एल्युमीनियम के बर्तनों में नहीं पकानी चाहिए ये 5 चीज़ें

अगर आप भी एल्युमीनियम के बर्तनों का इस्तेमाल करती हैं तो बेहतर होगा कि आप उसके बारे में कुछ बातें जान लें। 

how to use aluminium cookware

एल्युमीनियम के बर्तनों का इस्तेमाल शायद हर घर में होता है और सस्ते होने के कारण कई घरों में एल्युमीनियम की कढ़ाई और भगोनी भी इस्तेमाल की जाती है। एक तरह से देखा जाए तो कोई भी किचन एल्युमीनियम के बर्तनों के बिना अधूरा सा लगता है। ये सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि लगभग हर देश में है। Cookware Manufacturers Association के मुताबिक अमेरिका में भी 60% कुकवेयर एल्युमीनियम का होता है।

क्योंकि ये हीट का अच्छा कंडक्टर होता है इसलिए इसमें तेज़ी से खाना बनाया जा सकता है। अगर इस तरह से देखा जाए तो पूरी दुनिया के किचन में एल्युमीनियम से जुड़े बर्तन मिल जाएंगे, लेकिन क्या ये खाना पकाने के लिए अच्छे साबित हो सकते हैं?

एल्युमीनियम अगर शरीर में ज्यादा हो जाए तो ये नुकसानदेह मेटल साबित हो सकता है ऐसे में ये अच्छा है या नहीं है इसे लेकर अधिकतर डिबेट होती रहती है। शायद आपको ये पता ना हो, लेकिन नॉन-स्टिक कुकवेयर भी एल्युमीनियम के बर्तनों से ही बनते हैं जिनमें नॉन स्टिक कोटिंग की जाती है।

एल्युमीनियम के बर्तनों के साथ समस्या क्या है?

एल्युमीनियम के बर्तन एसिडिक फूड्स के साथ रिएक्ट करते हैं और ये मेटल के कण खाने में मिल जाते हैं। इसलिए एल्युमीनियम की मात्रा शरीर में बढ़ जाती है। हालांकि, कई रिसर्च इस विषय में की गई हैं और वो कहती हैं कि ये कण आसानी से ह्यूमन वेस्ट के तौर पर पेट के जरिए निकल जाते हैं। इसीलिए एल्युमीनियम फॉइल का भी इस्तेमाल होता है।

हालांकि, कुछ मेडिकल कंडीशन वाले लोगों के लिए ये नुकसानदेह साबित हो सकता है। आपको एक बार अपनी हेल्थ कंडीशन के हिसाब से डॉक्टर से सलाह जरूर ले लेनी चाहिए।

aluminium and cookware issues

क्या नहीं पकाना चाहिए एल्युमीनियम में?

जिस तरह से लोहे की कढ़ाई में कुछ ऐसी डिशेज होती हैं जिन्हें नहीं पकाना चाहिए जैसे दूध की डिशेज। ऐसे ही एल्युमीनियम के बर्तनों में भी कुछ चीज़ों को नहीं पकाना चाहिए।

1. टमाटर की ग्रेवी या सॉस-

ऐसा इसलिए क्योंकि टमाटर एसिडिक नेचर का होता है और अगर एल्युमीनियम में इसे ज्यादा देर पकाया जाए तो इसके स्वाद पर असर होता है। साथ ही एसिडिक होने के कारण ये एल्युमीनियम से रिएक्ट करता है और एल्युमीनियम आयोन्स टमाटर की डिशेज में आ जाते हैं।

2. सिरका और उससे जुड़ी डिशेज-

Cooksillustrated की एक रिसर्च कहती है कि सिरका भी एल्युमीनियम से बहुत ज्यादा रिएक्ट करता है। सिरका और उससे जुड़ी डिशेज एल्युमीनियम में रखना सही नहीं माना जाता है। इसलिए अचार भी एल्युमीनियम में नहीं बल्कि कांच के या चीनी मिट्टी के बर्तनों में रखा जाता है।

aluminum and cookwares

3. सिट्रस फूड्स-

अगर आपको लेमन कर्ड या लेमन राइज बनाना है तो बेहतर होगा कि आप एल्युमीनियम में ना बनाएं। सिट्रस फूड्स हमेशा परेशान कर सकते हैं। यहां भी कारण वही है कि सिट्रस फूड्स एसिडिक होते हैं और ये एल्युमीनियम के साथ रिएक्ट कर सकते हैं।

हालांकि, इसके असर को लेकर कई रिपोर्ट्स कहती हैं कि ये बहुत ज्यादा खतरनाक नहीं होता है, लेकिन फिर भी इसे अच्छा नहीं माना जाता है।

इसे जरूर पढ़ें- अपनी लोहे की कढ़ाई की ऐसे करें सफाई और मेंटेनेंस

कैसे सही तरह से इस्तेमाल किए जाएं एल्युमीनियम के बर्तन?

एल्युमीनियम के बर्तनों में क्या नहीं इस्तेमाल किया जाए इसके बारे में तो हम जान चुके हैं, लेकिन उन्हें ठीक तरह से इस्तेमाल कैसे किया जाए ये भी जान लीजिए।

  • अगर आप एल्युमीनियम के बर्तनों में खाना बना रहे हैं तो उसी में बहुत देर तक स्टोर करके ना रखें।
  • बहुत ज्यादा पुराने मेटल के बर्तनों का इस्तेमाल ना करें जैसे कॉपर, आयरन, एल्युमीनियम।
  • अगर आप निकल (nickel) प्लेटेड कुकवेयर का इस्तेमाल कर रहे हैं तो ध्यान रखें कि कई लोगों को इस मेटल से एलर्जी होती है। ये सेम एलर्जी है जो आर्टिफिशियल ज्वेलरी से होती है। ऐसे में आप अपनी एलर्जी के बारे में जानने के बाद ही इन बर्तनों का इस्तेमाल करें।
  • बहुत ज्यादा एसिडिक खाने को लोहे या एल्युमीनियम के बर्तनों में मत स्टोर करें। इसके लिए कांच के बर्तन सबसे बेस्ट होंगे।
  • माइक्रोवेव में इनमें से कोई भी बर्तन इस्तेमाल ना करें।

ये सारी चीज़ें ध्यान रखें और अपने एल्युमीनियम के बर्तनों को एसिडिक फूड्स से दूर रखें। बाकी तरह का खाना इसमें बनाना इतना नुकसानदायक नहीं होता है। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।

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