लस्सी दही से बनने वाला एक ड्रिंक है जिसे गुनगुने दूध में दही (स्ट्रेप्टोकोकस लैक्टिक या लैक्टोबैसिलस बुल्गेरिकस) को हल्का सा मिक्स करके बनाया जाता है और गाढ़ा दही बनाने के लिए इसे 6 से 8 घंटे तक रखा जाता है। फिर इस दही की लस्सी बनाने के लिए ब्लेंडर का इस्तेमाल किया जाता है। यह आमतौर पर एक मीठी लस्सी के रूप में होती है, लेकिन मसाले और पुदीने की पत्तियों के साथ भी इसे बनाया जा सकता है। इसे गर्मियों में बहुत पसंद किया जाता है। यूं तो लस्सी पंजाब का एक देसी ड्रिंक है, लेकिन यह पूरे भारत में फेमस है।
छाछ जिसे कुछ लोग बटरमिल्क के नाम से भी जानते हैं, वह नमकीन होता है और इसमें लस्सी की तुलना में अधिक पानी होता है। लस्सी की तुलना में छाछ कम एसिडिक होती है और इसमें थोड़ा खट्टा स्वाद होता है। अक्सर इसका सेवन काला नमक, जीरा पाउडर या कभी-कभी कटा हुआ धनिया पत्ती डालकर किया जाता है। यह डाइजेशन के लिए अच्छा होता है, यही कारण है कि गुजरात और राजस्थान जैसे कुछ राज्यों में इसे भोजन के साथ परोसा जाता है। हालांकि छाछ और लस्सी दोनों ही हेल्दी ड्रिंक हैं लेकिन ज्यादातर लोगों के मन में यह सवाल होता है कि वेट लॉस के लिए दोनों में से कौन सा ड्रिंक बेहतर है? अगर आपके मन में भी ऐसे ही कुछ सवाल है तो इस आर्टिकल को जरूर पढ़ें, क्योंकि हमें MY22BMI की न्यूट्रिशनिस्ट और फाउंडर Ms. Preety Tyagi इस बारे में बता रही हैं।
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छाछ या लस्सी कौन सा ड्रिंक है बेहतर?
लस्सी की तरह, छाछ प्रोबायोटिक्स से समृद्ध है, जो न केवल आंत के नेचुरल माइक्रोबायोम की भरपाई करके इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करता है, बल्कि लैक्टोज को लैक्टिक एसिड में तोड़ देता है, जिससे पाचन आसान हो जाता है।
दूध और लस्सी के समान, छाछ कैल्शियम, विटामिन बी 12, जिंक और प्रोटीन से भरपूर होता है। विटामिन बी 12 ब्लड ग्लूकोज को एनर्जी में परिवर्तित करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। विटामिन बी 12 की कमी से व्यक्ति कमजोरी, कब्ज और अनिद्रा महसूस कर सकता है। विटामिन बी 12 की कमी से मुकाबला करने के लिए अपनी डाइट में नियमित रूप से छाछ को शामिल करें।
लस्सी और छाछ भी पेट की परत को कोटिंग करके एसिडिटी से छुटकारा पाने में मदद करते हैं, जो एसिड को एसोफैगस तक ऊपर जाने से रोकने में मदद करता है, जिससे हार्टबर्न की भावना कम होती है। दोनों ड्रिंक अल्सर से परेशान लोगों के लिए अच्छे होते हैं और उत्तेजना को कंट्रोल करने में मदद करते हैं।
वेट लॉस में मददगार है छाछ
जो महिलाएं वजन कम करने की कोशिश कर रही हैं, उनके लिए छाछ एक बेहतर विकल्प है। अगर कोई इसे कैलोरी के नजरिए से देखता है, तो छाछ में बटरफैट को हटाया और अधिक पानी को मिलाया जाता है, इसलिए इसमें फैट कम होता है। जबकि लस्सी में, भले ही यह कम फैट वाले दूध से बनी हो और आप इसमें कोई अतिरिक्त दूध या क्रीम न मिलाते हो, लेकिन कुछ फैट हमेशा मौजूद होते हैं।
छाछ में लस्सी की तुलना में लगभग 50% कम कैलोरी होती है, और लगभग 75% कम फैट होता है जिसमें लगभग समान मात्रा में अन्य पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इसलिए वेट लॉस के लिए छाछ, लस्सी के मुकाबले एक अच्छा विकल्प है।
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आयुर्वेदिक के नजरिए से देखा जाए तो छाछ लस्सी की तुलना में लाइट ड्रिंक है और इससे कफ नहीं बढ़ता है। लस्सी गाढ़ी होती है और इसे स्वादिष्ट बनाने के लिए इसमें चीनी, दूध या दूध की क्रीम डाली जाती है। इसे ज्यादातर भोजन के स्थान पर लिया जाता है, कभी-कभी फलों के टुकड़े के साथ।
अब तो आपको समझ में आ गया होगा कि आपके लिए कौन सा ड्रिंक बेहतर है। अगर आपके मन में भी ऐसा ही कोई सवाल है तो हमें फेसबुक पर कमेंट करके जरूर बताएं। डाइट से जुड़ी ऐसी ही जानकारी पाने के लिए हरजिंदगी से जुड़ी रहें।
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