महिलाएं जल्‍दी बूढ़ी नहीं दिखेंगी , 35 की उम्र के बाद खाएं ये 3 फूड्स

जब महिलाएं 35 वर्ष की उम्र के पार पहुंचती हैं, तब उनके शरीर में कई जरूरी बदलाव आने लगते हैं। इस उम्र में हार्मोनल बदलाव के कारण कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में बैलेंस डाइट और जरूरी न्‍यूट्रिएंट्स को शामिल करना जरूरी हो जाता है। 
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जैसे-जैसे महिलाएं 35 वर्ष की उम्र के पार पहुंचती हैं, वैसे-वैसे शरीर के अंगों के कामकाज की रफ्तार धीमी होने लगती है और बुढ़ापे का असर नजर आने लगता है। लाइफ की इस स्‍टेज में उन्‍हें कई तरह के हार्मोनल बदलावों से गुजरना पडता है और हार्ट डिजीज, डायबिटीज, कैंसर, ओस्टोपोरिसिस, एनीमिया और थायराइड जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ने लगता है।

अगर 35 की उम्र के बाद आप भी खाने-पीने का ध्यान नहीं रखेंगी, तो शरीर समय से पहले कमजोर और बूढ़ा होने लग जाएगा। इसलिए, 35 की उम्र के बाद महिलाओं के लिए अपनी हेल्‍थ को बनाए रखने के लिए न्‍यूट्रिएंट्स संबंधी जरूरतों को पूरा और बैलेंड डाइट पर ध्‍यान देना जरूरी हो जाता है। प्रोटीन, विटामिन, फाइबर, कैल्शियम, मैग्नीशियम और आयरन जैसे न्‍यूट्रिएंट्स से भरपूर डाइट लेने से एनर्जी लेवल को बनाए रखने, इम्यूनिटी को बढ़ाने, हड्डियों को मजबूत बनाने और त्‍वचा की हेल्‍थ को बढ़ावा देने में मदद मिलती है।

आज हम आपको 3 ऐसे विशेष सुपरफूड्स के बारे में बताएंगे, जिसे डेली डाइट में शामिल करके महिलाएं अपनी हेल्‍थ को बेहतर बना सकती हैं और बुढ़ापे के प्रभावों को कम कर सकती हैं। इनके बारे हमें डाइटिशियन सिमरन सैनी बता रही हैं।

रागी

Ragi millet for 35 year old women

आजकल ज्‍यादातर महिलाएं ऑस्टियोपोरोसिस से परेशान हैं। इसमें हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। इस समस्‍या से बचने के लिए डाइट में रागी को शामिल करें। ऐसा इसलिए, क्‍योंकि रागी में भरपूर मात्रा में कैल्शियम होता है। यह हड्डियों की सेहत के लिए बहुत अच्‍छा होता है।

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रागी में मौजूद न्‍यूट्रिएंट्स

  • यह कैल्शियम स्रोतों में से एक है, जो हड्डियों की हेल्‍थ के लिए जरूरी है।
  • इसमें फाइबर मौजूद होता है, जो डाइजेशन में मदद करता है और वेट लॉस में मदद करता है।
  • रागी ग्‍लूटेन फ्री होती है, इसलिए यह सीलियक रोग से परेशान महिलाओं के लिए एक बेहतरीन विकल्प है।
  • इसमें एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो ऑक्सीडेटिव स्‍ट्रेस और सूजन से लड़ने में मदद करते हैं।

रागी के स्‍वास्‍थ्‍य लाभ

  • कैल्शियम और विटामिन-डी के कारण रागी हड्डियों की घनत्व को बढ़ाने में मदद करती है।
  • रागी में फाइबर भरपूर होता है, जो आपको लंबे समय तक तृप्त रखता है और ज्‍यादा खाने से रोकता है।
  • इसका लो ग्‍लाइसेमिक इंडेक्‍स इसे डायबिटीज रोगियों के लिए उपयुक्त बनाता है, जिससे ब्‍लड शुगर लेवल को मैनेज किया जा सकता है।
  • रागी में मौजूद न्‍यूट्रिएंट्स कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करते हैं।

