भारत में राजस्थान को वहां की संस्कृति, इतिहास और खान-पान के लिए पहचाना जाता है। इसके साथ ही यहां का हर शहर और कस्बा किलों, महलों और हवेलियों से पटा हुआ है। इन्हीं शहरों में से एक है जोधपुर। यह जगह अपन इतिहास की वजह से तो जानी ही जाती हैं साथ ही यहां पर काफी खूबसूरत पैलेस और किले भी हैं। इन्हीं में से एक है उम्मेद भवन पैलेस। जी हां, हम उसी उम्मेद भवन पैलेस की बात कर रहे हैं जहां 1 और 2 दिसंबर को बॉलीवुड एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा की शादी का जश्न मनाया गया था। हाल ही में इस पैलेस को फेवरेट डेस्टीनेशन वेडिंग होटल 2018 का अवॉर्ड दिया गया है। यह अवॉर्ड पैलेस को conde nast traveller india readers द्वारा दिया गया है। यह अवॉर्ड पैलेसे को दुनिया का सबसे मशहूर डेस्टिनेशन वेडिंग होटल होने के लिए दिया गया है। चलिए हम आपको इसकी खासियत के बारे में बताते हैं।
उम्मेद भवन पैलेस क्यों है खास
जिस तरह आगरा का ताज महल पूरे विश्व में मशहूर हैं उसी तरह जोधपुर का उम्मेद भवन पैलेस भी वर्ल्ड लेवल पर मशहूर है। यह विश्व के निली महलों में छठे नंबर पर सबसे बड़ा महल है। जोधपुर के महाराजा उम्मेदसिंह के नाम पर इस महल का नाम रखा गया है और यह नाम उनके पौत्र गजसिंह ने दिया था। वर्तमान समय में गजसिंह ही इस महल के मालिक हैं। आपको बता दें की यह पैलेस छीतर हिल्स पर बना है इसलिए इसे छीतर पैलेस के नाम से भी जाना जाता है।
3000 लोगों ने मिल कर बनाया था यह भवन
प्रियंका चोपड़ा अपने बॉयफ्रेंड निक जोनस से जोधपुर के जिस उम्मेद भवन में शादी करने जा रही हैं उस महल की नींव सन् 1929 में रखी गई थी और उसे बनाने में 3000 लोग लगे थे। तत्कालीन महाराजा उम्मेद सिंह ने इस महल को आर्किटेक्ट हैनरी वॉन लेन्चेस्ट से बनवाया था। अगर इस महल को गौर से देखा जाए तो यह पश्चिम और भारतीय वास्तुकला का एक शानदार नमूना है। इस महल को सुनहरे पीले बलुआ पत्थर से बनाया गया है। इसमें मकराना संगमरमर का भी इस्तेमाल किया गया है।
जोधपुर में घूमने लायक जगह
उम्मेद भवन पैलेस जोधपुर शहर की शान हैं लेकिन इसके साथ ही और भी जगहें ऐसी हैं जो जोधपुर की शान को बढ़ाती हैं।
जसवंत थाड़ा : सफेद दूधिया पत्थर से बने जसवंत थाड़ा को राजस्थान का ताजमहल कहा जाता है। यहां सुंदर गुंबद दिनभर सूरज की रोशनी में चमचमाते रहते हैं। भीड़ भरे जोधपुर शहर की गलियों से दूर यह एकांत स्थान आपको काफी पसंद आएगा।
कायलाना झील : कायलाना झील इस शहर की खूबसूरती को और बढ़ा देती है। यह झील शहर के केन्द्र से 10 किलोमीटर पश्चिम में स्थित है। इस झील का निर्माण सन 1872 में प्रताप सिंह ने करवाया था। जोधपुर आने वाले टूरिस्ट्स इस झील को देखने जरूर जाते हैं।
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मंडोर गार्डन : मंडोर गार्डन एक धरोहर स्थल है जो ऐतिहासिक होने के साथ शहर की प्राकृतिक खूबसूरती को भी बढ़ाता है। जोधपुर से पहले मंडोर, मारवाड़ की राजधानी थी। मंडोर गार्डन जोधपुर से उत्तर दिशा में 9 किलोमीटर दूर है। मंडोर गार्डन की खूबसूरती एक बार देखने के बाद आप बार-बार इसकी और आकर्षित होंगे।
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