कोकोआ और ककाओ पाउडर लगभग एक जैसे होते हैं लेकिन दोनों एक नहीं होते हैं। ये दोनों ही ककाओ बीन्स से बनते हैं लेकिन दोनों में प्रोसेसिंग, टेस्ट और न्यूट्रिशन वैल्यू के मामले में बहुत अंतर होता है। इनकी प्रोसेसिंग भी एक-दूसरे से अलग होती है। थियोब्रोमा ककाओ ट्री से ही कोकोआ और ककाओ दोनों आते हैं। यह पौधा बड़े फली जैसी फल पैदा करता है। हर फल में लगभग 20-60 फलियां होती हैं जो एक चिपचिपे गूदे से घिरी होती हैं। इन बीन्स को पीसकर कोकोआ पाउडर बनाया जाता है। जब ये दोनों एक ही पौधे से बनते हैं तो फिर दोनों के बीच में क्या अंतर होता है? इस बारे में डाइटीशियन रिध्दिमा बत्रा ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से जानकारी शेयर की है। रिध्दिमा बत्रा सर्टिफाइड डायबिटीज एजुकेटर, स्पोर्ट्स न्यूट्रिशनिस्ट स्पेशलिस्ट और न्यूट्रिशन डिफाइंड की फाउंडर हैं।
ककाओ बीन्स को कम तापमान पर प्रोसेस किया जाता है और इन्हें कच्चा माना जाता है। पाउडर बनने के बाद इनमें बहुत अधिक मात्रा में एंजाइम्स, मिनरल्स और अन्य न्यूट्रिएंट्स होते हैं। जबकि कोकोआ तब बनता है जब बीन्स को बहुत अधिक तापमान पर प्रोसेस किया जाता है। बीन्स को केवल फर्मेंट नहीं, बल्कि रोस्ट भी किया जाता है जबकि ककाओ पाउडर में केवल फर्मेंटेशन किया जाता है। सीधे शब्दों में समझे तो कोकोआ पाउडर को बनाने में बीन्स को अधिक तापमान पर प्रोसेस करना, भूनना और फर्मेंट करना शामिल है। लेकिन ककाओ पाउडर के लिए केवल फर्मेंटेशन और कम तापमान पर प्रोसेस करना शामिल है।
ककाओ का टेस्ट कोकोआ का तुलना में अधिक कड़वा होता है लेकिन इसमें न्यूट्रिशन्स अधिक होते हैं और यह अधिक नेचुरल होता है। कोकोआ टेस्ट में एसिडिक होता है। अगर कोकोआ की ककाओ से तुलना करें तो कोकोआ में न्यूट्रिशन वैल्यू कम होती हैं क्योंकि इसे अधिक हीट किया जाता है। हीटिंग की वजह से इसमें मौजूद पोषक तत्व(शरीर में पोषक तत्वों का अवशोषण कैसे बढ़ाएं) कम हो जाते हैं।
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ककाओ, कोकोआ की तुलना में अधिक लाभप्रद होता है। इसमें ज्यादा गुण पाए जाते हैं क्योंकि यह कम प्रोसेस्ड होता है। इसमें मैग्नीशियम, पोटेशियम, आयरन और कैल्शियम समेत कई विटामिन्स और मिनरल्स पाए जाते हैं। यह ब्लड शुगर को कम करने(ब्लड शुगर कम करने के नुस्खे), मेमोरी को सुधारने और एनर्जी को बढ़ाने के लिए अच्छा माना जाता है। वहीं अगर बात कोकोआ की करें तो यह ककाओ की तुलना में सस्ता और मीठा होता है। यह बेकिंग के लिए अच्छा है। इसमें मिठास ज्यादा होने की वजह से यह स्वास्थ्य के लिए ज्यादा अच्छा नहीं होता है।
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