आज के समय में खराब लाइफस्टाइल, एक्टिविटी की कमी, डाइट में पोषक तत्वों की कमी आदि के चलते ज्यादातर लड़कियां और महिलाएं पीसीओएस या पीसीओडी से परेशान हैं। जी हां आज की आधुनिक लाइफस्टाइल में 10 में से 1 महिला इससे पीड़ित है। पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम जिसे आमतौर पर पीसीओडी के रूप में जाना जाता है, महिलाओं में एक ऐसी समस्या है जो रिप्रोडक्टिव हार्मोन के असंतुलन के कारण होती है। यह मुख्य रूप से तब होती है जब महिला के शरीर में टेस्टोस्टेरोन (मेल हार्मोन) बढ़ जाता है और एस्ट्रोजन (फीमेल हार्मोन) कम हो जाता है। इसके परिणामस्वरूप अंडे हर महीने ठीक से रिलीज नहीं होते हैं और इससे कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं। पीसीओएस और पीसीओडी उनमें से एक है। लेकिन आपको परेशान होने की जरूरत नहीं क्योंकि अपनी लाइफस्टाइल और डाइट में बदलाव करके आप आसानी से इस समस्या से बच सकती हैं।
जैसा कि हम आपको बता चुके हैं कि यह समस्या हार्मोनल असंतुलन के कारण होती है। खराब लाइफस्टाइल और गलत खान-पान के कारण मुख्य रूप से हार्मोन असंतुलन होता है। इसलिए इस समस्या के बारे में सही जानकारी होना बेहद जरूरी है, तभी आप इसे आसानी से कंट्रोल कर सकती हैं।
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कुछ लक्षणों के साथ इसे डायग्नोज किया जा सकता है जैसे:
अगर आपको इनमें से कोई भी 3 या उससे ज्यादा लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें, ताकि समय पर इसके बारे में जानकारी लेकर इसे कंट्रोल किया जा सकें।
बर्थ कंट्रोल पिल्स इसका सामान्य उपचार है जो डॉक्टर आपको बता सकते हैं। हालांकि यह स्थायी समाधान नहीं है और यह लंबे समय में इससे आपकी हेल्थ और रिप्रोडक्टिव हेल्थ पर असर पड़ सकता है। यह अस्थायी उपचार के रूप में आपको सिर्फ अस्थायी समाधान ही देता है। जब तक आप बर्थ कंट्रोल पिल्स लेते हैं तभी तक आपको पीरियड्स होते हैं इसलिए इसे लेने से बचना चाहिए।
लगभग सभी हेल्थ/ फिटनेस एक्सपर्ट और पोषण विशेषज्ञ इस बात को मानते हैं कि पीसीओडी जैसी लाइफस्टाइल डिजीज का इलाज लाइफस्टाइल में बदलाव और सही तरह के फूड को अपने रूटीन में शामिल करके किया जा सकता है। बैलेंस डाइट और हेल्दी वजन को बनाए रखना समस्या का स्थायी समाधान है। इसलिए वजन को कम करने की कोशिश करें। वजन कम करने के लिए डाइट में कुछ विशेष फूड्स और एक्सरसाइज को शामिल करना बेहद जरूरी होता है। आइए कुछ ऐसे फूड्स के बारे में जानें, जिन्हें आपको अपनी डेली डाइट में शामिल करना चाहिए:
जब हम हेल्दी डाइट की बात करते हैं तो हमारा ध्यान सिर्फ प्रोटीन पर ही होता है और हम फाइबर को अनदेखा कर देते हैं। लेकिन फाइबर भी हमारे लिए उतना ही महत्वपूर्ण है जितना प्रोटीन या अन्य पोषक तत्व। फाइबर को अपनी डाइट में शामिल करने के लिए आपको कुछ सब्जियां जैसे सेम, गाजर, चुकंदर, ब्रोकली, शकरकंद जरूर लेना चाहिए। इसके अलावा सेब, केला, संतरा, स्ट्रॉबेरी जैसे हाई फाइबर फूड को अपनी डाइट में शामिल करें। सेब के छिलके में सबसे अधिक फाइबर होता है, इसलिए रोजाना एक सेब खाना बिल्कुल न भूलें।
पीसीओडी से बचने के लिए अपनी डाइट में कॉम्प्लेक्स कार्ब्स को जरूर शामिल करें। ये न केवल जीवित रहने के लिए शरीर को एनर्जी और ईंधन देते हैं बल्कि स्टैमिना और स्ट्रेंथ बनाए रखने में मदद करते हैं। इस फूड के बारे में क्या आप एक बात और जानती हैं? वो यह कि अधिकांश कॉम्प्लेक्स कार्ब्स में फाइबर भी होता है। इसके लिए अपनी डाइट में होल ग्रेन्स, ब्राउन राइस, क्विनोआ, मक्का, आलू, फलियां, बीन्स आदि जैसे कॉम्प्लेक्स कार्ब्स से भरपूर फूड्स को शामिल करें।
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पीसीओडी की समस्या से बचने के लिए दैनिक प्रोटीन की ज़रूरतों को पूरा करना बेहद जरूरी होता है। आपको इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि आपके शरीर को कितने प्रोटीन की आवश्यकता है? और उसके अनुसार स्रोतों का चयन करें। बहुत सारे प्राकृतिक वेज और नॉन-वेज सोर्स उपलब्ध हैं। नॉन-वेज सोर्स जैसे: अंडा, फिश, चिकन से आपको लीन प्रोटीन मिलेगा, जबकि वेज सोर्स पनीर, टोफू, सोया, बीन्स, ग्राम, मटर या प्लांट प्रोटीन मिलेगा। अगर जरूरत हो तो आप एक्सपर्ट की सलाह से सप्लीमेंट भी ले सकती हैं।
पीसीओडी को कंट्रोल करने के लिए आपको कुछ स्पेशल फूड्स को भी अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए। इन स्पेशल फूड्स में ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर नट्स और बीज जैसे अखरोट, चिया सीड, फ्लैक्स सीड, सूरजमुखी के बीज, बादाम, मूंगफली आदि शामिल हैं।
न्यूट्रिशनिस्ट ममता के बताए इन फूड्स को अपनी डाइट में शामिल करके आप भी पीसीओएस को कंट्रोल में कर सकती हैं। इस तरह की और जानकारी पाने के लिए हरजिंदगी से जुड़ी रहें।
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