में ना दें, जिसे उन्होंने पहले टेस्ट ना किया हो, क्योंकि जब वे स्वाद से वाकिफ होते हैं, तभी उनकी खाना खाने में रुचि रहती है।'
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बच्चों की डाइट में हों ये चीजें
सुजाता गुप्ता बताती हैं कि बच्चों के लिए प्रोटीन बहुत जरूरी है। यह शरीर की ग्रोथ के लिए बहुत जरूरी है। इस तरह से कार्बोहाइड्रेट उचित मात्रा खाने में बच्चों की डाइट में शामिल होना चाहिए। खाना टेस्टी होने के साथ-साथ देखने में भी अट्रैक्टिव होना चाहिए। इसी तरह से दूध से बनी चीजें और हरी सब्जियां उनकी डाइट में शामिल करें।'
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बढ़ते बच्चों को प्रोटीन और एनर्जी की विशेष रूप से जरूरत होती है। कम मात्रा में वसा भी उनके दिमाग के लिए अच्छा काम कर सकता है। इन बातों को ध्यान में रखते हुए अपने बच्चों के लंच बाक्स में फल, सब्जियां और हेल्दी ऑॅयल शामिल करें।
आप बच्चे को हेल्दी डाइट वाले खाने में से विकल्प चुनने के लिए कह सकती हैं और खुद से अपना लंच बनाने के लिए प्रोत्साहित कार सकती हैं। इससे खाने को लेकर बच्चों का एक्साइटमेंट और भी ज्यादा बढ़ जाता है। इससे बच्चों के अंदर यह फीलिंग नहीं आएगी कि उनके साथ किसी तरह की जबरदस्ती हो रही है। बच्चों को अपने खाने की लिस्ट बनाने के लिए भी मोटिवेट करें।
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