हार्मोन शरीर में केमिकल मैसेंजर के रूप में काम करते हैं। वे ब्लडस्ट्रीम के जरिए बॉडी में ट्रैवल करते हैं। आमतौर पर, यह माना जाता है कि हार्मोन रिप्रोडक्टिव हेल्थ को ही प्रभावित करते हैं। जबकि वास्तव में ऐसा नहीं है। यह मूड से लेकर तनाव के स्तर, भूख यहां तक कि ओवर ऑल पर असर डाल सकते हैं। यदि हमारे हार्मोन असंतुलित हैं, तो हम सामान्य से अधिक थकान महसूस कर सकते हैं। इसके अलावा, हमें अनियमित पीरियड साइकल से लेकर तनाव बढ़ना और चिड़चिड़ापन आदि अनुभव हो सकता है।
अमूमन यह देखने में आता है कि जब बॉडी में हार्मोन बैलेंस नहीं होते हैं तो हम दवाइयों के सेवन की ओर रुख करते हैं। जबकि डाइट भी हार्मोन बैलेंस में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। तो चलिए आज इस लेख में सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल के ईएसआईसी अस्पताल की डाइटीशियन रितु पुरी आपको कुछ ऐसे ही फूड्स के बारे में बता रही हैं, जो हार्मोन बैलेंस में आपकी मदद कर सकते हैं-
एवोकाडो
हार्मोन बैलेंस के लिए एवोकाडो का सेवन करना काफी अच्छा माना जाता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि एवोकैडो में हेल्दी मोनोअनसैचुरेटेड फैट पाए जाते हैं। ये हेल्दी मोनोअनसैचुरेटेड फैट हार्मोन प्रोडक्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इतना ही नहीं, एवोकाडो का सेवन करने से आपको पोटेशियम सहित अन्य पोषक तत्व भी मिलते हैं। इससे भी ओवर ऑल हेल्थ को फायदा मिलता है।
फैटी फिश
अगर आप सी-फूड खाते हैं तो आपको सैल्मन और मैकेरल जैसी फैटी फिश को अपनी डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए। इनमें ओमेगा-3 फैटी एसिड पाए जाते हैं, जो हार्मोन प्रोडक्शन को रेग्युलेट करने में मददगारर है। इतना ही नहीं, वे प्रोस्टाग्लैंडीन प्रोडक्शन को भी सपोर्ट करते हैं, जो हार्मोन रेग्युलेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
ग्रीक योगर्ट
हार्मोन बैलेंस करने के लिए ग्रीक योगर्ट का सेवन करना भी अच्छा विचार है। दरअसल, इसमें प्रोटीन और प्रोबायोटिक्स में अच्छी मात्रा में होता है। जहां प्रोटीन हार्मोन प्रोडक्शन के लिए जरूरी है, वहीं प्रोबायोटिक्स के कारण आपका गट हेल्दी होता है। इससे भी हार्मोन बैलेंस में मदद मिलती है। हेल्दी गट अतिरिक्त हार्मोन को खत्म करने में मदद कर सकते हैं और डाइजेस्टिव हेल्थ को बूस्ट करते हैं। आप ग्रीक योगर्ट के अलावा केफिर या फिर अन्य फरमेंटेड फूड को अपनी डाइट का हिस्सा बनाएं।
हल्दी
हार्मोनल बैलेंस में हल्दी भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। हल्दी में एक्टिव कंपाउंड करक्यूमिन पाया जाता है। करक्यूमिन में एंटी- इन्फ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। अपने इन्हीं गुणों के कारण हल्दी हार्मोन फ़ंक्शन को रेग्युलेट करने में मदद कर सकती है। आप अपने खाने में हल्दी का इस्तेमाल जरूर करें। इसके अलावा हल्दी का दूध लेना भी अच्छा विचार है।
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यह है एक्सपर्ट की राय
बेरीज
बेरीज का सेवन करना ओवर ऑल हेल्थ के लिए काफी अच्छा माना जाता है। इनमें एंटी-ऑक्सीडेंट्स और फाइबर पाया जाता है। ये एंटी-ऑक्सीडेंट्स ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को दूर करने में मदद करते हैं। इस ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के कारण हार्मोन बैलेंस गड़बड़ा सकता है। इसलिए, जब बेरीज को डाइट में शामिल किया जाता है तो वे ओवर ऑल हार्मोनल बैलेंस में मदद करते हैं।
लीन प्रोटीन
अगर आप हार्मोनल बैलेंस चाहते हैं तो आपको लीन प्रोटीन को अपनी डाइट का हिस्सा जरूर बनाना चाहिए। प्रोटीन, हार्मोन प्रोडक्शन के लिए बेहद जरूरी हैं। लीन प्रोटीन इस प्रोसेस के लिएआवश्यक अमीनो एसिड प्रदान करते हैं।इसके अतिरिक्त, प्रोटीन ब्लड शुगर लेवल को भी स्टेबलाइज करने में मदद करते हैं। इसलिए, कोशिश करें कि आप लीन प्रोटीन सोर्स जैसे, चिकन, टर्की या टोफू आदि को जरूर लें।
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