कहते हैं कि खाना ही अच्छी सेहत का राज है। शायद यही कारण है कि आज के समय में अधिकतर लोग अपनी डाइट पर ध्यान देते हैं। फिर चाहे उन्हें वजन कम करना हो या बढ़ाना हो या फिर अपने हेल्थ इश्यूज को ठीक करना हो, वे एक खास तरह की डाइट फॉलो करते हैं। कुछ लोग तो सिर्फ हेल्दी और फिट रहने के लिए भी अपनी डाइट का ख्याल रखते हैं। इसलिए, वे हर दिन एक जैसा खाना खाते हैं।
यकीनन इससे उनकी सेहत पर तो अच्छा असर पड़ता है, लेकिन कहीं ना कहीं उनका मन अपनी फेवरिट आइटम्स खाने का करता है। जिसके चलते वे कभी-कभी डाइट में चीट लेते हैं और ऐसी चीजें खाते हैं, जो उनकी रेग्युलर डाइट में नहीं है। इसमें जंक फूड से लेकर शुगर आदि अन्य कई चीजें शामिल होती हैं।
अमूमन यह देखने में आता है कि लोग चीट डे और चीट मील के बीच के अंतर को ही नहीं समझ पाते हैं। जिसके कारण वे अपनी सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं। तो चलिए आज इस लेख में सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल के ईएसआईसी अस्पताल की डाइटीशियन रितु पुरी आपको चीट डे और चीट मील के अंतर के बारे में बता रही हैं-
चीट मील क्या है?
जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है कि चीट मील आपकी दिनभर की डाइट में एक मील (फमिली मीलटाइम) को चीट करते हैं। ऐसे में वे उस मील में अपनी रेग्युलर डाइट से हटकर अपनी पसंद की कोई चीज खाते हैं। इस मील में वे सिर्फ टेस्ट को ही आगे रखते हैं और मैक्रो व माइक्रो पर उनका ध्यान नहीं होता है। हालांकि, अपनी दिनभर की बाकी मील्स को वे सही तरह से फॉलो करते हैं। उन मील्स में किसी तरह की कोई कोताही नहीं बरतते हैं।
चीट डे क्या है?
चीट डे का मतलब है कि आप पूरा दिन अपनी पसंद का कुछ भी खाते हैं। जो लोग स्ट्रिक्ट डाइट लेते हैं, वे अक्सर चीट डे लेना पसंद करते हैं। जिससे वे अपनी क्रेविंग्स को आसानी से पूरा कर सकें। ऐसे में वे एक दिन ऐसा रखते हैं, जब वे अपनी डाइट की चिंता किए बिना पूरा दिन अपने मील्स में चीट करते हैं। ऐसे में उस दिन आप स्वीट से लेकर फ्राइड व जंक आदि कुछ भी खाते हों।
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क्या है बेहतर
यूं तो लोग अपने फिटनेस व डाइट रूटीन को ध्यान में रखते हुए चीट डे और चीट मील में से किसी को भी ले सकते हैं। लेकिन फिर भी चीट मील लेना ज्यादा अच्छा माना जाता है। दरअसल, इस स्थिति में आप अपनी अन्य मील को बैलेंस तरीके से लेते हो, जिससे आपके शरीर को न्यूट्रिएंट्स भी मिल पाते हैं। एक मील में चीट करने से हेल्थ पर बहुत अधिक नेगेटिव असर नहीं पड़ता है। वहीं पूरा दिन चीट लेने के बाद आपको वापिस ट्रैक पर लौटने के लिए थोड़ी अतिरिक्त कोशिश करनी पड़ती है।
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लेने का तरीका
अपने हेल्थ गोल्स को ध्यान में रखते हुए आप चीट डे (चीट मील्स) या चीट मील ले रहे हैं तो उसे सही तरह से लेना बेहद जरूरी है। मसलन, चीट मील को हर 20 दिन के गैप में लिया जा सकता है। वहीं, अगर चीट डे की बात हो तो इसमें 50-60 दिनों का गैप करना जरूरी माना जाता है, अन्यथा आपके रिजल्ट डिस्टर्ब होते हैं।
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Image Credit- freepik
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