यूटेरिन फाइब्रॉइड्स (Uterine Fibroids) महिलाओं में होने वाली एक आम समस्या है, जिसमें यूट्रस की दीवारों में गांठें या ट्यूमर बनने लगते हैं। ये गांठें आमतौर पर नॉन कैंसरस होती हैं, लेकिन दर्द, हैवी ब्लीडिंग, ब्लैडर और आंतों पर प्रेशर और प्रेग्नेंसी में परेशानी का कारण बन सकती हैं। फाइब्रॉइड्स के कारण महिलाओं के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असरपड़ता है। इसलिए, इस पर काबू पाने के लिए सही डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव के अलावा, दवाइयां भी जरूरी होती हैं।
हालांकि, फाइब्रॉइड्स का इलाज पूरी तरह से संभव नहीं है, लेकिन सही डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव से इस कंडीशन को कंट्रोल और इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है। कुछ चीजें खाने से फाइब्रॉइड्स के लक्षण बढ़ सकते हैं, जबकि अन्य से इन लक्षणों को कम किया जा सकता है।
इस आर्टिकल में हम उन फूड्स के बारे में बताएंगे, जिन्हें महिलाओं को फाइब्रॉइड्स की समस्या होने पर खाने से बचना चाहिए। इनमें विशेष रूप से ऐसी चीजें शामिल हैं, जो एस्ट्रोजन लेवल और सूजन को बढ़ा सकते हैं। साथ ही, हार्मोनल असंतुलन का कारण बनते हैं।
रेड मीट (Red meat)
रेड मीट (जैसे बीफ, मटन और पोर्क) में सैचुरेटेड फैट ज्यादा होता है, जो सेहत को नुकसान पहुंचाता है। सैचुरेटेड फैट शरीर में सूजन और एस्ट्रोजन के लेवल को भी बढ़ता है। साथ ही, हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकता है। एस्ट्रोजन के हाई लेवल से फाइब्रोइड्स की ग्रोथ होती है।
रेड मीट ज्यादा लेने से दिल की बीमारी, डायबिटीज और कैंसर जैसी गंभीर समस्याओं का खतरा भी बढ़ सकता है। खासकर, अगर किसी महिला को पहले से ही फाइब्रॉइड्स की समस्या हो, तो उसे रेड मीट कम खाना चाहिए।
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प्रोसेस्ड फूड्स (Processed foods)
प्रोसेस्ड फूड्स जैसे बर्गर, फ्राइज, चिप्स और पिज्जा में एडिटिव्स और प्रिजर्वेटिव्स होते हैं। साथ ही, इनमें सोडियम, शक्कर और सैचुरेटेड फैट ज्यादा होते हैं, जो शरीर में सूजन और हार्मोनल असंतुलन का कारण बनते हैं। इससे फाइब्रॉइड्स के लक्षण बढ़ते हैं।
सूजन से शरीर के विभिन्न अंगों में समस्याएं होने लगती हैं और फाइब्रॉइड्स का आकार बढ़ता है। इसके अलावा, प्रोसेस्ड फूड्स में ज्यादा सोडियम भी होता है, जो शरीर में पानी का इकट्ठा करता है और सूजन को बढ़ाता है।
हाई फैट डेयरी प्रोडक्ट (High-fat dairy products)
हाई फैट डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे पनीर, मक्खन और क्रीम से एस्ट्रोजन बढ़ने लगता है। एस्ट्रोजन लेवल बढ़ने से फाइब्रॉइड्स का आकार बढ़ सकता है। इसलिए, आप लो-फैट डेयरी प्रोडक्ट्स लें। यह हार्मोनल असंतुलन से बचाने में मदद करते हैं।
रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट्स (Refined carbohydrates)
रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट्स जैसे सफेद ब्रेड, बेकरी आइटम्स और चिप्स में शक्कर और कार्बोहाइड्रेट्स ज्यादा होते हैं, जो शरीर में इंसुलिन रेजिस्टेंस को बढ़ाते हैं। इंसुलिन रेजिस्टेंस की समस्या तब होती है, जब शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति प्रतिक्रिया नहीं करती हैं। इससे ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। इस कंडीशन से हार्मोनल असंतुलन हो सकता है, जो विशेष रूप से एस्ट्रोजन के लेवल को प्रभावित करता है।
एस्ट्रोजन का हाई लेवल फाइब्रॉइड्स को बढ़ाता है। इसके अलावा, रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट्स शरीर में सूजन को भी बढ़ाते हैं। इससे पेट में दर्द, हैवी ब्लीडिंग और ऐंठन जैसे फाइब्रॉइड्स के लक्षण ज्यादा गंभीर हो जाते हैं। रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट्स के सेवन से मोटापा भी बढ़ सकता है, जो हार्मोनल असंतुलन और सूजन को ज्यादा बढ़ाता है।
कैफीन (Caffeine)
कैफीन, (कॉफी और चाय) महिला हार्मोनल स्वास्थ्य को प्रभावित करती है। कैफीन के ज्यादा सेवन से हैवी ब्लीडिंग और ऐंठन जैसी समस्याएं बढ़ने लगती हैं। यह फाइब्रॉइड्स के लक्षणों को ज्यादा गंभीर कर सकती है।
अल्कोहल (Alcohol)
अल्कोहल लेने से एस्ट्रोजन का लेवल बढ़ जाता है, जिससे फाइब्रॉइड्स बढ़ने लगते हैं। ज्यादा अल्कोहल लेने से हार्मोनल असंतुलन बढ़ता है और यह महिलाओं के स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है।
चीनी से भरपूर फूड्स (Foods high in added sugars)
चीनी से भरपूर फूड्स जैसे कोल्ड ड्रिंक्स, कैन्ड फूड्स और मिठाइयां शरीर में सूजन बढ़ाते हैं और हार्मोनल असंतुलन का कारण बनते हैं। यह फाइब्रॉइड्स की ग्रोथ में योगदान करते हैं और उनके लक्षणों को खराब करते हैं।
सोया प्रोडक्ट्स (Soy products)
सोया प्रोडक्ट्स में फाइटोएस्ट्रोजेन्स (phytoestrogens) होते हैं, जो शरीर में एस्ट्रोजन की तरह काम करते हैं। ज्यादा सोया प्रोडक्टस खाने से हार्मोनल असंतुलन होने लगता है, जो फाइब्रॉइड्स के लक्षणों को बढ़ाता है। हालांकि, इन प्रोडक्ट्स को खाने से कुछ महिलाओं को कोई समस्या नहीं होती है, लेकिन फाइब्रॉइड्स से परेशान महिलाओं को इनका सेवन कम करना चाहिए।
नमक (Salt)
ज्यादा नमक खाने से शरीर में पानी की कमी और सूजन की समस्या हो सकती है। यह डाइजेस्टिव सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है और शरीर में ज्यादा लिक्विड जमा करता है, जिससे फाइब्रॉइड्स से संबंधित लक्षण बढ़ने लगते हैं।
आर्टिफिशियल स्वीटनर (Artificial sweeteners)
आर्टिफिशियल स्वीटनर जैसे सुक्रालोज और एस्पार्टेम हार्मोनल संतुलन में बाधा उत्पन्न करते हैं और सूजन को बढ़ाते हैं। ये चीजें शरीर केइंफ्लेमेटरी रिस्पॉन्स को बढ़ा सकते हैं, जो फाइब्रॉइड्स के लक्षणों को ज्यादा खराब कर सकते हैं।
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ये फूड्स यूटेरिन फाइब्रॉइड्स के लक्षणों को बढ़ा सकते हैं। इनसे बचना फाइब्रॉइड्स से राहत पाने और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है। यदि आप फाइब्रॉइड्स से जूझ रहे हैं, तो आपको अपनी डाइट में बदलाव करने की जरूरत है। सही डाइट और लाइफस्टाइल से आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं और इस समस्या को कंट्रोल कर सकते हैं।
Image Credit: Shutterstock & Freepik
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