क्या हेल्दी डाइट से ठीक हो सकती है पीसीओडी?

पीसीओडी यानी की पॉलीसिस्टिक ओवरी डिजीज, जिससे पीरियड्स और प्रेग्नेंसी में परेशानी हो सकती है। क्या पीसीओडी को हेल्दी डाइट से मैनेज किया जा सकता है?आइए एक्सपर्ट से इस सवाल का जवाब जानते हैं।

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पॉलीसिस्टिक ओवरी डिजीज यानी की पीसीओडी से आज के वक्त में बहुत सारी लड़कियां और महिलाएं परेशान हैं। यह एक हार्मोनल डिसऑर्डर है। इसकी वजह से महिलाओं के पीरियड्स प्रभावित होते हैं और प्रेग्नेंसी में भी मुश्किलें आ सकती हैं। इसका असर महिलाओं के वजन पर भी पड़ता है। इसके चलते कुछ महिलाओं को अधिक कमजोरी भी महसूस होती है। पीसीओडी में महिलाओं की ओवरी में सिस्ट यानी की छोटी-छोटी गांठे बन जाती हैं। पीरियड्स का असर सिर्फ शरीर पर ही नहीं होता है, बल्कि इमोशनली भी इसका असर देखने को मिलता है।

पीसीओडी से होने वाले हार्मोनल इंबैलेंस की वजह से महिलाएं इमोशनली भी कई चैलेंज फेस करती हैं। पीसीओडी में अपनी डाइट पर ध्यान देना बहुत जरूरी होता है। हेल्दी डाइट और सही लाइफस्टाइल से क्या पीसीओडी को ठीक किया जा सकता है, अगर यह आपका भी सवाल है तो एक्सपर्ट से इसका जवाब जानते हैं। इस बारे में डाइटीशियन राधिका गोयल ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से जानकारी शेयर की है।

हेल्दी डाइट और पीसीओडी

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पीसीओडी को मैनेज करने में हेल्दी डाइट अहम भूमिका निभाती है। इसके लिए आपकी डाइट का बैलेंस होना बहुत जरूरी है। आपकी डाइट में शुगर और कार्ब्स कम होने चाहिए वहीं प्रोटीन और फाइबर की मात्रा अधिक होनी चाहिए। सही डाइट, हार्मोन्स पर पॉजिटिव असर डालती है, इंफ्लेमेशन को कम करती है और पीसीओडी के लक्षणों को सुधारने में मदद करती है। अगर आप लंबे समय तक हेल्दी डाइट को फॉलो करेंगी तो पीसीओडी के लक्षण अपने आप ठीक हो सकते हैं। हालांकि डॉक्टरी सलाह भी जरूरी है।

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कैसी होनी चाहिए डाइट?

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  • अगर आप पीसीओडी से परेशान हैं तो बैलेंस डाइट(चेहरे की खूबसूरती के लिए बैलेंस डाइट) लें। अपनी डाइट में साबुत अनाज, फल, सब्जियां, प्रोटीन और हेल्दी फैट्स को शामिल करें।
  • इन सब चीजों से शरीर को जरूरी न्यूट्रिएंट्स मिलते हैं जिससे हार्मोन्स बैलेंस होते हैं। हेल्दी डाइट से इंसुलिन लेवल सही होता है जो पीसीओडी को मैनेज करने के लिए बहुत जरूरी है।
  • फाइबर से भरपूर फल और सब्जियां खाएं। यह इंसुलिन प्रतिरोध को रिवर्स करने में मदद करती हैं।
  • इसके अलावा नियमित एक्सरसाइज भी जरूरी है साथ ही पोर्शन कंट्रोल का भी ध्यान रखें। पीसीओडी में हेल्दी वेट मेंटेंन करना भी बहुत जरूरी होता है।
  • प्रोसेस्ड फूड्स,अधिक शुगर और ट्रांस फैट्स को अवॉइड करना चाहिए। एंटी-इंफ्लेमेटरी फूड्स जैसे हल्दी, अदरक और ओमेगा-3 फैटी एसिड्स को अपनी डाइट का हिस्सा बनाएं।
  • हाइड्रेशन बहुत जरूरी है, इस बार का ख्याल रखें। पानी सही मात्रा में पिएं। (साइलेंट डिहाइड्रेशन क्या होता है?)
  • पीसीओडी के लक्षणों में सुधार के लिए कुछ नट्स भी अच्छे माने जाते हैं। अपनी डाइट में भीगे हुए बादाम, अखरोट और सूरजमुखी के बीजों को शामिल करें।
  • पीसीओडी का असर भी महिलाओं के शरीर पर अलग-अलग तरीके से होता है। ऐसे में आप किसी हेल्थ एक्सपर्ट से संपर्क कर अपने लिए एक पर्सनलाइज्ड डाइट प्लान भी बनवा सकती हैं।

यहां देखें एक्सपर्ट का पोस्ट

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Image Credit:Freepik

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