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why do fruits heave stickers on them

फलों के ऊपर आखिर क्यों लगाए जाते हैं स्टीकर? इन कोड का जानें क्या है मतलब

फलों पर स्टीकर लगाने से यह पता चलता है कि यह कैसे पैदा हुआ और इसके लिए किस तरह की खाद का इस्तेमाल किया गया है। फलों पर लगे छोटे स्टीकर सिर्फ ब्रांडिंग नहीं, बल्कि महत्वपूर्ण जानकारी देते हैं। इन पर PLU कोड होते हैं, जो बताते हैं कि फल जैविक, आनुवंशिक रूप से संशोधित या पारंपरिक तरीकों से उगाए गए हैं। इन कोड्स को समझना आपको बेहतर और स्वस्थ विकल्प चुनने में मदद करता है, जिससे आप एक जागरूक उपभोक्ता बन सकें।
Editorial
Updated:- 2025-07-02, 20:05 IST

आप जब भी सुपरमार्केट या किसी फल की दुकान पर फल खरीदने जाते होंगे, तो आपने अक्सर देखा होगा कि सेब, केले, संतरे या अन्य फलों के ऊपर छोटे-छोटे स्टीकर लगे होते हैं। कई लोग इन स्टिकरों को महज ब्रांडिंग या कीमत का टैग समझकर अनदेखा कर देते हैं या बस निकालकर फेंक देते हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि ये छोटे से स्टीकर सिर्फ दिखावे के लिए नहीं होते, बल्कि इनमें फलों से जुड़ी कुछ अत्यंत महत्वपूर्ण जानकारी छिपी होती है? इन स्टिकरों पर कुछ कोड लिखे होते हैं, जो उपभोक्ता को यह बताते हैं कि फल कैसे उगाए गए हैं। वे जैविक हैं, आनुवंशिक रूप से संशोधित हैं या पारंपरिक तरीकों से कीटनाशकों का उपयोग करके उगाए गए हैं, आदि चीजों की जानकारी इस स्टीकर से मिलती है। इन कोड्स का सही मतलब जानकर आपको अपनी सेहत और पर्यावरण के लिए बेहतर विकल्प चुनने में मदद कर सकती है। अगर आप भी अब तक इन स्टिकरों के रहस्य से अनजान थीं, तो यह लेख आपको बताएगा कि फलों पर ये स्टीकर क्यों लगाए जाते हैं और इन पर लिखे कोड्स का क्या अर्थ होता है। तो चलिए आज हम आपको इसी के बारे में विस्तार से बताते हैं। 

फलों पर स्टीकर क्यों लगे होते हैं?

स्टिकर का मुख्य उद्देश्य फलों के ग्रेड और कोड बताना होता है। इसका मतलब है कि फल कहां पैदा हुआ, जैविक रूप से पैदा हुआ या रासायनिक प्रयोग से आदि सभी चीजों के बारे में फलों पर लगा स्टिकर ही बताता है। दरअसल, फलों पर एक पीएलयू कोड(Price look-up code) चिपका होता है, जो फलों की गुणवत्ता को दर्शाता है। पीएलयू कोड में एक विशेष अंक से कोड की शुरुआत होती है, जिनके अलग-अलग मतलब होते हैं। 

जैविक रूप से उगाए फलों में ऐसे स्टिकर

fruit code starting with

कुछ फलों में पांच अंकों की संख्या वाले स्टीकर लगे होते हैं और उनका कोड 9 अंक से शुरू होता है। उदाहरण के लिए अगर आपको कभी स्टिकर पर 93435 लिखा दिखे, तो इसका अर्थ है कि ये फल जैविक रूप से उगाए गए हैं। ये फल भले ही थोड़े कीमती हो सकते हैं, लेकिन सेहत के लिए अच्छे होते हैं।

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गैर-ऑर्गेनिक फलों के लिए होता है यह कोड

कुछ फलों के स्टीकर पर आपको पांच अंकों की संख्या वाले कोड दिखेंगे, जो 8 अंक से शुरू होता है। उदाहरण के तौर पर जिन फलों के स्टीकर पर 84131 लिखा होता है, उन्हें अनुवांशिक संशोधन किया हुआ होता है। इस तरह के फल गैर-ऑर्गेनिक फल की कैटेगरी में  आते हैं।

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कीटनाशक और रसायनों से तैयार फलों की पहचान

कुछ फलों में चार अंको की संख्या वाले स्टीकर लगे होते हैं। इन स्टीकर पर 4026 जैसा कोई कोड लिखा होता है। इसका मतलब है कि इस तरह के फल कीटनाशक और रसायनों का इस्तेमाल करके उगाए गए हैं। ये फल ऑर्गेनिक फलों की तुलना में काफी सस्ते होते हैं।

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Image credit- Herzindagi, Jagran

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FAQ
सेब पर स्टीकर क्यों लगाया जाता है?
कई बार फलों के स्‍टीकर्स में पांच डिजिट के कोड होते हैं और नंबर 9 से शुरू होते हैं। इस स्टीकर का मतलब है कि इस फल को जैविक रूप से उगाई गई है। इनमें किसी तरह के पेस्टीसाइड्स का यूज नहीं किया गया है।
एक सेब पर 4173 का क्या मतलब है?
4173 कोड यह बताता है कि इस सेब को पारंपरिक रूप से उगाया गया था। इसके उत्पादन में कीटनाशकों और रसायनों का उपयोग किया गया था।
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