रागी खाने का तरीका

  • आप रागी का दलिया बनाकर खा सकती हैं।
  • इसका इस्‍तेमाल रोटी, पैनकेक और डोसा के रूप में कर सकती हैं।
  • रागी का आटा ब्रेड और कुकीज़ बनाने में इस्तेमाल किया जा सकता है।

मेथीदाना

Fenugreek seeds for women health

मेथीदाना एक ऐसा मसाला है, जो न सिर्फ खाने का स्‍वाद बढ़ाता है, बल्कि औषधीय गुणों से भरपूर होने के कारण स्‍वास्‍थ्‍य के लिए भी कई तरह से फायदेमंद होता है। इसके बीज हार्मोन्‍स को बैलेंस करते हैं, ब्‍लड शुगर लेवल को ठीक करते हैं औरप्रीमेनोपॉजल के लक्षणों को कंट्रोल करते हैं।

मेथीदाना में मौजूद न्‍यूट्रिएंट्स

  • इन बीजों में फाइबर बहुत ज्‍यादा होता है, जो डाइजेशन में मदद करता है और पेट साफ रखता है।
  • यह आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम और विटामिन B6 का अच्छा स्रोत है।

मेथीदाना के स्‍वास्‍थ्‍य लाभ

  • मेथीदाना से ब्‍लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है, जो डायबिटीज रोगियों के लिए फायदेमंद होता है।
  • यह बैड कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करता है, जिससे हार्ट हेल्‍थ बेहतर होती है।
  • मेथीदाना खाने से तृप्ति का अनुभव होता है, जिससे वजन कंट्रोल में रहता है।
  • यह महिलाओं के हार्मोन्‍स को बैलेंस करता है।

मेथीदाना खाने का तरीका

  • मेथीदाना का इस्‍तेमाल सब्जियों और कढ़ी में स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है।
  • इसे अचार, रोटी, पराठा और दालों में मिलाया जाता है।
  • मेथीदाना का पाउडर भी विभिन्न व्यंजनों में इस्तेमाल किया जाता है।
  • मेथीदाना को रात-भर पानी में भिगोकर सुबह खाने से डाइजेशन में मदद मिलती है।

काले तिल

. Black sesame seeds for women health

ये बीज माइक्रोन्‍यूट्रिएंट्स का पावरहाउस है। इसमें कैल्शियम , मैग्‍नीशियम, जिंक, आयरन जैसे न्‍यूट्रिएंट्स होते हैं जो हार्मोन्‍स को बैलेंस, हड्डियों की हेल्‍थ में सुधार और अच्‍छी नींद लाने में मदद करता है।

काले तिल में मौजूद न्‍यूट्रिएंट्स

  • काले तिल में कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस और आयरन जैसे जरूरी मिनरल्स होते हैं।
  • इनमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स शरीर में फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करते हैं।

काले तिल के स्‍वास्‍थ्‍य लाभ

  • काले तिल कैल्शियम का अच्छा स्रोत है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।
  • इनमें ओमेगा-3 फैटी एसिड होते हैं, जो त्वचा को नमी देते हैं और बालों को हेल्‍दी बनाते हैं।
  • काले तिल से ब्‍लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है और दिल संबंधी बीमारियों का खतरा कम करता है।
  • फाइबर की हाई के कारण, ये पाचन तंत्र को सुधारते हैं और कब्ज की समस्या को दूर करते हैं।

काले तिल खाने का तरीका

  • काले तिल को सलाद, रोटी और चटनी में मिलाकर इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • काले तिल से तैयार तेल का इस्‍तेमाल भी खाना पकाने में किया जाता है।
  • तिल के लड्डू बनाकर भी आप खा सकती हैं।
  • काले तिल को भिगोकर खा सकती हैं।
  • इन्हें पाउडर बनाकर स्‍मूदी या दही में मिलाया जा सकता है।

35 से ज्‍यादा उम्र की महिलाएं के हेल्‍थ के लिए ये तीनों चीजें फायदेमंद हो सकती हैं। इसे अपने डाइट में शामिल करने से न सिर्फ हेल्‍थ में सुधार होता है, बल्कि यह कई बीमारियों से भी बचाता है। अगर आपको हेल्‍थ से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।

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Image Credit: Shutterstock & Freepik

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