हम जब बीमार पड़ते हैं, तो किसी न किसी तरह से शरीर में अलग-अलग बदलाव देखने को मिलते हैं। इसी तरह जब आपको डायबिटीज होता है, तभी भी शरीर में छोटे-छोटे बदलाव नजर आते हैं। डायबिटीज का कारण इंसुलिन होता है, जो आपके ब्लड शुगर को रेगुलेट करता है। हम जब कार्ब्स का सेवन करते हैं, तो डाइजेस्टिव सिस्टम की मदद से यही कार्ब्स ग्लूकोज में टूटते हैं। इनकी मदद से हमारा शरीर एनर्जी बनाने में मदद पाता है।
जब आपको इंसुलिन रेजिस्टेंस की समस्या होती है, जब आपका शरीर इस ग्लूकोज को अब्सॉर्ब नहीं कर पाता है। हालांकि, ऐसा नहीं कि इसे आप मैनेज नहीं कर सकते हैं। अगर आप अपनी डाइट पर ध्यान दें और ऐसे सुपरफूड्स का सेवन करें, जो इंसुलिन रेजिस्टेंस को कम करने में आपकी मदद कर सकते हैं, तो आप एक हेल्दी लाइफ जी सकते हैं।
फंक्शनल हार्मोनल हेल्थ केयर एक्सपर्ट शिखा गुप्ता अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए हेल्थ से जुड़ी जानकारियां और डाइट प्लान शेयर करती हैं। उन्होंने इंसुलिन रेजिस्टेंस के बारे में इंस्टाग्राम में काफी कुछ शेयर किया है। वह एक पोस्ट में लिखती हैं, "आपकी डाइट इंसुलिन रेजिस्टेंस को मैनेज करने में एक बड़ा रोल निभाती है, इसलिए जरूरी है कि आप 5 सुपरफूड्स को आहार में जरूर शामिल करें।" आइए एक्सपर्ट से जानें कि ये 5 सुपरफूड्स कौन-से हैं।
क्या होता है इंसुलिन?
इंसुलिन एक हार्मोन है जो पैनक्रियाज द्वारा प्रोड्यूस किया जाता है। ये खून से मसल के सेल्स, लिवर, और फैट में ग्लूकोज पहुंचाता है। इसके बाद इसे एनर्जी के लिए आगे इस्तेमाल किया जाता है। यह हार्मोन इसलिए जरूरी है, क्योंकि यह आपके ब्लड स्ट्रीम में शुगर को जमा होने से रोकता है।
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दालचीनी
डायबिटीज से पीड़ित लोगों में सेल्स इंसुलिन के प्रति ढंग से रिस्पॉन्ड नहीं करते हैं। दालचीनी एक ऐसा सुपर फूड है, जो ब्लड शुगर को कम करने में आपकी मदद कर सकता है। ये इंसुलिन की सेंसिटिविटी को बढ़ाता है, जिससे यह एफिशिएंट तरीके से काम करता है। दालचीनी में मौजूद कंपाउंड शरीर में सेल्स को ब्लड स्ट्रीम से ग्लूकोज लेने में मदद करता है।
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अखरोट
अखरोट का सेवन करना आपके लिए बेनिफिशियल हो सकता है। यह इंसुलिन रेजिस्टेंस को मैनेज करता है और टाइप-2 डायबिटीज के रिस्क को भी नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। अखरोट का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, इसलिए इसे आहार में शामिल करना चाहिए। हालांकि, ध्यान रखें कि दिन भर में मुट्ठी भर अखरोट का ही सेवन करें।
घी
डायबिटीज से पीड़ित लोगों को घी का सेवन जरूर करना चाहिए। घी में फैटी एसिड्स होते हैं, जो हाई ब्लड ग्लूकोज लेवल को मेटाबॉलाइज करने में मदद करते हैं। खाने में घी मिलाने से इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम हो जाता है, जो बदले में आपके ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है।
फिश
यहां पर जिस फिश की बात हो रही है वो वाइल्ड फिश है, जो नदी और समुद्र में पाई जाती हैं। इनमें ओमेगा-3 फैटी एसिड की अच्छी मात्रा होती है और इनके सेवन से हमारा इंसुलिन रेसिस्टेंस भी नियंत्रित होता है।
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एवोकाडो
अनसैचुरेटेड फैटी एसिड वाली डाइट आपके इंसुलिन सेंसिटिविटी और ब्लड ग्लूकोज रेगुलेशन को बेहतर बनाता है। वहीं एवोकाडो, जो हेल्दी अनसैचुरेटेड फैटी एसिड से भरपूर होते हैं, आपके इंसुलिन कंसंट्रेशन को बेहतर कर सकते हैं। आप ब्रेकफास्ट में एवोकाडो का सेवन कर सकते हैं। इसका नियमित सेवन कोलेस्ट्रॉल के लेवल को भी मैनेज कर सकता है।
अगर आप इंसुलिन रेजिस्टेंस को नियंत्रित करना चाहते हैं, तो अब इन सुपर फूड्स का सेवन करना न भूलें। हालांकि, यह भी ध्यान रखें कि नई डाइट प्लान करने से पहले अपने डॉक्टर से संपर्क करें। हमें उम्मीद है यह लेख आपको पसंद आया होगा। इसे लाइक और शेयर करें और ऐसे ही आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी।
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