History Of Thandai: होली पर ठंडाई क्यों बनाई जाती हैं? जानें इससे जुड़ा इतिहास

Importance Of Thandai On Holi:होली पर आप सभी के घर में ठंडाई जरूर बनती होगी, लेकिन क्या कभी आपने सोचा है आखिर होली पर ठंडाई क्यों बनाई जाती है? आखिर इसके पीछे क्या वजह है। अगर आप नहीं जानते तो आज हम आपको ठंडाई से जुड़ा रोचक इतिहास बताने जा रहे हैं।  
Significance of Thandai

हर साल फाल्गुन महीने की पूर्णिमा तिथि को होली का त्योहार मनाया जाता है। इस साल यह पर्व 14 मार्च, 2025 दिन शुक्रवार को मनाया जा रहा है। रंगों का यह त्योहार उमंग और उत्साह का प्रतीक होता है। हिंदू धर्म के प्रमुख फेस्टिवल्स में से एक है। इस दिन हर कोई एक-दूसरे के गाल पर अबीर-गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं देते हैं। यह फेस्टिवल दो दिनों तक मनाया जाता है। पहले दिन होलिका दहन होता और उसके अगले दिन होली खेली जाती है। इस दिन घरों में तरह-तरह के तीखे-मीठे पकवान बनाए जाते हैं। जिनमें गुजिया और ठंडाई सबसे प्रमुख होता है। इनको होली पर विशेष रूप से बनाया जाता है। ऐसे में अधिकतर घरों होली पर ठंडाई जरूर बनाई जाती है। कुछ जगहों पर भांग की ठंडाई का भी प्रचलन है। कहा जाता है ठंडाई के बिना होली का मजा अधूरा लगता है।

दूध, बादाम, सौंफ, काली मिर्च, इलायची और केसर जैसी ठंडी तासीर वाली सामग्रियों से बनी यह पारंपरिक ड्रिंक न सिर्फ स्वाद में लाजवाब होती है, बल्कि शरीर को ठंडक भी पहुंचाती है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है आखिर होली पर ही ठंडाई क्यों बनाई जाती है। इसके पीछे आखिर क्या वजह है। अगर आप नहीं जानते तो आज हम आपको इस आर्टिकल में ठंडाई पीने की परंपरा कैसे शुरू हुई और इसके पीछे क्या ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व क्या है इसके बारे में बताने जा रहे हैं।

होली पर ठंडाई बनाने का महत्व?

how to make thandai

मान्यता अनुसार ठंडाई का संबंध प्राचीन भारतीय परंपराओं और आयुर्वेद से जुड़ा है। यह पेय न केवल शरीर को ऊर्जावान बनाए रखता है, बल्कि पाचन में भी मदद करता है। ठंडाई पीने का चलन सदियों से चला आ रहा है। कुछ मान्यतानुसार ठंडाई का संबंध 1000 ईसा पूर्व से बताया जाता है। बताया जाता है ठंडाई मुगल काल में भी राजाओं और नवाबों के दरबार में भी मेहमानों के सामने परोसी जाती थी। इसके अलावा बदलते मौसम में बढ़ती बीमारियों से बचाव के लिए भी इसका सेवन करना अच्छा माना जाता है। ठंडाई बनाने में इस्तेमाल की जाने वाली चीजें शरीर को काफी लाभ पहुंचाती हैं। ऐसे में होली पर इसको बनाए जाने का महत्व है।

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ठंडाई बनाने का धार्मिक महत्व

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इसके साथ ही मान्यता अनुसार होली पर ठंडाई बनने के पीछे भगवान शिव से जुडी एक कहानी प्रचलित है। एक कथा के अनुसार महाशिवरात्रि पर भगवान शिव माता पार्वती से ब्याह करने के बाद वैराग्य जीवन को त्यागकर गृहस्थ जीवन की ओर अग्रसर हुए थे। ऐसे में इस जश्न की खुशी में भांग की ठंडाई का वितरण हुआ था। तभी से ठंडाई पीने का रिवाज है। दूसरी मान्यतानुसार भगवान शिव और विष्णु के बीच गहरी दोस्ती थी और होली पर हिरण्यकश्यप के संहार करने के लिए विष्णु भगवान ने नरसिंह अवतार धारण किया था। ऐसे में संहार के बाद विष्णु भगवान काफी क्रोध में आ गए थे। ऐसे में उनके इस क्रोध को शांत करने के लिए शिव जी ने शरभ अवतार लिया था। उसके बाद से भी होली पर ठंडाई का चलन शुरू हुआ।

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Image Credit: Freepik/META AI

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